शिवसेना विधायक शिरसाट बोले- शिंदे बड़ा फैसला लेंगे:महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर पेंच फंसा; शिंदे की मांग भाजपा को नामंजूर

महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आए एक हफ्ता हो चुका है लेकिन नई सरकार को लेकर पेच फंस अभी भी फंसा हुआ है। मुंबई में शुक्रवार को होने वाली महायुति की अहम बैठक टाल दी गई और कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अचानक सतारा चले गए। इसके बाद उनके नाराज होने की अटकलें लगने लगीं। हालांकि, पार्टी ने सभी अटकलों को खारिज कर दिया। इस बीच शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने कहा- शिंदे को जब भी कोई बड़ा फैसला लेना होता है तो वे अपने पैतृक गांव चले जाते हैं। वे कल शाम तक कोई बड़ा फैसला ले लेंगे। इससे पहले शिरसाट ने कहा था कि मुझे नहीं लगता, शिंदे डिप्टी सीएम का पद स्वीकार करेंगे। वहीं, सूत्रों ने बताया कि 1 दिसंबर को महायुति की बैठक होने के आसार हैं। इसके लिए भाजपा के 2 ऑब्जर्वर्स मुंबई आएंगे। इनकी मौजूदगी में भाजपा विधायक दल की मीटिंग होगी और मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। गृह और वित्त मंत्रालय पर बात अटकी सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री पद छोड़ने की सूरत में शिवसेना ने गृह और वित्त मंत्रालय पर दावा किया है। हालांकि भाजपा गृह और अजित पवार वित्त मंत्रालय नहीं छोड़ना चाहेंगे। शिवसेना का तर्क है कि एकनाथ सरकार में गृह​ मंत्रालय उप मुख्यमंत्री फडणवीस के पास था। इस हिसाब से अगर शिंदे डिप्टी सीएम बनें तो गृह मंत्रालय उन्हें मिलना चाहिए। डिप्टी सीएम पर शिवसेना में एक राय नहीं सूत्रों के अनुसार भाजपा ने शिंदे को डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिया है। पार्टी का तर्क है कि फडणवीस मुख्यमंत्री रहने के बावजूद शिंदे कैबिनेट में उप मुख्यमंत्री रहे थे। वहीं, शिंदे और उनके करीबी इसे डिमोशन मान रहे हैं। शिवसेना के कुछ नेताओं का कहना है कि महायुति को इतनी बड़ी जीत शिंदे की अगुवाई में मिली, इसलिए बिहार की तर्ज पर उन्हें मुख्यमंत्री होना चाहिए। बिहार में जदयू की कम सीटें हैं फिर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। वहीं, पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि शिंदे को डिप्टी सीएम बनना चाहिए। भाजपा मराठा नेताओं पर भी विचार कर रही माना जा रहा है कि CM चुनने में जातीय गणित की बड़ी भूमिका हो सकती है, क्योंकि 288 सीटों की विधानसभा में मराठा समुदाय के विधायक बड़ी संख्या में हैं। देवेंद्र फडणवीस ब्राह्मण हैं। ऐसे में भाजपा नेतृत्व CM के लिए कुछ मराठा नेताओं पर भी विचार कर रहा है। हालांकि, सूत्रों की मानें तो RSS के दबाव बढ़ाने पर फडणवीस के CM बनने की संभावना ज्यादा है। एक दिन पहले फड़णवीस, अजित-शिंदे ढाई घंटे शाह से मिले एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने 28 नवंबर की रात दिल्ली में करीब ढाई घंटे तक गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मीटिंग की। इससे पहले शिंदे ने आधे घंटे तक शाह से अकेले मुलाकात की। सूत्रों ने भास्कर को बताया कि हाईकमान ने शिंदे को डिप्टी सीएम या केंद्र में मंत्री पद का ऑफर किया है। शिंदे केंद्रीय मंत्री बनने का मन बनाते हैं तो