विशाखा त्रिपाठी का पार्थिव शरीर आज मथुरा आएगा:28 को होगा अंतिम संस्कार, 3 दिन प्रेम मंदिर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा
जगदगुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी और JKP ट्रस्ट की चेयरमैन विशाखा त्रिपाठी का पार्थिव शरीर सोमवार को दिल्ली से वृंदावन लाया जाएगा। उनके अंतिम दर्शनों के लिए पार्थिव शरीर को प्रेम मंदिर में रखा जाएगा। जहां कृपालु महाराज और उनके अनुयाई अंतिम दर्शन करेंगे। 28 नवंबर को वृंदावन में यमुना तट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। यमुना एक्सप्रेस वे पर हुआ था हादसा करीब 75 वर्षीय डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी अपनी बहन श्यामा त्रिपाठी और कृष्णा त्रिपाठी सचिव दीपक और अन्य 5 लोगों के साथ सिंगापुर जाने के लिए वृंदावन से रविवार की जल्दी सुबह 2 कार से निकली थीं। वह जैसे ही नोएडा के दनकौर थाना क्षेत्र में पहुंची तभी एक अनियंत्रित कंटेनर ने टक्कर मार दी। हादसे में डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी की मृत्यु हो गई। जबकि उनकी दोनों बहन और अन्य लोग घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए दिल्ली के अपोलो अस्पताल भेज दिया। 3 दिन के प्रवास पर जा रहीं थी सिंगापुर डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी अपनी बहनों के साथ 3 दिन के सिंगापुर प्रवास पर जा रहीं थी। वह रात ढाई बजे वृंदावन के प्रेम मंदिर से निकलीं। उनको पहले दिल्ली द्वारिका में स्थित ट्रस्ट के गोकुल धाम मंदिर पर जाना था। जहां उनको एक उत्सव करना था। लेकिन दिल्ली पहुंचने से पहले दर्दनाक हादसा हो गया। दिल्ली से आयेगा पार्थिव शरीर हादसे के बाद सभी को दिल्ली के अपोलो अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने विशाखा त्रिपाठी को मृत घोषित कर दिया। हादसे की जानकारी मिलते ही ट्रस्ट से जुड़े लोग अपोलो अस्पताल पहुंच गए। जिसके बाद पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया की गई। लेकिन किसी कारण देर होने के बाद उनका पार्थिव शरीर अब सोमवार को दिल्ली से वृंदावन लाया जाएगा। अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा आश्रम में ट्रस्ट के प्रवक्ता अजय त्रिपाठी ने बताया बड़ी दीदी का पार्थिव शरीर सोमवार को दोपहर करीब 11 बजे तक वृंदावन पहुंचेगा। जिसके बाद पार्थिव शरीर को अनुयायियों के दर्शन के लिए प्रेम मंदिर परिसर में स्थित आश्रम में रखा जाएगा। जहां 3 दिन तक उनके अंतिम दर्शन होंगे। एक लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने की संभावना डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी के अंतिम दर्शनों के लिए एक लाख से ज्यादा उनके अनुयायियों के पहुंचने की संभावना है। इसके लिए प्रबंधन व्यवस्था करने में जुटा है। मंदिर परिसर स्थित 100*300 के हॉल में इंतजाम किए जा रहे हैं। डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी की अंतिम यात्रा 28 नवंबर को प्रेम मंदिर से शुरू हो कर वृंदावन में यमुना तट पर पहुंचेगी। जहां गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। कृपालु महाराज की विरासत को बढ़ा रहीं थी आगे जगद्गुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी विशाखा त्रिपाठी पिता के गोलोक गमन के 11 वर्ष बाद भी उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहीं थीं। उनके कुशल नेतृत्व और बेहतर सूझबूझ को देखते हुए कृपालु महाराज ने उनको वर्ष 2000 में ही संस्था का अध्यक्ष बना दिया था। कृपालु महाराज के दो बेटे भी हैं जिनमें से एक घनश्याम वृंदावन के चैतन्य बिहार इलाके में रहते हैं जबकि दूसरे प्रतापगढ़ में।
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