सऊदी ने कांच का शहर प्रोजेक्ट के CEO को हटाया:वजह नहीं बताई; ब्रिटिश चैनल का दावा- यहां 21 हजार मजदूरों की मौत हुई

सऊदी अरब सरकार ने NEOM प्रोजेक्ट के CEO नदमी अल-नस्र को पद से हटा दिया है। NEOM वीरान रेगिस्तान में एक नया शहर बसाने का प्रोजेक्ट है। हालांकि, नदमी के इस्तीफे की कोई वजह नहीं बताई गई है। नदमी 2018 से इस पद पर थे। अब उनकी जगह ऐमान अल-मुदाइफर को कार्यकारी CEO की जिम्मेदारी दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक NEOM की सफलता पर संदेह बढ़ने लगा था। सरकार इस प्रोजेक्ट के समय पर पूरा न होने और बढ़ती लागत से निराश है। सोशल मीडिया पर भी ऐसी आशंकाएं जताई जाने लगी हैं कि दावे के मुताबिक यह प्रोजेक्ट सफल नहीं हो पाएगा। NEOM सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस पर सऊदी ने 40 लाख करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। यह प्रोजेक्ट सऊदी विजन 2030 का हिस्सा है। इसके जरिए सऊदी अरब तेल पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहता है। ब्रिटिश चैनल ITV ने दावा किया है कि NEOM प्रोजेक्ट के ‘द लाइन’ शहर को बनाने के दौरान पिछले 8 साल में अब तक 21 हजार से ज्यादा प्रवासी लोग मारे जा चुके हैं। प्रवासी मजदूरों में ज्यादातर भारत, पाकिस्तान और नेपाल के लोग हैं। 1 लाख से ज्यादा लोग लापता हुए, सऊदी सरकार ने आरोपों को बेबुनियाद बताया रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रोजेक्ट पर काम करने के दौरान हर दिन 8 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। मारे गए लोगों में भारत के 14 हजार मजदूर, बांग्लादेश के 5 हजार मजदूर और नेपाल के 2 हजार मजदूर हैं। इतना ही नहीं एक लाख से ज्यादा लोग इस प्रोजेक्ट पर काम करते हुए लापता भी हो गए हैं। इस डॉक्यूमेंट्री में बताया गया है कि इस प्रोजेक्ट पर करीब डेढ़ लाख लोग काम कर रहे हैं। इन प्रवासी मजदूरों को 16 घंटे तक काम करने पर मजबूर किया जा रहा है। उन्हें बहुत खराब स्थिति में रखा जा रहा है। इस वजह से वे बीमार पड़ रहे हैं और मारे जा रहे हैं। सऊदी ने आरोपों को झूठा बताया डॉक्यूमेंट्री के मुताबिक, राजू बिश्वकर्मा नामक एक नेपाली कर्मचारी ने मदद मांगने के लिए नेपाल में अपने दोस्तों और परिवार को फोन किया था। उसने कहा था कि उसे तभी जाने दिया जाएगा जब वह पांच महीने का वेतन देगा। बताया जाता है कि कुछ ही समय बाद वह मृत पाया गया। न्यूजवीक ने नेपाल के विदेशी रोजगार बोर्ड के हवाले से बताया है कि द लाइन प्रोजेक्ट में कई नेपाली लोगों की मौत हुई है। इसमें 650 ऐसे हैं जिनकी मौत की वजह साफ नहीं है। सऊदी सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया है और इसे गलत बताया है। एक बयान में सऊदी सरकार ने कहा कि एक लाख मजदूरों पर मरने का आंकड़ा 1.12 है। यह बेहद कम है। NEOM प्रोजेक्ट पर सऊदी के 40 लाख करोड़ रुपए लगे प्रोजेक्ट के तहत 'द लाइन' नाम का एक शहर बसाया जाएगा। यह एक कार-फ्री शहर होगा, जो सिर्फ 200 मीटर चौड़ा और 170 किमी लंबा होगा। BBC के मुताबिक हालांकि साल 2030 तक इस प्रोजेक्ट का सिर्फ 2.4 किमी हिस्सा ही पूरा हो पाएगा। सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान विजन 2030 के तहत इस प्रोजेक्ट को बनाना चाहते थे। हालांकि, अब यह प्रोजेक्ट अलग-अलग चरणों में पूरा होगा। अब ग्राफिक्स के जरिए समझिए मोहम्मद बिन सलमान का NEOM प्रोजेक्ट...

