सहारनपुर में अस्पतालों से आयुष्मान योजना का मांगा हिसाब:मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल को देना होगा जवाब, सीएमओ ने सभी सीएचसी प्रभारियों को भेजा लेटर
सहारनपुर में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की जांच शुरू हो गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में सरकारी अस्पतालों में कितनी धनराशि आई और कितनी खर्च हुई उसका ब्योरा मांगा गया है। सभी आयुष्मान योजना से जुड़े अस्पतालों को पत्र लिखा गया है। जिले में आयुष्मान योजना के तहत 100 अस्पताल जुड़े हैं। इनमें मेडिकल कॉलेज, एसबीडी जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, 21 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और पांच पीएचसी सहित 71 निजी अस्पताल शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 29 सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान योजना के लाभार्थियों के क्लेम से मिली धनराशि की पड़ताल शुरू हो गई है। अभी तक कुछ ही अस्पतालों ने निर्धारित प्रारूप पर खर्च का विवरण भेजा है, लेकिन बड़ी संख्या अस्पताल रह गए, जिन्होंने खर्च का विवरण नहीं दिया है। दरअसल, 2011 की जनगणना के आधार पर आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए 8,67,367 लाभार्थियों का चयन किया गया। सहारनपुर में 11.49 लाख से अधिक लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। जो लक्ष्य का 132.5% अधिक है। जब लक्ष्य निर्धारित किया था तब अंत्योदय राशन कार्ड, श्रमिक कार्ड, छह या छह से अधिक सदस्य, 60 साल से अधिक आयु वाले परिवार के वरिष्ठ नागरिक एवं 70 साल व उससे अधिक उम्र वाले शामिल नहीं थे। ऐसे होता धन इलाज कराने के बाद क्लेम करने पर धनराशि बैंक खाते में भेजी जाती है। क्लेम की गई धनराशि का 75% अस्पताल में दवा, पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी जांच, रोगी सुविधाओं को बेहतर बनाने, योजना के प्रचार-प्रसार, रखरखाव पर खर्च करना होता है। 25% धनराशि अस्पताल में इलाज से संबंधित चिकित्सक, सपोर्टिंग स्टॉफ एवं आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन के रूप में दिया जाता है। सीएमओ डॉ.प्रवीण कुमार का कहना है कि सरकारी अस्पतालों से आयुष्मान योजना के तहत क्लेम की धनराशि के व्यय का विवरण मांगा गया है। कुछ अस्पतालों की रिपोर्ट आ गई है। कई अस्पताल अभी रह गए हैं, जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है। इन अस्पतालों को जल्द रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।
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