वाराणसी हत्याकांड- पूरे परिवार को 2-2 गोलियां मारीं:3 बाहरी के फिंगर प्रिंट; गन नहीं मिली; भतीजा पुलिस हिरासत में
वाराणसी में करोड़पति शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता के पूरे परिवार की हत्या की गई थी। पुलिस जांच अब इस दिशा में आगे बढ़ गई है। कल तक पत्नी और 3 बच्चों की हत्या के बाद राजेंद्र के सुसाइड की थ्योरी थी, जो अब पलट गई। इसकी 4 वजह... 1- राजेंद्र और उसके पूरे परिवार की हत्या एक जैसी गन से की गई। दोनों क्राइम स्पॉट पर वारदात में इस्तेमाल गन नहीं मिली। 2- कारोबारी राजेंद्र गुप्ता की न्यूड लाश मिली। उन्हें भी दो गोली मारी गई। 3- कारोबारी के घर में फोरेंसिक टीम को 3 बाहरी लोगों के फिंगर प्रिंट मिले हैं। 4- परिवार के 5 लोगों को 2-2 गोलियां मारीं। सिर और सीने में। गोली मारने का पैटर्न एक जैसा था। दरअसल, वाराणसी के भदैनी इलाके में मंगलवार दोपहर को राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू गुप्ता (42), दो बेटे नवनेंद्र (25), सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (16) की लाश मिली। सभी की गोली मारकर हत्या की गई थी। पुलिस ने राजेंद्र गुप्ता (45) का फोन ट्रेस किया। इसकी लोकेशन रोहनिया के मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान के एक कमरे में मच्छरदानी लगे बिस्तर पर राजेंद्र गुप्ता की न्यूड लाश मिली। बॉडी पर भी गन शॉट थे। कारोबारी का बड़ा बेटा नवनेंद्र बेंगलुरु में मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर था। छोटा बेटा और बेटी DPS में पढ़ते थे। दो किरदार सामने आए, नाम- जुगनू और विक्की पुलिस की शुरुआती जांच के आधार पर यह थ्योरी सामने आई कि कारोबारी ने पूरे परिवार की हत्या के बाद सुसाइड कर लिया। राजेंद्र गुप्ता, अपने पिता, भाई और गार्ड की हत्या में आरोपी रह चुका है। हालांकि, जब जांच आगे बढ़ी तो पुलिस की यह थ्योरी बदलना शुरू हो गई। पुलिस की जांच राजेंद्र के भाई कृष्णा गुप्ता के बेटों- जुगनू और विक्की पर टिक गई है। हत्या वाली रात (सोमवार) जुगनू और विक्की को देखा गया था। वह घर के पास ही मौजूद थे। राजेंद्र गुप्ता ने ही 27 साल पहले अपने भाई कृष्णा गुप्ता का मर्डर प्रॉपर्टी विवाद में किया था। जुगनू मंगलवार देर रात थाने पहुंचा। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है, जबकि दूसरा बेटा विक्की की लोकेशन अहमदाबाद में मिली है। उसका फोन स्विच ऑफ जा रहा है। पुलिस अभी दोनों क्राइम स्पॉट, जिनकी दूरी 10-12 किमी है, उन रास्तों में लगे सीसीटीवी खंगाल रही है। हत्यारों की पहचान करने में जुटी है। पुलिस को शक यह भी है कि राजेंद्र गुप्ता के किसी दुश्मन (शक भतीजों पर) ने प्रोफेशनल शूटर्स हायर किए होंगे। इसके बाद इस वारदात को अंजाम दिलवाया। फिलहाल, पुलिस की जांच के बाद 4 मर्डर और राजेंद्र के सुसाइड से यू-टर्न लेकर 5 मर्डर तक पहुंच गई है। सवाल ये उठता है कि क्या 27 साल पहले हुए दोहरे