Nov 13, 2024 - 13:45
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सऊदी ने कांच का शहर प्रोजेक्ट के CEO को हटाया:वजह नहीं बताई; ब्रिटिश चैनल का दावा- यहां 21 हजार मजदूरों की मौत हुई
सऊदी अरब सरकार ने NEOM प्रोजेक्ट के CEO नदमी अल-नस्र को पद से हटा दिया है। NEOM वीरान रेगिस्तान में एक नया शहर बसाने का प्रोजेक्ट है। हालांकि, नदमी के इस्तीफे की कोई वजह नहीं बताई गई है। नदमी 2018 से इस पद पर थे। अब उनकी जगह ऐमान अल-मुदाइफर को कार्यकारी CEO की जिम्मेदारी दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक NEOM की सफलता पर संदेह बढ़ने लगा था। सरकार इस प्रोजेक्ट के समय पर पूरा न होने और बढ़ती लागत से निराश है। सोशल मीडिया पर भी ऐसी आशंकाएं जताई जाने लगी हैं कि दावे के मुताबिक यह प्रोजेक्ट सफल नहीं हो पाएगा। NEOM सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस पर सऊदी ने 40 लाख करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। यह प्रोजेक्ट सऊदी विजन 2030 का हिस्सा है। इसके जरिए सऊदी अरब तेल पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहता है। ब्रिटिश चैनल ITV ने दावा किया है कि NEOM प्रोजेक्ट के ‘द लाइन’ शहर को बनाने के दौरान पिछले 8 साल में अब तक 21 हजार से ज्यादा प्रवासी लोग मारे जा चुके हैं। प्रवासी मजदूरों में ज्यादातर भारत, पाकिस्तान और नेपाल के लोग हैं। 1 लाख से ज्यादा लोग लापता हुए, सऊदी सरकार ने आरोपों को बेबुनियाद बताया रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रोजेक्ट पर काम करने के दौरान हर दिन 8 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। मारे गए लोगों में भारत के 14 हजार मजदूर, बांग्लादेश के 5 हजार मजदूर और नेपाल के 2 हजार मजदूर हैं। इतना ही नहीं एक लाख से ज्यादा लोग इस प्रोजेक्ट पर काम करते हुए लापता भी हो गए हैं। इस डॉक्यूमेंट्री में बताया गया है कि इस प्रोजेक्ट पर करीब डेढ़ लाख लोग काम कर रहे हैं। इन प्रवासी मजदूरों को 16 घंटे तक काम करने पर मजबूर किया जा रहा है। उन्हें बहुत खराब स्थिति में रखा जा रहा है। इस वजह से वे बीमार पड़ रहे हैं और मारे जा रहे हैं। सऊदी ने आरोपों को झूठा बताया डॉक्यूमेंट्री के मुताबिक, राजू बिश्वकर्मा नामक एक नेपाली कर्मचारी ने मदद मांगने के लिए नेपाल में अपने दोस्तों और परिवार को फोन किया था। उसने कहा था कि उसे तभी जाने दिया जाएगा जब वह पांच महीने का वेतन देगा। बताया जाता है कि कुछ ही समय बाद वह मृत पाया गया। न्यूजवीक ने नेपाल के विदेशी रोजगार बोर्ड के हवाले से बताया है कि द लाइन प्रोजेक्ट में कई नेपाली लोगों की मौत हुई है। इसमें 650 ऐसे हैं जिनकी मौत की वजह साफ नहीं है। सऊदी सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया है और इसे गलत बताया है। एक बयान में सऊदी सरकार ने कहा कि एक लाख मजदूरों पर मरने का आंकड़ा 1.12 है। यह बेहद कम है। NEOM प्रोजेक्ट पर सऊदी के 40 लाख करोड़ रुपए लगे प्रोजेक्ट के तहत 'द लाइन' नाम का एक शहर बसाया जाएगा। यह एक कार-फ्री शहर होगा, जो सिर्फ 200 मीटर चौड़ा और 170 किमी लंबा होगा। BBC के मुताबिक हालांकि साल 2030 तक इस प्रोजेक्ट का सिर्फ 2.4 किमी हिस्सा ही पूरा हो पाएगा। सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान विजन 2030 के तहत इस प्रोजेक्ट को बनाना चाहते थे। हालांकि, अब यह प्रोजेक्ट अलग-अलग चरणों में पूरा होगा। अब ग्राफिक्स के जरिए समझिए मोहम्मद बिन सलमान का NEOM प्रोजेक्ट...

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