सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा बहुओं की ट्रेनिंग:डॉक्टर बोले- 42 दिनों में सात बार करें विजिट, शिशुओं और उसकी मां की करें देखभाल

सिद्धार्थनगर के इटवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा बहुओं की पांच दिवसीय ट्रेनिंग के चौथे दिन मंगलवार को शिशुओं की देखभाल से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। प्रशिक्षकों ने बताया कि जन्म के बाद पहले 42 दिन शिशु के लिए बहुत अहम होते हैं। आशा बहुओं को इन दिनों में 7 बार विजिट करनी होती है। शिशु के साथ उसकी मां की भी देखभाल करनी होती है। चौथे दिन की ट्रेनिंग का शुभारंभ प्रार्थना सभा और राष्ट्रगान के साथ हुआ। "इतनी शक्ति हमें दे दाता, मन का विश्वास कमजोर हो न" गीत की गूंज पूरे सभागार में सुनाई दी। अधीक्षक डॉ. संदीप द्विवेदी ने आशा बहुओं को सलाह दी कि जो जानकारी दी जा रही है, उसे ध्यान से समझें और अपने काम में लागू करें। उन्होंने कहा कि नवजात और उसकी मां की सही देखभाल से उनका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। प्रशिक्षकों ने दी जानकारी और डेमो चिकित्साधिकारी डॉ. महताब आलम, अभय शंकर, आद्या शंकर और बीसीपीएम शिव शंकर वरुण ने आशा बहुओं को विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया। ट्रेनिंग में बड़ी संख्या में आशा बहुओं ने भाग लिया। इनमें प्रमुख रूप से अनीता देवी, रीता मौर्या, रेनू देवी, अंजनी पांडेय, छाया चौधरी, तारा देवी, सुमन, सावित्री, कुसुम, ऊषा मिश्रा, अमरावती, मंजू देवी, आंचल कसौधन, फूलमती, नंदनी गुप्ता, विमलावती, विजय लक्ष्मी और दीपा गुप्ता शामिल थीं। आशा बहुओं से अपील की गई कि वे अपने क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूक करें। शिशु-मातृ स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।

Nov 19, 2024 - 13:45
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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा बहुओं की ट्रेनिंग:डॉक्टर बोले- 42 दिनों में सात बार करें विजिट, शिशुओं और उसकी मां की करें देखभाल
सिद्धार्थनगर के इटवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा बहुओं की पांच दिवसीय ट्रेनिंग के चौथे दिन मंगलवार को शिशुओं की देखभाल से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। प्रशिक्षकों ने बताया कि जन्म के बाद पहले 42 दिन शिशु के लिए बहुत अहम होते हैं। आशा बहुओं को इन दिनों में 7 बार विजिट करनी होती है। शिशु के साथ उसकी मां की भी देखभाल करनी होती है। चौथे दिन की ट्रेनिंग का शुभारंभ प्रार्थना सभा और राष्ट्रगान के साथ हुआ। "इतनी शक्ति हमें दे दाता, मन का विश्वास कमजोर हो न" गीत की गूंज पूरे सभागार में सुनाई दी। अधीक्षक डॉ. संदीप द्विवेदी ने आशा बहुओं को सलाह दी कि जो जानकारी दी जा रही है, उसे ध्यान से समझें और अपने काम में लागू करें। उन्होंने कहा कि नवजात और उसकी मां की सही देखभाल से उनका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। प्रशिक्षकों ने दी जानकारी और डेमो चिकित्साधिकारी डॉ. महताब आलम, अभय शंकर, आद्या शंकर और बीसीपीएम शिव शंकर वरुण ने आशा बहुओं को विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया। ट्रेनिंग में बड़ी संख्या में आशा बहुओं ने भाग लिया। इनमें प्रमुख रूप से अनीता देवी, रीता मौर्या, रेनू देवी, अंजनी पांडेय, छाया चौधरी, तारा देवी, सुमन, सावित्री, कुसुम, ऊषा मिश्रा, अमरावती, मंजू देवी, आंचल कसौधन, फूलमती, नंदनी गुप्ता, विमलावती, विजय लक्ष्मी और दीपा गुप्ता शामिल थीं। आशा बहुओं से अपील की गई कि वे अपने क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूक करें। शिशु-मातृ स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।

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