हत्याकांड का बदला राजेंद्र और उसके परिवार को खत्म करके लिया गया है। पढ़िए भास्कर की पैरलल इन्वेस्टिगेशन.. फोरेंसिक टीम के अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया- शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी नीतू, दो बेटों और बेटी को बहुत करीब से गोली मारी गई। वारदात की जगह अलग-अलग है, मगर पैटर्न एक है। सभी को सिर और सीने में गोली मारी गई। यही नहीं, एक ही हथियार का इस्तेमाल किया गया। ऐसा लग रहा है कि किसी प्रोफेशनल किलर ने सभी को गोली मारी है। अफसर ने बताया- पांचों के शरीर से 7.62 एमएम की बुलेट मिली है। घटनास्थल को देखकर ऐसा लग रहा है कि परिवार को गोली मारने से पहले कमरे के दरवाजे को बंद किया गया, ताकि आवाज दूर तक न जाए। क्राइम स्पॉट से 13 खोखे बरामद हुए हैं। क्राइम स्पॉट से खून, बाल समेत तमाम एविडेंस कलेक्ट किए गए हैं। फिंगर प्रिंट और अन्य एविडेंस की बारीकी से जांच की गई है। फिलहाल, पुलिस अफसर और फोरेंसिक टीम हत्याकांड के बाद मिले सुरागों के तार जोड़ना शुरू कर चुके हैं। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने जांच और खुलासे के लिए DCP काशी और DCP वरुणा के नेतृत्व में 5 टीमों का गठन किया है। सभी टीमों को अलग-अलग टास्क सौंपे गए हैं। पहली पत्नी के बेटे की लोकेशन बिहार
DCP काशी गौरव बंसवाल ने बताया-राजेंद्र गुप्ता की पहली पत्नी के बेटे की लोकेशन आसनसोल (बिहार) में मिली है। उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया है। देर रात बड़ा भतीजा जुगनू पुलिस के पास आया है। उसने बताया कि वह दिल्ली में था। वाराणसी आने के बाद सब कुछ पता चला। छोटा भतीजा विक्की अभी गायब है। उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ है। पूछताछ के लिए मां शारदा देवी को भी पुलिस स्टेशन पुलिस में बुलाया था। उनके बयान को भी नोट कर लिया गया है। अब 1997 में जिस गार्ड की हत्या की गई थी। उसके परिवार के लोगों को भी थाने में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। अब भास्कर से मां की बातचीत पढ़िए... मां ने कहा - बेटा कल खाना खाकर गया, हत्या कैसे कर देगा
दैनिक भास्कर ने राजेंद्र की मां शारदा देवी से बात की। वह बहुत परेशान थीं, हमने पूछा - ये सब क्या हो गया? उन्होंने कहा - राजेंद्र दिवाली के बाद अपने नए घर में रहने चला गया। वो घर अभी बन ही रहा है। भाई दूज वाले दिन वो (राजेंद्र) आया था। शारदा ने बताया- टीका लगवाने के बाद उसने प्रसाद लिया। फिर वो कुछ देर में चला गया। कल राजेंद्र फिर आया था, उसने खाना खाया फिर वह सोने के लिए अपने नए घर में चला गया। आज लोग बता रहे हैं कि उसने अपनी पत्नी-बच्चों को मार डाला है। मगर, वह हत्या करने के लिए कब और कैसे आया? उसको मैंने घर में भी नहीं देखा। हमने फिर पूछा - घर का माहौल कैसा चल रहा था? शारदा देवी ने कहा - सब कुछ अच्छा चल रहा था। पति और पत्नी में कुछ झगड़े होते थे, वह तो हर घर में होते