उनके गुट से किसी अन्य नेता को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। शिंदे ने 2 दिन पहले कहा था- मोदी का हर फैसला स्वीकार 1. मैं आम आदमी, कभी खुद को CM नहीं समझा एकनाथ शिंदे ने 27 नवंबर को कहा था, 'आम आदमी को क्या समस्या आती है, वो मैं समझता हूं। मैंने कभी भी अपने आप को मुख्यमंत्री नहीं समझा। मैंने हमेशा आम आदमी बनकर काम किया। मैं देखता आ रहा हूं कि कुटुम्ब को कैसे चलाया जाता है। मैंने सोचा था कि जब मेरे पास अधिकार आएंगे तो जो परेशान हैं, उनके लिए योजनाएं लाएंगे।' 2. मैं आपका लाडला भाई, ये लोकप्रियता ज्यादा अच्छी शिंदे ने कहा, 'जब CM था, जब लोगों को लगता था कि हमारे बीच का मुख्ममंत्री है। घर हो, मंत्रालय हो, लोग आकर मिलते हैं। मेरी जो पहचान मिली है, वो आपकी वजह से है। मैंने लोकप्रियता के लिए काम नहीं किया, महाराष्ट्र की जनता के लिए काम किया। राज्य की बहनें और भाई अब खुश हैं। बहनों ने मेरा साथ दिया और मेरी रक्षा की, अब मैं उनका लाडला भाई हूं, यह पहचान अच्छी है।' 3. राज्य को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र का साथ जरूरी एकनाथ शिंदे बोले, 'हमने ढाई साल सरकार चलाई। इस दौरान केंद्र सरकार हमारे साथ मौजूद रही, खड़ी रही। हमारे हर प्रस्ताव को उसका समर्थन मिला। राज्य को चलाने के लिए केंद्र सरकार का साथ जरूरी है।' 4. हम अड़चन नहीं, पूरी शिवसेना को मोदी जी का फैसला स्वीकार शिंदे ने कहा, 'मैंने मोदीजी-शाहजी को फोन किया। मैंने उनसे कहा कि आपका जो भी फैसला होगा, हमें स्वीकार है। भाजपा की बैठक में आपका कैंडिडेट चुना जाएगा, वो भी हमें स्वीकार है। हम सरकार बनाने में अड़चन नहीं है। आप सरकार बनाने को लेकर जो फैसला लेना चाहते हैं, ले लीजिए। शिवसेना और मेरी तरफ से कोई अड़चन नहीं है।' 5. मोदी-शाह ढाई साल चट्टान की तरह साथ खड़े रहे उन्होंने कहा, 'हमने ढाई साल सरकार चलाई। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह ने मुझ जैसे कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी। ढाई साल तक दोनों चट्टान की तरह हमारे साथ खड़े रहे। मुझ से कहा कि आप जनता का काम करो और हम आपके साथ हैं।' 6. मुझे पद की लालसा नहीं, महाराष्ट्र में कोई स्पीड ब्रेकर नहीं एकनाथ शिंदे ने कहा, 'मुझे पद की लालसा नहीं। हम लड़ने वाले लोग नहीं हैं। हम काम करने वाले लोग हैं। मैंने पीएम और गृह मंत्री से भी कह दिया है कि महाराष्ट्र में कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है, कोई नाराज नहीं, कोई गायब नहीं है। यहां कोई मतभेद नहीं है। एक स्पीड ब्रेकर था वो था महा विकास अघाड़ी, वो हटा दिया है।' कांग्रेस नेताओं का चुनाव आयोग को लेटर, 2 बड़ी बातें... ----------------------------------------------------- महाराष्ट्र चुनाव से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... वोट मार्जिन 0.5% बढ़ा तो भाजपा की सीटें 105 से बढ़कर 132 हुईं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 149 सीटों पर लड़ी और 132 सीटें जीतीं। पार्टी का स्ट्राइक रेट 88% रहा। उसने सहयोगी पार्टियों सहित

Nov 30, 2024 - 05:05
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शिवसेना विधायक शिरसाट बोले- शिंदे बड़ा फैसला लेंगे:महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर पेंच फंसा; शिंदे की मांग भाजपा को नामंजूर
महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आए एक हफ्ता हो चुका है लेकिन नई सरकार को लेकर पेच फंस अभी भी फंसा हुआ है। मुंबई में शुक्रवार को होने वाली महायुति की अहम बैठक टाल दी गई और कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अचानक सतारा चले गए। इसके बाद उनके नाराज होने की अटकलें लगने लगीं। हालांकि, पार्टी ने सभी अटकलों को खारिज कर दिया। इस बीच शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने कहा- शिंदे को जब भी कोई बड़ा फैसला लेना होता है तो वे अपने पैतृक गांव चले जाते हैं। वे कल शाम तक कोई बड़ा फैसला ले लेंगे। इससे पहले शिरसाट ने कहा था कि मुझे नहीं लगता, शिंदे डिप्टी सीएम का पद स्वीकार करेंगे। वहीं, सूत्रों ने बताया कि 1 दिसंबर को महायुति की बैठक होने के आसार हैं। इसके लिए भाजपा के 2 ऑब्जर्वर्स मुंबई आएंगे। इनकी मौजूदगी में भाजपा विधायक दल की मीटिंग होगी और मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। गृह और वित्त मंत्रालय पर बात अटकी सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री पद छोड़ने की सूरत में शिवसेना ने गृह और वित्त मंत्रालय पर दावा किया है। हालांकि भाजपा गृह और अजित पवार वित्त मंत्रालय नहीं छोड़ना चाहेंगे। शिवसेना का तर्क है कि एकनाथ सरकार में गृह​ मंत्रालय उप मुख्यमंत्री फडणवीस के पास था। इस हिसाब से अगर शिंदे डिप्टी सीएम बनें तो गृह मंत्रालय उन्हें मिलना चाहिए। डिप्टी सीएम पर शिवसेना में एक राय नहीं सूत्रों के अनुसार भाजपा ने शिंदे को डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिया है। पार्टी का तर्क है कि फडणवीस मुख्यमंत्री रहने के बावजूद शिंदे कैबिनेट में उप मुख्यमंत्री रहे थे। वहीं, शिंदे और उनके करीबी इसे डिमोशन मान रहे हैं। शिवसेना के कुछ नेताओं का कहना है कि महायुति को इतनी बड़ी जीत शिंदे की अगुवाई में मिली, इसलिए बिहार की तर्ज पर उन्हें मुख्यमंत्री होना चाहिए। बिहार में जदयू की कम सीटें हैं फिर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। वहीं, पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि शिंदे को डिप्टी सीएम बनना चाहिए। भाजपा मराठा नेताओं पर भी विचार कर रही माना जा रहा है कि CM चुनने में जातीय गणित की बड़ी भूमिका हो सकती है, क्योंकि 288 सीटों की विधानसभा में मराठा समुदाय के विधायक बड़ी संख्या में हैं। देवेंद्र फडणवीस ब्राह्मण हैं। ऐसे में भाजपा नेतृत्व CM के लिए कुछ मराठा नेताओं पर भी विचार कर रहा है। हालांकि, सूत्रों की मानें तो RSS के दबाव बढ़ाने पर फडणवीस के CM बनने की संभावना ज्यादा है। एक दिन पहले फड़णवीस, अजित-शिंदे ढाई घंटे शाह से मिले एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने 28 नवंबर की रात दिल्ली में करीब ढाई घंटे तक गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मीटिंग की। इससे पहले शिंदे ने आधे घंटे तक शाह से अकेले मुलाकात की। सूत्रों ने भास्कर को बताया कि हाईकमान ने शिंदे को डिप्टी सीएम या केंद्र में मंत्री पद का ऑफर किया है। शिंदे केंद्रीय मंत्री बनने का मन बनाते हैं तो उनके गुट से किसी अन्य नेता को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। शिंदे ने 2 दिन पहले कहा था- मोदी का हर फैसला स्वीकार 1. मैं आम आदमी, कभी खुद को CM नहीं समझा एकनाथ शिंदे ने 27 नवंबर को कहा था, 'आम आदमी को क्या समस्या आती है, वो मैं समझता हूं। मैंने कभी भी अपने आप को मुख्यमंत्री नहीं समझा। मैंने हमेशा आम आदमी बनकर काम किया। मैं देखता आ रहा हूं कि कुटुम्ब को कैसे चलाया जाता है। मैंने सोचा था कि जब मेरे पास अधिकार आएंगे तो जो परेशान हैं, उनके लिए योजनाएं लाएंगे।' 