शिमला में नगर निगम ने तय की घुड़सवारी की रेट:पर्यटकों से वसूला जाता था मनमाना दाम, घोड़ा संचालकों की लूट होगी खत्म
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला विश्व विख्यात पर्यटन स्थल है। दुनिया भर से पर्यटक यहां घूमने पहुंचते है। शिमला के सुहाने मौसम में पर्यटक अक्सर घुड़सवारी का आनंद लेते हुए नजर आते हैं। लेकिन प्रशासन को अक्सर शिमला के रिज पर घोड़ा संचालकों की लूट करने यानी घुड़सवारी के मनमाने दाम वसूलने की शिकायतें मिलती रहती हैं। परंतु घोड़ा संचालकों की अब इस लूट पर विराम लगने वाला है। अब यह लोगों व पर्यटकों से घुड़सवारी के मनमाने दाम वसूल नहीं पाएंगे। नगर निगम शिमला ने घोड़ा संचालकों की रेट लिस्ट जारी कर दी है। लोगों ने की थी शिकायत सोमवार को नगर निगम ने रिज मैदान पर रेट लिस्ट लगा दी है। ऐसे में अब घोड़ा संचालक बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों से भारी भरकम रेट नहीं वसूल पाएंगे। इस रेट लिस्ट के तहत लोग 50 रुपए से लेकर 150 रुपए चक्कर के हिसाब से पैसे देंगे। दरअसल नगर निगम शिमला को लोगों द्वारा शिकायतें मिल रही थी। लोगों का कहना था कि घोड़ा संचालक अपनी मनमानी कर रहे हैं। यह मनमाने दामों पर रेट वसूल रहे हैं। जिस कारण लोगों को घुड़सवारी करने के लिए सोचना पड़ रहा है। नगर निगम को देना पड़ता है फीस लोगों की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए नगर निगम ने रेट लिस्ट जारी कर दी है। अब शिमला में घोड़ा संचालक मनमाने दामों पर रेट वसूल नहीं पाएंगे। नगर निगम शिमला के तहत रिज मैदान पर 23 घोड़ा संचालक पंजीकृत हैं। इससे पहले इनकी संख्या 15 थी। कुछ समय पहले नगर निगम के पास 8 घोड़ा संचालकों के आवेदन आए थे। जिसके बाद इनकी संख्या 23 हो गई है। नगर निगम इनसे सालाना 5 हज़ार रुपए लाइसेंस फीस वसूलता है। उलंघन करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर भुवन शर्मा ने बताया कि शिमला के रिज पर घोड़ा संचालकों द्वारा मनमाने दाम वसूलने की शिकायतें मिल रही थी। जिसके बाद रेट लिस्ट जारी कर रिज पर लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले घोड़ा संचालकों के खिलाफ नगर निगम प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।
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