वाराणसी में पशु-पक्षियों की डिजिटल काउंटिंग शुरू:गांव से लेकर शहर तक हर घर गिने जाएंगे पशु-पक्षी, फरवरी तक पूरी होनी है 21वीं पशुधन जनगणना
आपने अगर अपने घर में कोई जानवर-पक्षी पाल रखा है तो उसका डिजिटल ब्यौरा भारत सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए तैयार हो जाइए। वाराणसी में 21वीं राष्ट्रीय पशुधन गणना बुधवार से शुरू हो गई है। शहर के 100 वार्डों से लेकर 1310 गांवों में पशु-पक्षियों की डिजिटल गणना होनी है। पशु विभाग को समय से किट उपलब्ध नहीं होने के कारण वाराणसी में पशु-पक्षियों का सरकारी अभिलेखों में विवरण दर्ज का कार्य देर से शुरू हुआ है। जानिए कितने कर्मचारी लगाए गए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (पशु) डाक्टर बीपी पाठक ने बताया कि वाराणसी में पशु-पक्षियों की गणना के लिए कुल 187 गणनाकार, 23 सुपरवाइजर एवं 01 जनपद स्तर पर नोडल की ड्यूटी लगाई गयी है। गणनाकारों को जानवरों की गणना के दौरान पशु पक्षियों की तस्वीर लेकर भारत सरकार की संबंधित वेबसाइट पर अपलोड भी करनी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (पशु) ने बताया कि गणना कर्मी को किट उपलब्ध कराने के साथ ही ड्यूटी चार्ट दे दिया गया है। ग्रमीण इलाके में एक गणना कर्मी को तीन हजार और शहर में चार हजार परिवार के सर्वे की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन जानवरों की होनी है गणना, तैयार होगा चार्ट पशुओं की गणना में गाय, भैंस, बकरी, विदेशी, देशी नस्ल के श्वान, गधे, की शुद्ध एवं क्रास तथा मुर्गियों, बत्तख, ब्रायलर, कणकनाथ, ककरैल शामिल हैं। टारगेट करना है पूरा मुख्य चिकित्सा अधिकारी (पशु) ने बताया कि वाराणसी के 1310 गांवों, 135 वार्डो में ड्यूटी लगाई जा रही है। 69 स्थानों पर गणना का कार्य शुरू कर दिया गया है। फरवरी 2025 तक टारगेट पूरा करना है। पशु पक्षियों के मालिक से अपील की जा रही है कि दरवाजे पर आने वाले गणनाकार का सहयोग करें, अगर आप किसी जानवर, पक्षी का पालन पोषण करते हैं तो उसका सम्पूर्ण विवरण दर्ज कराएं।
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