हैं। रुपए-पैसे की कोई तंगी थी नहीं। रात के वक्त मेरी बहू ने मुझे दवा दी थी। मैं करीब 10 बजे सो गई थी। राजेंद्र की मां के इसी बयान के बाद से ये सवाल खड़े हो रहे हैं कि घर में जब सब ठीक चल रहा था, तो राजेंद्र मर्डर करके सुसाइड क्यों करेगा? भास्कर टीम ने घर में काम करने वाली रेनू से बात की... हमने सबसे पहले 4 लोगों की लाश देखने वाली नौकरानी से भी बात की। उससे पूछा- तुम यहां पर क्या काम करती
वाराणसी में करोड़पति शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता के पूरे परिवार की हत्या की गई थी। पुलिस जांच अब इस दिशा में आगे बढ़ गई है। कल तक पत्नी और 3 बच्चों की हत्या के बाद राजेंद्र के सुसाइड की थ्योरी थी, जो अब पलट गई। इसकी 4 वजह... 1- राजेंद्र और उसके पूरे परिवार की हत्या एक जैसी गन से की गई। दोनों क्राइम स्पॉट पर वारदात में इस्तेमाल गन नहीं मिली। 2- कारोबारी राजेंद्र गुप्ता की न्यूड लाश मिली। उन्हें भी दो गोली मारी गई। 3- कारोबारी के घर में फोरेंसिक टीम को 3 बाहरी लोगों के फिंगर प्रिंट मिले हैं। 4- परिवार के 5 लोगों को 2-2 गोलियां मारीं। सिर और सीने में। गोली मारने का पैटर्न एक जैसा था। दरअसल, वाराणसी के भदैनी इलाके में मंगलवार दोपहर को राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू गुप्ता (42), दो बेटे नवनेंद्र (25), सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (16) की लाश मिली। सभी की गोली मारकर हत्या की गई थी। पुलिस ने राजेंद्र गुप्ता (45) का फोन ट्रेस किया। इसकी लोकेशन रोहनिया के मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान के एक कमरे में मच्छरदानी लगे बिस्तर पर राजेंद्र गुप्ता की न्यूड लाश मिली। बॉडी पर भी गन शॉट थे। कारोबारी का बड़ा बेटा नवनेंद्र बेंगलुरु में मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर था। छोटा बेटा और बेटी DPS में पढ़ते थे। दो किरदार सामने आए, नाम- जुगनू और विक्की पुलिस की शुरुआती जांच के आधार पर यह थ्योरी सामने आई कि कारोबारी ने पूरे परिवार की हत्या के बाद सुसाइड कर लिया। राजेंद्र गुप्ता, अपने पिता, भाई और गार्ड की हत्या में आरोपी रह चुका है। हालांकि, जब जांच आगे बढ़ी तो पुलिस की यह थ्योरी बदलना शुरू हो गई। पुलिस की जांच राजेंद्र के भाई कृष्णा गुप्ता के बेटों- जुगनू और विक्की पर टिक गई है। हत्या वाली रात (सोमवार) जुगनू और विक्की को देखा गया था। वह घर के पास ही मौजूद थे। राजेंद्र गुप्ता ने ही 27 साल पहले अपने भाई कृष्णा गुप्ता का मर्डर प्रॉपर्टी विवाद में किया था। जुगनू मंगलवार देर रात थाने पहुंचा। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है, जबकि दूसरा बेटा विक्की की लोकेशन अहमदाबाद में मिली है। उसका फोन स्विच ऑफ जा रहा है। पुलिस अभी दोनों क्राइम स्पॉट, जिनकी दूरी 10-12 किमी है, उन रास्तों में लगे सीसीटीवी खंगाल रही है। हत्यारों की पहचान करने में जुटी है। पुलिस को शक यह भी है कि राजेंद्र गुप्ता के किसी दुश्मन (शक भतीजों पर) ने प्रोफेशनल शूटर्स हायर किए होंगे। इसके बाद इस वारदात को अंजाम दिलवाया। फिलहाल, पुलिस की जांच के बाद 4 मर्डर और राजेंद्र के सुसाइड से यू-टर्न लेकर 5 मर्डर तक पहुंच गई है। सवाल ये उठता है कि क्या 27 साल पहले हुए दोहरे हत्याकांड का बदला राजेंद्र और उसके परिवार को खत्म करके लिया गया है। पढ़िए भास्कर की पैरलल इन्वेस्टिगेशन.. फोरेंसिक टीम के अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया- शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी नीतू, दो बेटों और बेटी को बहुत करीब से गोली मारी गई। वारदात की जगह अलग-अलग है, मगर पैटर्न एक है। सभी को सिर और सीने में गोली मारी गई। यही नहीं, एक ही हथियार का इस्तेमाल किया गया। ऐसा लग रहा है कि किसी प्रोफेशनल किलर ने सभी को गोली मारी है। अफसर ने बताया- पांचों के शरीर से 7.62 एमएम की बुलेट मिली है। घटनास्थल को देखकर ऐसा लग रहा है कि परिवार को गोली मारने से पहले कमरे के दरवाजे को बंद किया गया, ताकि आवाज दूर तक न जाए। क्राइम स्पॉट से 13 खोखे बरामद हुए हैं। क्राइम स्पॉट से खून, बाल समेत तमाम एविडेंस कलेक्ट किए गए हैं। फिंगर प्रिंट और अन्य एविडेंस की बारीकी से जांच की गई है। फिलहाल, पुलिस अफसर और फोरेंसिक टीम हत्याकांड के बाद मिले सुरागों के तार जोड़ना शुरू कर चुके हैं। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने जांच और खुलासे के लिए DCP काशी और DCP वरुणा के नेतृत्व में 5 टीमों का गठन किया है। सभी टीमों को अलग-अलग टास्क सौंपे गए हैं। पहली पत्नी के बेटे की लोकेशन बिहार
DCP काशी गौरव बंसवाल ने बताया-राजेंद्र गुप्ता की पहली पत्नी के बेटे की लोकेशन आसनसोल (बिहार) में मिली है। उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया है। देर रात बड़ा भतीजा जुगनू पुलिस के पास आया है। उसने बताया कि वह दिल्ली में था। वाराणसी आने के बाद सब कुछ पता चला। छोटा भतीजा विक्की अभी गायब है। उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ है। पूछताछ के लिए मां शारदा देवी को भी पुलिस स्टेशन पुलिस में बुलाया था। उनके बयान को भी नोट कर लिया गया है। अब 1997 में जिस गार्ड की हत्या की गई थी। उसके परिवार के लोगों को भी थाने में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। अब भास्कर से मां की बातचीत पढ़िए... मां ने कहा - बेटा कल खाना खाकर गया, हत्या कैसे कर देगा
दैनिक भास्कर ने राजेंद्र की मां शारदा देवी से बात की। वह बहुत परेशान थीं, हमने पूछा - ये सब क्या हो गया? उन्होंने कहा - राजेंद्र दिवाली के बाद अपने नए घर में रहने चला गया। वो घर अभी बन ही रहा है। भाई दूज वाले दिन वो (राजेंद्र) आया था। शारदा ने बताया- टीका लगवाने के बाद उसने प्रसाद लिया। फिर वो कुछ देर में चला गया। कल राजेंद्र फिर आया था, उसने खाना खाया फिर वह सोने के लिए अपने नए घर में चला गया। आज