एटा में डीएपी नहीं मिलने से किसान परेशान:बोले-  आलू का बीज सड़ गया, लेकिन खाद नहीं मिली; लगता है अब आत्महत्या करना पड़ेगा

एटा में डीएपी खाद की भारी कमी ने किसानों को संकट में डाल दिया है। आलू की बुवाई के समय किसानों को इसकी सख्त जरूरत है, लेकिन सहकारी समितियों से खाद की उपलब्धता न होने के कारण किसान गहरी परेशानी में हैं। इस कमी के चलते किसानों का आलू का बीज बर्बाद हो रहा है। आवगड़ में स्थिति काफी गंभीर है, जहां सैकड़ों किसानों का आलू का बीज सड़ गया। आक्रोशित किसानों ने सहकारी समिति पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों ने कई दिन पहले ही अंगूठे लगवा लिए थे, लेकिन खाद अभी तक नहीं मिली। गुस्साए किसानों ने सड़े हुए बीज को जिनावली स्थित सहकारी खाद विक्रय केंद्र के गोदाम पर फैला दिया। किसान बृजेश सिंह ने बताया कि करीब 10-11 किसान ऐसे हैं। जिनके फिंगरप्रिंट तो ले लिए गए हैं, लेकिन 10 दिन बाद भी उन्हें डीएपी खाद नहीं मिल पाई। सचिव को कई बार फोन किया गया, लेकिन न तो बातचीत हो पाई और न ही खाद का इंतजाम हुआ। आलू का बीज बुआई के लिए पड़ा-पड़ा सड़ चुका हैय़ जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। बृजेश ने कहा- अब तो आत्महत्या ही करनी पड़ेगी। किसान नेता शिव प्रताप सिंह ने सहकारी समिति के सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि सचिव पहले ही गरीब किसानों के अंगूठे लगवा लेता है और फिर खाद देने में आनाकानी करता है। उनका आरोप है कि डीएपी खाद की कालाबाजारी की जा रही है। जिससे किसानों की मेहनत और धन दोनों बर्बाद हो रहे हैं। जिला प्रशासन की इस मसले पर चुप्पी ने किसानों में निराशा और आक्रोश भर दिया है। भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। सहकारी समिति पर किसानों के प्रदर्शन करने के मामले पर AR COPRRETIVE सतीश कुमार बातचीत की गई तो उन्होंने बताया मामला संज्ञान में है। मामले की जांच कराई जा रही है।

Nov 2, 2024 - 16:15
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एटा में डीएपी नहीं मिलने से किसान परेशान:बोले-  आलू का बीज सड़ गया, लेकिन खाद नहीं मिली; लगता है अब आत्महत्या करना पड़ेगा
एटा में डीएपी खाद की भारी कमी ने किसानों को संकट में डाल दिया है। आलू की बुवाई के समय किसानों को इसकी सख्त जरूरत है, लेकिन सहकारी समितियों से खाद की उपलब्धता न होने के कारण किसान गहरी परेशानी में हैं। इस कमी के चलते किसानों का आलू का बीज बर्बाद हो रहा है। आवगड़ में स्थिति काफी गंभीर है, जहां सैकड़ों किसानों का आलू का बीज सड़ गया। आक्रोशित किसानों ने सहकारी समिति पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों ने कई दिन पहले ही अंगूठे लगवा लिए थे, लेकिन खाद अभी तक नहीं मिली। गुस्साए किसानों ने सड़े हुए बीज को जिनावली स्थित सहकारी खाद विक्रय केंद्र के गोदाम पर फैला दिया। किसान बृजेश सिंह ने बताया कि करीब 10-11 किसान ऐसे हैं। जिनके फिंगरप्रिंट तो ले लिए गए हैं, लेकिन 10 दिन बाद भी उन्हें डीएपी खाद नहीं मिल पाई। सचिव को कई बार फोन किया गया, लेकिन न तो बातचीत हो पाई और न ही खाद का इंतजाम हुआ। आलू का बीज बुआई के लिए पड़ा-पड़ा सड़ चुका हैय़ जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। बृजेश ने कहा- अब तो आत्महत्या ही करनी पड़ेगी। किसान नेता शिव प्रताप सिंह ने सहकारी समिति के सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि सचिव पहले ही गरीब किसानों के अंगूठे लगवा लेता है और फिर खाद देने में आनाकानी करता है। उनका आरोप है कि डीएपी खाद की कालाबाजारी की जा रही है। जिससे किसानों की मेहनत और धन दोनों बर्बाद हो रहे हैं। जिला प्रशासन की इस मसले पर चुप्पी ने किसानों में निराशा और आक्रोश भर दिया है। भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। सहकारी समिति पर किसानों के प्रदर्शन करने के मामले पर AR COPRRETIVE सतीश कुमार बातचीत की गई तो उन्होंने बताया मामला संज्ञान में है। मामले की जांच कराई जा रही है।

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