संभल में नवजात बच्ची को मां खेत में दबाया:रोने की आवाज सुनकर पहुंची लड़कियों ने अस्पताल में भर्ती कराया, नाक-आंख में मिट्टी चली गई थी
संभल में नवजात बच्ची को अपने से अलग करते हुए कलयुगी मां का कलेजा नहीं रोया। नवजात बच्ची को एक खेत में मिट्टी के नीचे दबा दिया। हड़बड़ाहट में बच्ची का एक पैर और गर्दन मिट्टी के ऊपर रह गई। नवजात के रोने की आवाज सुनकर उधर से गुजर रही कुछ लड़कियां रुक गई। उन्होंने इधर-उधर देखा तो एक खेत में मिट्टी के नीचे बच्ची दबी हुई दिखी तो उन्होंने बच्ची को निकाला और जिला अस्पताल के एनआईसीयू में भर्ती कराया। नाक और आंख में मिट्टी भरा था, लेकिन समय पर इलाज मिलने पर डॉक्टर ने उसे बचा लिया, डॉक्टरों की देखरेख में उसका इलाज चल रहा है। मामला थाना नखासा क्षेत्र के मन्नीखेड़ा का है। दरअसल, रविवार की शाम करीब 06 बजे उधर से गुजर रही कुछ लड़कियों को सरसों के खेत में जमीन में एक नवजात बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने इधर-उधर देखा तो बराबर के खेत में मिट्टी के नीचे एक बच्ची दबी हुई दिखाई दी, पास जाकर देखा तो नवजात बच्ची की एक टांग और गर्दन मिट्टी के ऊपर थी। बच्ची मिट्टी में दबी होने के चलते कराह रही थी। घटना की सूचना तत्काल ग्राम प्रधान चौकीदार और थाना पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और मिट्टी के नीचे दबी मिली बच्ची को मिट्टी खोदकर बाहर निकाल लिया। नवजात बच्ची की नाजुक हालत को देखते हुए तत्काल उसे संभल के जिला संयुक्त चिकित्सालय में बने बच्चों के एनआईसीयू में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों की देखरेख में बच्ची का इलाज शुरू हुआ, मिट्टी के नीचे दबी होने के चलते नवजात बच्चे की आंख और नाक में मिट्टी चली गई थी। जिसके कारण उसकी हालत लगातार बिगड़ रही थी, लेकिन डॉक्टर ने उसका उपचार शुरू किया और उसे आराम हो गया। वहीं, बच्चे की इलाज कर रहीं, डॉ. दीपशिखा ने बताया कि बच्चा हमारे पास आया था। कुछ ही घंटों का था जो मिट्टी में दबा हुआ पाया गया था। वहीं के चौकीदार और एक महिला गंगा देवी ने पुलिस को सूचना दी फिर दरोगा के साथ और ये लोग बच्ची को लेकर आए। जब बच्ची यहां आयी तो पूरा मिट्टी में सनी थी। हमने बच्ची को भर्ती किया और इलाज शुरू किया। अब उसकी हालत में सुधार है।
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