लोग बता रहे हैं कि उसने अपनी पत्नी-बच्चों को मार डाला है। मगर, वह हत्या करने के लिए कब और कैसे आया? उसको मैंने घर में भी नहीं देखा। हमने फिर पूछा - घर का माहौल कैसा चल रहा था? शारदा देवी ने कहा - सब कुछ अच्छा चल रहा था। पति और पत्नी में कुछ झगड़े होते थे, वह तो हर घर में होते हैं। रुपए-पैसे की कोई तंगी थी नहीं। रात के वक्त मेरी बहू ने मुझे दवा दी थी। मैं करीब 10 बजे सो गई थी। राजेंद्र की मां के इसी बयान के बाद से ये सवाल खड़े हो रहे हैं कि घर में जब सब ठीक चल रहा था, तो राजेंद्र मर्डर करके सुसाइड क्यों करेगा? भास्कर टीम ने घर में काम करने वाली रेनू से बात की... हमने सबसे पहले 4 लोगों की लाश देखने वाली नौकरानी से भी बात की। उससे पूछा- तुम यहां पर क्या काम करती हो? रेनू वर्मा ने कहा - मैं 5 साल से इस घर में खाना बनाने आ रही हूं। मुझे हर महीने 5500 रुपए मिलते हैं। परिवार के लोग घर में काफी खुश रहते थे। रेनू ने कहा- कल जब हम खाना बनाने आए थे, तब घर में शाम को कोई नहीं था, सब लोग बाहर घूमने गए थे। सभी छठ पूजा की तैयारी कर रहे थे। इनके सबसे बड़े लड़के बेंगलुरु में एक मल्टी लेवल कंपनी में काम करते थे। उनकी सैलरी एक लाख के करीब थी, वह पढ़ने में भी काफी अच्छे थे। रेनू ने कहा- बेटी पढ़ने में थोड़ी कमजोर थी। 10वीं में उसके नंबर भी कम आए थे, जिसकी वजह से परिवार वाले नाराज थे। इस बार अच्छे नंबर लाने के लिए कहा गया था। दिवाली पर सभी (राजेंद्र सहित) एक साथ थे। सभी ने मिलकर दिवाली मनाई थी। पड़ोसी बोले- पैसों की कमी नहीं, भला आदमी था राजेंद्र घर से बाहर आने के बाद हमने पड़ोसी योगेंद्र यादव से बात की। उन्होंने कहा- मैं तो राजेंद्र गुप्ता को रोज ही देखता था। उनका बैक ग्राउंड बहुत मजबूत था। 3 जगह पॉश लोकेशन पर मकान हैं, जिसकी सरकार, वह उसके साथ रहते थे। जितना मैं जानता हूं, वह एक भले आदमी थे। हत्याकांड की पड़ताल करते हुए भास्कर नीतू की सहेली तक पहुंचा... 15 साल बड़े राजेंद्र से अफेयर, फिर शादी की
वारदात की सूचना पर कारोबारी की पत्नी नीतू की सहेलियां भी घटनास्थल पर पहुंची। एक सहेली ने नीतू की पढ़ाई से लेकर शादी और अब तक के पहलुओं को दैनिक भास्कर से साझा किया। सहेली अनीता (काल्पनिक नाम) ने बताया कि नीतू स्कूल के समय से उसके टच में है। दरअसल, नीतू और राजेंद्र गुप्ता के घर आमने-सामने थे। दोनों में लव अफेयर हो गया। 17 जनवरी, 2000 को परिवार की मर्जी के बिना दोनों ने शादी कर ली, गैर जाति में शादी के बाद परिजनों ने संबंध तोड़ दिया। इसके बाद नीतू भदैनी पानी की टंकी के सामने सड़क पार गली में शिफ्ट हो गई। शादी के कुछ साल तक सब ठीक चला लेकिन फिर दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई। कुछ साल पहले नीतू को राजेंद्र के एक्सट्रा मैरिटल अफेयर के बारे में जानकारी मिली, सवाल उठे तो दोनों ने एक-दूसरे पर शक करना शुरू कर दिया। कई बार फोन कॉल को लेकर भी विवाद होते थे। 25वीं सालगिरह की तैयारी में जुटी थी सहेलियां
