सिद्धार्थनगर में मीजल्स कैचअप कैंपेन के तहत सर्वे का निरीक्षण:आशा बहुओं को दी महत्वपूर्ण सलाह, सर्वे कार्य की महत्ता पर दिया जोर

सिद्धार्थनगर। सीएचसी सिरसिया के अधीक्षक डॉ. शैलेंद्र मणि ओझा ने बुधवार को भनवापुर ब्लॉक क्षेत्र के लेडसर नानकार और डोमसरा गांवों में मीजल्स कैचअप कैंपेन के तहत हो रहे सर्वे कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आशा बहुओं के द्वारा किए जा रहे हेड काउंट सर्वे का भौतिक सत्यापन किया और कार्यक्रम की सफलता के लिए सर्वे कार्य की महत्ता पर जोर दिया। डॉ. ओझा ने आशा बहुओं को निर्देश देते हुए कहा कि हेड काउंट सर्वे के बिना मीजल्स और रूबेला (एमआर) वैक्सीनेशन कार्यक्रम को सफल नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने आशा बहुओं से कहा कि वे विशेष ध्यान दें और 0 से 5 वर्ष तक के उन बच्चों को चिन्हित करें जिन्हें किसी कारणवश एमआर वैक्सीन की दोनों खुराक नहीं दी गई हैं। इसके बाद, एएनएम के माध्यम से इन बच्चों को छूटी हुई खुराक दी जाएगी, ताकि खसरा और रूबेला जैसी जानलेवा बीमारियों और इससे होने वाली मृत्यु को रोका जा सके। ग्रामीणों को जागरूक किया गया डॉ. ओझा ने ग्रामीणों से भी अपील की कि वे अपने बच्चों को एमआर वैक्सीन की दोनों खुराक दिलवाएं। उन्होंने बताया कि 5 वर्ष तक के बच्चों में खसरा और रूबेला दो अत्यंत खतरनाक बीमारियां हैं, जिनसे बचने के लिए वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है। इस मौके पर डॉ. ओझा के साथ राजीव त्रिपाठी, मेराज अहमद, साधना सिंह, सरोजनी, कुसुम समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी भी उपस्थित रहे।

Nov 10, 2024 - 10:25
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सिद्धार्थनगर में मीजल्स कैचअप कैंपेन के तहत सर्वे का निरीक्षण:आशा बहुओं को दी महत्वपूर्ण सलाह, सर्वे कार्य की महत्ता पर दिया जोर
सिद्धार्थनगर। सीएचसी सिरसिया के अधीक्षक डॉ. शैलेंद्र मणि ओझा ने बुधवार को भनवापुर ब्लॉक क्षेत्र के लेडसर नानकार और डोमसरा गांवों में मीजल्स कैचअप कैंपेन के तहत हो रहे सर्वे कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आशा बहुओं के द्वारा किए जा रहे हेड काउंट सर्वे का भौतिक सत्यापन किया और कार्यक्रम की सफलता के लिए सर्वे कार्य की महत्ता पर जोर दिया। डॉ. ओझा ने आशा बहुओं को निर्देश देते हुए कहा कि हेड काउंट सर्वे के बिना मीजल्स और रूबेला (एमआर) वैक्सीनेशन कार्यक्रम को सफल नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने आशा बहुओं से कहा कि वे विशेष ध्यान दें और 0 से 5 वर्ष तक के उन बच्चों को चिन्हित करें जिन्हें किसी कारणवश एमआर वैक्सीन की दोनों खुराक नहीं दी गई हैं। इसके बाद, एएनएम के माध्यम से इन बच्चों को छूटी हुई खुराक दी जाएगी, ताकि खसरा और रूबेला जैसी जानलेवा बीमारियों और इससे होने वाली मृत्यु को रोका जा सके। ग्रामीणों को जागरूक किया गया डॉ. ओझा ने ग्रामीणों से भी अपील की कि वे अपने बच्चों को एमआर वैक्सीन की दोनों खुराक दिलवाएं। उन्होंने बताया कि 5 वर्ष तक के बच्चों में खसरा और रूबेला दो अत्यंत खतरनाक बीमारियां हैं, जिनसे बचने के लिए वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है। इस मौके पर डॉ. ओझा के साथ राजीव त्रिपाठी, मेराज अहमद, साधना सिंह, सरोजनी, कुसुम समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी भी उपस्थित रहे।

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