सीतापुर में हत्यारोपी को आजीवन कारावास:घर में घुसकर की थी हत्या, 18 साल बाद फैसला, 15 हजार जुर्माना

सीतापुर में न्यायालय ने 18 साल पहले हुए हत्या के मामले में अभियुक्त को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने अभियुक्त को कारावास के साथ 15 हजार रुपए अर्थदंड की भी सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदंड न जमा करने की दशा में न्यायालय ने अभियुक्त की सजा एक माह अधिक बढ़ाने का आदेश दिया है। न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने जमानत पर रिहा अभियुक्त को कटघरे से हिरासत में लेकर जिला कारागार भेज दिया है। मामला महोली कोतवाली इलाके का है। यहां साल 2006 में नाले के पानी के विवाद में युवक को धारदार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतार दिया गया था। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने अभियुक्त विजय कान्त पुत्र रोशनलाल निवासी ग्राम डिघरा थाना महोली के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करते हुए विवेचना शुरू की थी। 15 हजार का अर्थदंड लगाया पुलिस की विवेचना के दौरान चार्जशीट दाखिल करते हुए आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया था। लंबे समय तक चली केस की सुनवाई के दौरान अभियुक्त जमानत पर बाहर चला रहा था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 02 ने सुनवाई करते हुए अभियुक्त विजयकांत को दोषी करार देते हुए धारा 302/201 भादवि में आजीवन कारावास एवं 15 हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनायी।

Nov 12, 2024 - 17:55
 0  438.7k
सीतापुर में हत्यारोपी को आजीवन कारावास:घर में घुसकर की थी हत्या, 18 साल बाद फैसला, 15 हजार जुर्माना
सीतापुर में न्यायालय ने 18 साल पहले हुए हत्या के मामले में अभियुक्त को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने अभियुक्त को कारावास के साथ 15 हजार रुपए अर्थदंड की भी सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदंड न जमा करने की दशा में न्यायालय ने अभियुक्त की सजा एक माह अधिक बढ़ाने का आदेश दिया है। न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने जमानत पर रिहा अभियुक्त को कटघरे से हिरासत में लेकर जिला कारागार भेज दिया है। मामला महोली कोतवाली इलाके का है। यहां साल 2006 में नाले के पानी के विवाद में युवक को धारदार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतार दिया गया था। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने अभियुक्त विजय कान्त पुत्र रोशनलाल निवासी ग्राम डिघरा थाना महोली के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करते हुए विवेचना शुरू की थी। 15 हजार का अर्थदंड लगाया पुलिस की विवेचना के दौरान चार्जशीट दाखिल करते हुए आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया था। लंबे समय तक चली केस की सुनवाई के दौरान अभियुक्त जमानत पर बाहर चला रहा था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 02 ने सुनवाई करते हुए अभियुक्त विजयकांत को दोषी करार देते हुए धारा 302/201 भादवि में आजीवन कारावास एवं 15 हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनायी।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow