वाराणसी के खिड़कियां घाट का अस्तित्व समाप्त, अब नमो घाट:नगर निगम की कार्यकारिणी में बनी सहमति, अभिलेख में दर्ज होगा नमो घाट नाम

वाराणसी की मिनी सदन में बुधवार को एक ऐसी सहमति बनी जिससे खिड़कियां घाट नाम का अस्तित्व मिट जाएगा। खिड़कियां घाट अब नमो घाट के नाम से जाना जाएगा। पहले राजघाट, भैंसासुर घाट और आदिकेशव घाट के बीच के घाट को खिड़कियां घाट के नाम से जाना जाता था। नगर निगम के अभिलेख में भी यही दर्ज था। महापौर की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी की बैठक में नाम बदलने व अभिलेख में इसे दर्ज करने को लेकर आम सहमति बन गई। कार्यकारिणी को मिला अधिकार महापौर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 91(1) के अन्तर्गत अनुज्ञप्ति विभाग के उपविधि का प्रस्ताव रखा गया। कार्यकारिणी समिति के द्वारा इस शर्त के साथ पारित किया गया कि भविष्य में किसी भी प्रकार का परिवर्तन करने का अधिकार कार्यकारिणी व सदन में होगा। उपसभापति ने रखा प्रस्ताव 91(2) के अन्तर्गत प्रस्तुत प्रस्ताव के तहत उपसभापति ने कार्यकारिणी समिति की बैठक में प्रस्ताव रखा। उपसभापति ने आदिकेशवघाट एवं राजघाट, भैंसासुर घाट के बीच बने नये घाट का नामकरण ‘‘नमो घाट’’ करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। महापौर एवं सभी कार्यकारिणी समिति के सदस्यों के द्वारा इस प्रस्ताव पर स्वीकृति देते हुये अग्रिम कार्यवाही हेतु नगर आयुक्त को कहा गया। 243 आवास, महज 55 निगम कर्मी आवंटी कार्यकारिणी की बैठक में राजस्व विभाग के द्वारा बताया गया कि नगर निगम के कुल 243 आवास हैं, जिसमें वर्तमान में नगर निगम कर्मी के रूप में मात्र 55 आवंटी हैं, तथा 66 आवासों में सेवानिवृत्त/ स्थानान्तरित/ मृतक के परिवार रहते हैं। साथ ही 85 आवास, आम नागरिकों को आवंटित किया गया तथा 37 आवासों में अवैध रूप से लोग निवास कर रहे हैं। राजस्व विभाग के द्वारा बताया गया कि आवंटियों को 15 वर्ष के लिये पूर्व में आवंटन के तहत अनुबन्ध किया गया है, जिसकी समय सीमा पूर्ण हो चुकी है। कार्यकारिणी समिति द्वारा निर्णय पारित किया गया कि अनुबन्ध की समय सीमा पूर्ण हो जाने के फलस्वरूप सभी को नोटिस जारी किया , तथा बाजार दर एवं डीएम सर्किल रेट का परीक्षण कर नियमानुसार किराया निर्धारित किया जाये, तथा पुनः अनुबन्ध की कार्यवाही की जाय। वाहन स्टैंडों का किराया बढ़ा प्रदेश सरकार की तरफ से वाहन स्टैंडों का किराया बढ़ाने व नई नियमावली जारी की गई थी। बैठक में शासन के निर्णय का अनुपालन करने के बाबत प्रस्ताव से अवगत कराया गया। कार्यकारिणी की बैठक में नगर आयुक्त श्री अक्षत वर्मा, अपर नगर आयुक्त श्री राजीव कुमार राय, श्रीमती सवित यादव, श्री विनोद कुमार गुप्ता, संयुक्त नगर आयुक्त श्री कृष्ण चन्द्र, मुख्य अभियन्ता श्री मोईनुद्दीन, महाप्रबन्धक जलकल श्री अनूप सिंह, सचिव श्री ओ0पी0 सिंह, उपसभापति श्री नरसिंह दास, सदस्य श्री अमरदेव यादव, श्री प्रमोद राय, श्रीमती गरिमा सिंह, श्री मदन दूबे, श्री श्याम आसरे मौर्य, श्री अक्षयवर सिंह, श्री हनुमान प्रसाद, श्री सुशील कुमार गुप्ता, श्री सुरेश कुमार, एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

Nov 13, 2024 - 19:00