नीतू की सहेली ने बताया कि जनवरी 2025 को नीतू की शादी की 25वीं वर्षगांठ थी। वह इसे धूमधाम से मनाना चाहती थी। पिछले दिनों सब मिले तो तय हुआ था कि रिसॉर्ट में पार्टी करेंगे। नीतू ने इसके लिए गेस्ट लिस्ट भी बनाई थी और सहेलियों से साझा की थी। उम्र में 15 साल बड़े राजेंद्र शादी के बाद उसे अपनी प्रगति का बाधक मानते थे। लगातार उसे लेकर कुछ ना कुछ कहते थे, लेकिन सब दरकिनार करके नीतू अपने काम में लगी रहती थी। उसने ही मृत देवर के बेटा और बेटी को पालकर शादी कराई थी। सास के साथ मकान में रहती थी, किराया भी वसूलती थी
शादी के दौरान राजेंद्र और नीतू पैतृक मकान में रहते थे। लेकिन 15 साल पहले एक किमी दूर नए मकान में शिफ्ट हो गए थे। इस चार मंजिला मकान में मां शारदा देवी, राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी नीतू, बेटे नवेंद्र, सुवेंद्र और बेटी गौरांगी के साथ रहते थे। मकान की तीसरी मंजिल पर राजेंद्र ने अपने लिए एक-एक फ्लैट रखा था। जबकि बाकी अन्य कमरे और फ्लेटों में किरायेदार हैं। इन सभी कमरों का किराया नीतू वसूलती थी और अन्य मकानों से राजेंद्र गुप्ता खुद किराया लेते थे। राजेंद्र को प्रॉपर्टी फोबिया, संपत्ति के लिए की थी हत्याएं
नीतू की सहेली की माने तो राजेंद्र गुप्ता को प्रॉपर्टी फोबिया जैसा था, उसकी मानसिक हालत भी ठीक नहीं थी। कई बार हाइपर होकर नीतू से झगड़ा करता था, लेकिन अब नीतू उसे छोड़ने की स्थिति में नहीं थी। नीतू से शादी के दौरान उसे लगा कि सब ठीक हो जाएगा और उसके परिवार की संपत्ति भी उसे मिल जाएगी। नीतू ब्राह्मण थी और उसके परिजनों ने राजेंद्र को स्वीकार नहीं किया। नीतू एक महिलाओं के एक क्लब से जुड़ी थी। सहेली ने बताया कि उसे आंशका थी कि पत्नी जिस क्लब से जुड़ी है, उन सहेलियों से क्या साझा करती है। उसके सोशल मीडिया पोस्ट पर भी सवाल उठाता था। शराब के ठेकों और प्रॉपर्टी के लिए राजेंद्र ने अपने ही भाई, भाभी को मार डाला था। चलिए, 27 साल पहले चलते हैं... भदैनी इलाके में संपन्न कारोबारी लक्ष्मी नारायण के दो बेटे राजेंद्र गुप्ता और कृष्णा गुप्ता थे। घर में शराब और प्रॉपर्टी का बड़ा काम था। 5 लाख रुपए महीने मकानों के किराएदारी से आते थे। बाकी शराब ठेके अलग थे। कारोबार और प्रॉपर्टी की बागडोर छोटे बेटे कृष्णा के हाथ में रहती थी, वह पिता लक्ष्मी नारायण के ज्यादा करीब थे। यह बात राजेंद्र गुप्ता को अखरती थी। इसलिए दोनों भाइयों के बीच विवाद भी चल रहा था। इस परिवार में खूनी खेल की शुरुआत 1997 में हुई, जब राजेंद्र ने अपने छोटे भाई कृष्णा और उनकी पत्नी को घर में ही सोते हुए गोली मार दी थी। उसके बाद राजेंद्र मौके से फरार हो गया। पुलिस इन्वेस्टिगेशन में आखिरकार राजेंद्र फंसा और अरेस्ट होकर जेल चला गया। घर में कृष्णा के 2 बेटे जुगनू और विक्की थे, जिन्होंने राजेंद्र गुप्ता के खिलाफ थाने से लेकर कोर्ट तक केस की पैरवी की। राजेंद्र