कानपुर में धनतेरस पर हुआ 900 करोड़ का करोबार:गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति, सोने-चांदी के सिक्के, सजावट का सामान और झाड़ू खरीदते लोग
कानपुर में धनतेरस पर लोगों ने जमकर खरीदारी की। बाजारों में देर रात तक खरीदारों की भीड़ नजर आई। अनुमान है कि शहर में खरीदारों ने लगभग 900 करोड़ रुपए की खरीदारी कुछ ही घंटे में कर डाली। कानपुर की इनमें से प्रमुख बाजारों में अलग-अलग और एंटीक चीज भी दुकानों में नजर आईं। बीते साल से कम हुई बिक्री कुछ दुकानदारों ने बीते साल से बिक्री कम होने की बात कही, जिसके कारण उन्होंने ऑनलाइन शॉपिंग बताया है। प्रमुख बाजारों में नवीन मार्केट ,हटिया बर्तन बाजार ,बादशाहिनाका गणेश लक्ष्मी मूर्तियों का बाजार, बिरहाना रोड सोना चांदी बाजार,और इसके साथ ही जनरल गंज में सजावट के माले और आर्टिफिशल फूलों की लड़ियों जैसे सामान की जमकर बिक्री हुई। शहर की इन बाजारों में जमकर खरीददारी हुई धनतेरस की बिरहाना रोड सर्राफा बाजार में पूरी सड़क, भीड़ से भरी हुई दिखाई दे रही थी। बाजार में बड़े-बड़े सोने चांदी के आभूषणों के शोरूम में भीड़ खरीददारी करती हुई नजर आई। सबसे ज्यादा सोने की गिन्नी और चांदी के सिक्कों की बिक्री हुई। धनतेरस मनाने के लिए आभूषणों की खरीदारी को शुभ माना जाता है। एक अनुमान के मुताबिक तकरीबन शहर में 300 करोड़ रुपए का कारोबार सर्राफा बाजार से हुआ है। हटिया बर्तन बाजार प्रदेश के सबसे थोक बर्तन बाजारों में गिना जाता है। दीपावली से पहले धनतेरस के दिन यहां पर लोग बर्तन खरीदने आते हैं। शगुन पूरा करने के लिए कर रहे हैं खरीददारी दिवाली की पूजा में नए बर्तन रखकर पूजा करना शुभ माना जाता है। हटिया बर्तन बाजार में देर रात लोग खरीदारी करते रहे। लेकिन बर्तन बाजार के कारोबारी आशीष चौबे ने बताया कि बर्तन बाजार में अब वह रौनक नहीं रह गई है। जो पहले धनतेरस में हुआ करती थी। इसका सबसे बड़ा कारण महंगाई और ऑनलाइन शॉपिंग है। लोग खरीदारी तो कर रहे हैं लेकिन केवल शगुन पूरा करने के लिए। नवीन मार्केट में शहर के सबसे पुराने बाजारों में गिना जाता है। यहां अलग-अलग स्टॉल नजर आए। लेकिन यह बाजार कपड़े की खरीदारी के लिए सबसे ज्यादा फेमस है। इसके साथ यहां पर अगर एंटीक चीजों की बात की जाए तो कोलकाता से लाई गई श्री गणेश - लक्ष्मी की मूर्तियां को लोग को पसंद कर रहे थे। मूर्ति बेचने वाले रूपेश सोनकर और पूजा सोनकर ने बताया कि वह 4 महीने पहले कोलकाता में आर्डर देते हैं और एक महीने पहले मूर्तियां कलकत्ता से ले आते हैं। झाडू की खूब बिक्री हुई बादशाही नाका गणेश लक्ष्मी मूर्ति बाजार, ख़ील खिलौना बाजार तकरीबन 70 साल से लगाया जा रहा है। बादशाही नाका से लेकर कलक्टर गंज तक गणेश लक्ष्मी और खील,चूरा,गट्टा के साथ खिलौने की दुकान सजी हुई दिखाई दी। पूजा और प्रसाद के सामान की बिक्री के लिए दुकानों पर भीड़ दिखाई दी। लेकिन धनतेरस के दिन सबसे ज्यादा अगर किसी चीज की बिक्री दिखाई दी वो झाड़ू था। इसकी जमकर बिक्री हुई। यहां हर हाथ में अलग सामानों के साथ झाड़ू जरूर दिखाई दी। क्योंकि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना शुभ होता है। कोलकाता की मूर्तियां यहां बिक रही हैं उन्होंने बताया कि बीते 11 साल से वह कोलकाता से मूर्तियां लाकर बेच रहे हैं। इसके साथ ही नवीन मार्केट में ही परफ्यूम का एक अलग स्टॉल देखने को मिला,जिसमें ऐसे परफ्यूम की बिक्री की जा रही थी, जो किसी भी तरह से शारीरिक रूप से नुकसान नहीं पहुंचा सकते। उसकी खासियत के बारे में फराज नबी ने बताया कि यह केमिकल से नहीं बनाए गए हैं। यह बिल्कुल नेचुरल है। इससे किसी भी व्यक्ति को कोई एलर्जी नहीं हो सकती। उनके पास अलग-अलग तरह के तकरीबन 50 से ज्यादा खुशबू के परफ्यूम बिक्री के लिए मौजूद थे। भगवान के वस्त्रों की खरीददारी हो रही है जर्नलगंज अर्टिफिशल फूल सजावट बाजार में भी घरों को सजाने और अपने घर के मंदिरों को सजाने के लिए अलग-अलग किस्म की सजावट की चीजों की जमकर बिक्री हुई। यह बाजार आर्टिफिशियल फूलों की लडी और भगवान के वस्त्रों का सबसे बड़ा थोक बाजार है। क्योंकि लोगों को यहां पर कम कीमत में अच्छी सजावट की चीज मिल जाती है। इसकी वजह से यहां पर भी भीड़ नजर आई। दुकानदार रवि सैनी ने बताया की बनी बनाई रंगोली और आर्टिफिशियल फूलों की लड़ी की बिक्री ज्यादा हो रही है। इसके साथ भगवान के वस्त्रों की भी खरीदारी लोग कर रहे हैं।
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