वाराणसी में सात साल से लापता युवती समेत बेटी बरामद:अदालत के आदेश से चार माह पहले दर्ज हुआ था हत्या का केस, अपहरण और दुष्कर्म में आरोपी की तलाश
वाराणसी के लंका थाने में जिन महिला की हत्या केस दर्ज था, उसे सात साल बाद पुलिस ने ढूंढ निकाला। कोर्ट के आदेश पर चार महीने पहले दर्ज हत्या के केस में कड़ियां जोड़ती पुलिस को महिला जिंदा मिली, वह अकेली नहीं बल्कि एक बेटी के साथ थी। पुलिस की जांच में मामला हत्या नहीं बल्कि अपहरण और दुष्कर्म का सामने आया। अपहरणकर्ता का खौफ इतना कि सात साल में युवती अपने घर फोन या मैसेज भी नहीं कर सकी। घर से अपहरण के बाद आरोपी कई प्रदेशों और जिलों में घूमता रहा और उससे दुष्कर्म करता रहा। दुष्कर्म के वीडियो बना लिए और फिर उन्हें वायरल करने की धमकी देता रहा। पुलिस की तलाश और कार्रवाई के भरोसे के बाद युवती अपनी पांच वर्षीय पुत्री के साथ बनारस के सीरगोवर्धनपुर स्थित अपने आवास पहुंची, जहां उसे पता चला कि परिजन उसकी मौत को मान चुके हैं और पितृपक्ष में पिंडदान भी कर दिया। हालांकि उसकी आपबीती सुनकर परिजन भी स्तब्ध रह गए। पुलिस ने युवती के बयान के आधार पर हत्या का मुकदमा अपहरण और दुष्कर्म की धारा में तरमीम किया गया। पुलिस ने आरोपी सीरगोवर्धनपुर निवासी बबलू को हिरासत में लिया है, आज दोपहर बाद पूछताछ करके पुलिस आरोपी को अदालत में पेश करेगी चार महीने पहले पिता ने दर्ज कराया था हत्या का केस लंका थाना क्षेत्र के सीरगोवर्धनपुर क्षेत्र निवासी युवती के पिता ने लगभग छह साल नौ महीने से लापता युवती की हत्या कर शव गायब करने के आरोप में अदालत के आदेश से चार माह पहले लंका थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। बताया कि उसकी पुत्री 14 वर्ष की थी। 12 जनवरी 2018 को उसकी पुत्री को शादी का झांसा देकर बबलू ने उसका अपहरण कर लिया। बिरादरी की पंचायत हुई तो बबलू की मां उषा ने कहा कि तुम्हारी बेटी से हमारे बेटे ने शादी कर ली है। इसके बाद उसकी बेटी और बबलू कभी घर नहीं आए। 14 अप्रैल 2023 को बबलू घर आया तो उसने अपनी बेटी के बारे में पूछा। उसने कहा कि उसे नहीं पता है और न वह उसके बारे में जानता है। काफी खोजबीन के बाद भी उसकी बेटी का पता नहीं लगा तो उसने पुलिस से कार्रवाई की गुहार लगाई। पुलिस ने सुनवाई नहीं की तो बेटी को मृत मानकर उसकी हत्या की आंशका पर पीड़ित पिता अदालत की शरण में गया। अदालत के आदेश से उसकी बेटी की हत्या कर शव गायब करने के आरोप में 19 जून 2014 को लंका थाने में बबलू और उषा के खिलाफ लंका थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। बनारस से मुंबई में रही और अब पानीपत ठिकाना लंका इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज हुआ तो पुलिस ने पड़ताल शुरू की। इंस्पेक्टर रामधारी और सिपाही अर्चना वर्मा की टीम गठित कर जांच शुरू की। बबलू के बारे में उसके करीबियों और सर्विलांस की मदद से पता किया गया तो सामने आया कि वह युवती को बनारस से लेकर सबसे पहले मुंबई गया था। वहां से दोनों हरियाणा के पानीपत जाकर रहने लगे थे। दोनों के बीच मनमुटाव हुआ तो युवती को उसकी बेटी के साथ पानीपत में छोड़ कर बबलू घर भाग गया। युवती से संपर्क किया गया तो पता चला कि वह दूसरों के घर में चौका-बर्तन का काम करती है। युवती से संपर्क करने पर वह अपनी बेटी के साथ घर आने को तैयार हो गई। पुलिस के भरोसे पर युवती अपनी पांच वर्षीय पुत्री के साथ सीरगोवर्धनपुर क्षेत्र स्थित घर पहुंच गई है। अपहरण के बाद करता रहा दुष्कर्म, वीडियो भी बनाए सीरगोवर्धनपुर क्षेत्र निवासी युवती के पिता ने बबलू पर ही बेटी के साथ गलत करने का आरोप लगाया था, पुलिस की जांच में भी वहीं सामने आया। हत्या का मुकदमा दर्ज होने पर पड़ताल ने पुलिस को पानीपत पहुंचा दिया। युवती ने बताया कि बबलू ने उसका अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके साथ लगातार रहने और दुष्कर्म के बाद ही वह एक बेटी की मां बनी। दुष्कर्म का वीडियो भी बबलू ने बना लिया था। बबलू उसे धमकी देता था कि यदि वह किसी और के साथ जाएगी तो वह उसके दुष्कर्म का वीडियो वायरल कर देगा। इसी वजह से वह मजबूर होकर अपनी बेटी के साथ रहती थी।
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