संत रामकिंकर उपाध्याय की जन्म शताब्दी समारोह का शुभारंभ:मालिनी अवस्थी ने बांधी समा, मोरारी बापू बोले- श्रीराम का चरित्र हमें सच्चाई की प्रेरणा देता है

धर्मनगरी चित्रकूट में युग तुलसी संत रामकिंकर उपाध्याय की जन्म शताब्दी समारोह की भव्य शुरुआत श्रीधर आश्रम में सोमवार को की गई। इस तीन दिवसीय आयोजन में संत समाज के प्रतिष्ठित संतों और कला-जगत की नामचीन हस्तियों ने हिस्सा लिया। प्रमुख अतिथि के रूप में पहुंचे संत मोरारी बापू, महामंडलेश्वर संतोषदास महाराज और सुप्रसिद्ध भजन गायिका मालिनी अवस्थी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से समारोह की शोभा बढ़ाई। इस ऐतिहासिक समारोह का उद्घाटन संत मैथलीशरण महाराज ने भगवान कामदनाथ की पूजा-अर्चना और आरती के साथ किया। इस दौरान स्वामी श्रवणानंद महाराज, महामंडलेश्वर संतोषदास महाराज, और कामदगिरि परिक्रमा के कुलपति वंदना सिंह को सम्मानित किया गया। समारोह में उपस्थित संत मोरारी बापू ने कहा-राम का नाम सदा सनातन धर्म का दीप जलाए रखता है। लाखों कठिनाइयों के बीच श्रीराम का चरित्र हमें सच्चाई की प्रेरणा देता है। रामकिंकर जी ने श्रीराम के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। चित्रकूट की पवित्र भूमि में आकर मुझे नई शक्ति का अनुभव होता है। स्वामी श्रवणानंद महाराज ने मिथिला की प्रेम परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा- ईश्वर की कृपा से ही जीवन का उद्देश्य पूर्ण होता है। पद और प्रतिष्ठा का मान बढ़ाने के साथ ही उसे बिना अहंकार के निभाना आवश्यक है। भजन गायिका मालिनी अवस्थी ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा- राम कृपा से इस कार्यक्रम में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। राम के भजनों को गाकर मैं उनकी महिमा का गायन करूंगी।राम की कथा अनंत है, जिसे पूर्ण रूप से कहना आज तक संभव नहीं हुआ। इस सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रम में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति ने पूरे वातावरण को राममय बना दिया। संत रामकिंकर की यह शताब्दी समारोह न केवल उनके आदर्शों का स्मरण कराता है बल्कि सनातन धर्म की परंपरा का प्रचार और प्रसार भी करता है।

Nov 4, 2024 - 21:45
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संत रामकिंकर उपाध्याय की जन्म शताब्दी समारोह का शुभारंभ:मालिनी अवस्थी ने बांधी समा, मोरारी बापू बोले- श्रीराम का चरित्र हमें सच्चाई की प्रेरणा देता है
धर्मनगरी चित्रकूट में युग तुलसी संत रामकिंकर उपाध्याय की जन्म शताब्दी समारोह की भव्य शुरुआत श्रीधर आश्रम में सोमवार को की गई। इस तीन दिवसीय आयोजन में संत समाज के प्रतिष्ठित संतों और कला-जगत की नामचीन हस्तियों ने हिस्सा लिया। प्रमुख अतिथि के रूप में पहुंचे संत मोरारी बापू, महामंडलेश्वर संतोषदास महाराज और सुप्रसिद्ध भजन गायिका मालिनी अवस्थी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से समारोह की शोभा बढ़ाई। इस ऐतिहासिक समारोह का उद्घाटन संत मैथलीशरण महाराज ने भगवान कामदनाथ की पूजा-अर्चना और आरती के साथ किया। इस दौरान स्वामी श्रवणानंद महाराज, महामंडलेश्वर संतोषदास महाराज, और कामदगिरि परिक्रमा के कुलपति वंदना सिंह को सम्मानित किया गया। समारोह में उपस्थित संत मोरारी बापू ने कहा-राम का नाम सदा सनातन धर्म का दीप जलाए रखता है। लाखों कठिनाइयों के बीच श्रीराम का चरित्र हमें सच्चाई की प्रेरणा देता है। रामकिंकर जी ने श्रीराम के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। चित्रकूट की पवित्र भूमि में आकर मुझे नई शक्ति का अनुभव होता है। स्वामी श्रवणानंद महाराज ने मिथिला की प्रेम परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा- ईश्वर की कृपा से ही जीवन का उद्देश्य पूर्ण होता है। पद और प्रतिष्ठा का मान बढ़ाने के साथ ही उसे बिना अहंकार के निभाना आवश्यक है। भजन गायिका मालिनी अवस्थी ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा- राम कृपा से इस कार्यक्रम में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। राम के भजनों को गाकर मैं उनकी महिमा का गायन करूंगी।राम की कथा अनंत है, जिसे पूर्ण रूप से कहना आज तक संभव नहीं हुआ। इस सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रम में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति ने पूरे वातावरण को राममय बना दिया। संत रामकिंकर की यह शताब्दी समारोह न केवल उनके आदर्शों का स्मरण कराता है बल्कि सनातन धर्म की परंपरा का प्रचार और प्रसार भी करता है।

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