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वाराणसी के खिड़कियां घाट का अस्तित्व समाप्त, अब नमो घाट:नगर निगम की कार्यकारिणी में बनी सहमति, अभिलेख में दर्ज होगा नमो घाट नाम
वाराणसी की मिनी सदन में बुधवार को एक ऐसी सहमति बनी जिससे खिड़कियां घाट नाम का अस्तित्व मिट जाएगा। खिड़कियां घाट अब नमो घाट के नाम से जाना जाएगा। पहले राजघाट, भैंसासुर घाट और आदिकेशव घाट के बीच के घाट को खिड़कियां घाट के नाम से जाना जाता था। नगर निगम के अभिलेख में भी यही दर्ज था। महापौर की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी की बैठक में नाम बदलने व अभिलेख में इसे दर्ज करने को लेकर आम सहमति बन गई। कार्यकारिणी को मिला अधिकार महापौर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 91(1) के अन्तर्गत अनुज्ञप्ति विभाग के उपविधि का प्रस्ताव रखा गया। कार्यकारिणी समिति के द्वारा इस शर्त के साथ पारित किया गया कि भविष्य में किसी भी प्रकार का परिवर्तन करने का अधिकार कार्यकारिणी व सदन में होगा। उपसभापति ने रखा प्रस्ताव 91(2) के अन्तर्गत प्रस्तुत प्रस्ताव के तहत उपसभापति ने कार्यकारिणी समिति की बैठक में प्रस्ताव रखा। उपसभापति ने आदिकेशवघाट एवं राजघाट, भैंसासुर घाट के बीच बने नये घाट का नामकरण ‘‘नमो घाट’’ करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। महापौर एवं सभी कार्यकारिणी समिति के सदस्यों के द्वारा इस प्रस्ताव पर स्वीकृति देते हुये अग्रिम कार्यवाही हेतु नगर आयुक्त को कहा गया। 243 आवास, महज 55 निगम कर्मी आवंटी कार्यकारिणी की बैठक में राजस्व विभाग के द्वारा बताया गया कि नगर निगम के कुल 243 आवास हैं, जिसमें वर्तमान में नगर निगम कर्मी के रूप में मात्र 55 आवंटी हैं, तथा 66 आवासों में सेवानिवृत्त/ स्थानान्तरित/ मृतक के परिवार रहते हैं। साथ ही 85 आवास, आम नागरिकों को आवंटित किया गया तथा 37 आवासों में अवैध रूप से लोग निवास कर रहे हैं। राजस्व विभाग के द्वारा बताया गया कि आवंटियों को 15 वर्ष के लिये पूर्व में आवंटन के तहत अनुबन्ध किया गया है, जिसकी समय सीमा पूर्ण हो चुकी है। कार्यकारिणी समिति द्वारा निर्णय पारित किया गया कि अनुबन्ध की समय सीमा पूर्ण हो जाने के फलस्वरूप सभी को नोटिस जारी किया , तथा बाजार दर एवं डीएम सर्किल रेट का परीक्षण कर नियमानुसार किराया निर्धारित किया जाये, तथा पुनः अनुबन्ध की कार्यवाही की जाय। वाहन स्टैंडों का किराया बढ़ा प्रदेश सरकार की तरफ से वाहन स्टैंडों का किराया बढ़ाने व नई नियमावली जारी की गई थी। बैठक में शासन के निर्णय का अनुपालन करने के बाबत प्रस्ताव से अवगत कराया गया। कार्यकारिणी की बैठक में नगर आयुक्त श्री अक्षत वर्मा, अपर नगर आयुक्त श्री राजीव कुमार राय, श्रीमती सवित यादव, श्री विनोद कुमार गुप्ता, संयुक्त नगर आयुक्त श्री कृष्ण चन्द्र, मुख्य अभियन्ता श्री मोईनुद्दीन, महाप्रबन्धक जलकल श्री अनूप सिंह, सचिव श्री ओ0पी0 सिंह, उपसभापति श्री नरसिंह दास, सदस्य श्री अमरदेव यादव, श्री प्रमोद राय, श्रीमती गरिमा सिंह, श्री मदन दूबे, श्री श्याम आसरे मौर्य, श्री अक्षयवर सिंह, श्री हनुमान प्रसाद, श्री सुशील कुमार गुप्ता, श्री सुरेश कुमार, एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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