2. मैं आपका लाडला भाई, ये लोकप्रियता ज्यादा अच्छी शिंदे ने कहा, 'जब CM था, जब लोगों को लगता था कि हमारे बीच का मुख्ममंत्री है। घर हो, मंत्रालय हो, लोग आकर मिलते हैं। मेरी जो पहचान मिली है, वो आपकी वजह से है। मैंने लोकप्रियता के लिए काम नहीं किया, महाराष्ट्र की जनता के लिए काम किया। राज्य की बहनें और भाई अब खुश हैं। बहनों ने मेरा साथ दिया और मेरी रक्षा की, अब मैं उनका लाडला भाई हूं, यह पहचान अच्छी है।' 3. राज्य को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र का साथ जरूरी एकनाथ शिंदे बोले, 'हमने ढाई साल सरकार चलाई। इस दौरान केंद्र सरकार हमारे साथ मौजूद रही, खड़ी रही। हमारे हर प्रस्ताव को उसका समर्थन मिला। राज्य को चलाने के लिए केंद्र सरकार का साथ जरूरी है।' 4. हम अड़चन नहीं, पूरी शिवसेना को मोदी जी का फैसला स्वीकार शिंदे ने कहा, 'मैंने मोदीजी-शाहजी को फोन किया। मैंने उनसे कहा कि आपका जो भी फैसला होगा, हमें स्वीकार है। भाजपा की बैठक में आपका कैंडिडेट चुना जाएगा, वो भी हमें स्वीकार है। हम सरकार बनाने में अड़चन नहीं है। आप सरकार बनाने को लेकर जो फैसला लेना चाहते हैं, ले लीजिए। शिवसेना और मेरी तरफ से कोई अड़चन नहीं है।' 5. मोदी-शाह ढाई साल चट्टान की तरह साथ खड़े रहे उन्होंने कहा, 'हमने ढाई साल सरकार चलाई। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह ने मुझ जैसे कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी। ढाई साल तक दोनों चट्टान की तरह हमारे साथ खड़े रहे। मुझ से कहा कि आप जनता का काम करो और हम आपके साथ हैं।' 6. मुझे पद की लालसा नहीं, महाराष्ट्र में कोई स्पीड ब्रेकर नहीं एकनाथ शिंदे ने कहा, 'मुझे पद की लालसा नहीं। हम लड़ने वाले लोग नहीं हैं। हम काम करने वाले लोग हैं। मैंने पीएम और गृह मंत्री से भी कह दिया है कि महाराष्ट्र में कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है, कोई नाराज नहीं, कोई गायब नहीं है। यहां कोई मतभेद नहीं है। एक स्पीड ब्रेकर था वो था महा विकास अघाड़ी, वो हटा दिया है।' कांग्रेस नेताओं का चुनाव आयोग को लेटर, 2 बड़ी बातें... ----------------------------------------------------- महाराष्ट्र चुनाव से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... वोट मार्जिन 0.5% बढ़ा तो भाजपा की सीटें 105 से बढ़कर 132 हुईं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 149 सीटों पर लड़ी और 132 सीटें जीतीं। पार्टी का स्ट्राइक रेट 88% रहा। उसने सहयोगी पार्टियों सहित 288 सीटों में से रिकॉर्ड 230 सीटें जीतीं। हालांकि, भाजपा के वोट शेयर में मामूली इजाफा ही हुआ। यह 2019 के वोट शेयर 26.10% से 0.67% बढ़कर 26.77% हो गया। लेकिन इतने से ही भाजपा की 27 सीटें बढ़ गईं।​​​​​ पूरी खबर पढ़ें...

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