के जेल जाने के बाद भी कृष्णा के दोनों बेटों से विवाद बरकरार रहा। इस दौरान शराब ठेका और प्रॉपर्टी के कारोबार राजेंद्र के पिता लक्ष्मी नारायण संभालते रहे। उन्होंने अपने पौत्र जुगनू और विक्की को भी काम सिखाना शुरू कर दिया था। इस बीच 2003 में राजेंद्र पैरोल पर छूटकर जेल से बाहर आ गया। वह एक बार फिर पूरे कारोबार पर अपना वर्चस्व जमाने की कोशिश करने लगा। मगर, पिता लक्ष्मी नारायण का रुख सख्त था। वह नहीं चाहते थे कि उनके छोटे बेटे को मारने वाला परिवार में शामिल भी हो। इसलिए उन्होंने परिवार और कारोबार से राजेंद्र को दूर रखा। राजेंद्र को यह सब ठीक नहीं लगा। उसने अपने पिता के मर्डर की भी प्लानिंग कर डाली। पुलिस के मुताबिक, राजेंद्र ने आचार्य रामचंद्र शुक्ल चौराहा पर देसी शराब ठेका के पास अपने पिता लक्ष्मी नारायण की हत्या करवा दी। इस दौरान उनके साथ रहने वाले गार्ड को भी गोली मारी गई, उसकी मौत हो गई। यानी सुपारी देकर डबल मर्डर कराया गया। इसके बाद राजेंद्र ने कारोबार पर अपना वर्चस्व जमाना शुरू कर दिया। 2 शादियां कीं, दोनों पत्नियों से विवाद रहा
राजेंद्र ने 2 शादियां की। पहली शादी 1995 में हुई। उनसे 1 लड़का हुआ। 2 साल में ही राजेंद्र ने अपनी पहली पत्नी को छोड़ दिया। इसके बाद वह मर्डर केस में फंसा और 6 साल के लिए जेल चला गया। 2003 में जब राजेंद्र जेल से बाहर आया तो उसका नीतू से अफेयर हो गया। पहली पत्नी से एक लड़का था, जो अब साथ नहीं रहता। दूसरी पत्नी से 3 बच्चे हुए। 2 लड़के और एक लड़की। बड़ा बेटा नवनेंद्र (20) और छोटा सुबेंद्र (15) था। बेटी गौरांगी (16) मंझली थी। नवनेंद्र बेंगलुरु में मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर था। सुबेंद्र और गौरांगी DPS में पढ़ते थे। पुलिस ने जब पड़ोसियों और किराएदारों से पूछताछ की, तब सामने आया कि राजेंद्र की अपनी दूसरी पत्नी नीतू से भी नहीं बनती थी। राजेंद्र गुप्ता का अपनी पत्नी से झगड़ा होता रहता था। जब भी घर आता था तो जोर-जोर आवाजें आती थीं। वो कहता था कि तुमने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी है। मुझे तांत्रिक ने बताया है कि तुम्हारे कारण ही मेरी जिंदगी में तरक्की नहीं हो पा रही है। मैं जेल तक गया, लेकिन किस्मत से बाहर आ गया। जब से तुम्हारे साथ शादी हुई है, घुटन महसूस कर रहा हूं। हालांकि मां के बयानों से ऐसा नहीं लगता कि उसने अपने परिवार का मर्डर किया हो। ------------- अब भास्कर एक्सप्लेनर पढ़िए... चलते रहेंगे यूपी के 16 हजार मदरसे, सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा एक्ट को क्यों कानूनी करार दिया, 7 सवालों में समझिए सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए यूपी मदरसा एजुकेशन एक्ट को बरकरार रखा है। इसका मतलब है कि मदरसे चलते रहेंगे। इससे पहले हाईकोर्ट ने यूपी के मदरसों में पढ़ रहे सभी बच्चों का दाखिला सामान्य स्कूलों में कराने का आदेश दिया था। पढ़िए पूरी खबर...