सूरत में फर्जी डॉक्टरों का अस्पताल, चौबीस घंटे में सील:रजिस्ट्रेशन भी नहीं, इनॉगरेशन में सूरत क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर पहुंचे थे

गुजरात के सूरत में फर्जी डॉक्टरों ने अस्पताल खोल लिया। ये डॉक्टर्स शराब के साथ पकड़े गए थे। इस अस्पताल के उद्घाटन में सूरत क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर राघवेंद्र वत्स पहुंचे थे। उद्घाटन के बाद डॉक्टर के केबिन में डॉक्टर की कुर्सी पर बैठे राघवेंद्र वत्स की तस्वीर भी सामने आई है। तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो हैं। मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का न तो रजिस्ट्रेशन है न यहां अग्नि सुरक्षा उपकरण थे। उद्घाटन पर लंच हुआ। इसके अगले दिन राज्य सरकार ने अस्पताल सील कर दिया। अभी अस्पताल सील करने का कारण यहां फायर सेफ्टी के लिए कोई सिस्टम नहीं होना बताया गया है। अस्पताल का नाम जनसेवा मल्टी स्पेश्यलिटी अस्पताल है। पुलिस का कहना है कि अस्पताल के पांच को फाउंडर्स में से दो डॉक्टरों की डिग्रियां फर्जी हैं। बाकी तीन की डिग्रियों को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, और पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। डॉक्टर्स के खिलाफ केस अस्पताल सूरत के पांडेसरा इलाके में खोला गया था और इसका उद्घाटन 17 नवंबर को हुआ था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विजय सिंह गुर्जर ने कहा, ‘बीआर शुक्ला, जिन्हें उद्घाटन कार्यक्रम के पैम्पलेट में आयुर्वेदिक चिकित्सा की डिग्री के साथ डॉक्टर बताया गया है, उनके खिलाफ गुजरात मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एक्ट के तहत मामला दर्ज है और वे एक फर्जी डॉक्टर हैं।’ गुर्जर ने कहा कि एक डॉक्टर आरके दुबे, जो अपनी डिग्री इलेक्ट्रो-होम्योपैथी में होने का दावा करते हैं, उन पर मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एक्ट के तहत मामला चल रहा है। इन दोनों के पास फर्जी डिग्रियां हैं। एक और डॉक्टर जीपी मिश्रा, पर तीन केस चल रहे हैं। उनकी डिग्री की अभी पुष्टि नहीं हुई है। हम बाकी दो को फाउंडर्स की डिग्रियों की भी जांच कर रहे हैं। इसके अलावा खुद को बीएचएमएस डॉक्टर बताने वाले गंगा प्रसाद मिश्रा के खिलाफ नवसारी और पांडेसरा पुलिस में केस दर्ज हैं। निमंत्रण पत्र में कमिश्नर, जाइंट कमिश्नर के नाम अस्पताल के इनॉगरेशन इन्वीटेशन कार्ड में सूरत नगर निगम कमिश्नर शालिनी अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत और जाइंट पुलिस कमिश्नर राघवेंद्र वत्स के नाम हैं। इनमें से राघवेंद्र वत्स उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। बाकी दोनों प्रोग्राम में नहीं पहुंचे। थिएटर की जगह पर अस्पताल खोला जिस जगह पर अस्पताल खोला गया पहले वहां एक जर्जर थिएटर था।उसे 15 दिन में तोड़कर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाया गया। अस्पताल में कोई फायर कंट्रोल सिस्टम भी नहीं लगाया गया। जो फायर सिस्टम था वह भी बंद था। अस्पताल का रजिस्ट्रेशन नहीं अस्पताल शुरू करने से पहले जिला मेडिकल ऑफिसर को भी लिखित रूप से सूचित नहीं किया गया और न ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया गया। लेकिन यहां मरीजों को भर्ती भी कर लिया गया। अब नियमानुसार एक टीम अस्पताल का दौरा करेगी और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। नियमानुसार और ट्रेंड स्टाफ नहीं होने पर FIR भी की जाएगी। खुद को इस अस्पताल का मालिक बताने रहे प्रमोद तिवारी ने खुद को रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर बताया है। पुलिस इस बात की जांच कर रहे है कि तिवारी कब रिटायर हुए। उनके बेटे धवल की मेडिकल दुकान है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग जांच कर रहा है। दो मंजिला ​​​अस्पताल के अंदर दवाइयां भी रखी हैं। उद्घाटन के साथ ही मरीज भी इलाज के लिए आए हैं। अस्पताल में 24 घंटे आपातकालीन सेवा उपलब्ध कराने की सुविधा है। यहां एक ऑपरेशन थियेटर भी है। गुजरात सरकार का प्रमाण पत्र होने का दावा अस्पताल के प्रबंधक डॉ सज्जन कुमार ने कहा कि हमारे पास गुजरात सरकार का प्रमाण पत्र है और हमने उसी के अनुसार अस्पताल शुरू किया है। बब्लू शुक्ला, राजाराम दुबे और डॉ. मिश्रा यहां एमडी डॉक्टरों की देखरेख में आरएमओ के रूप में काम करते हैं। जब मीडिया द्वारा यह सवाल पूछा गया कि अस्पताल में डॉक्टर के रूप में कौन काम कर रहा है, तो अस्पताल के मैनेजर ने कहा कि मैं यहां का मालिक हूं। ऑर्थोपेडिक डॉक्टर के रूप में प्रत्यूष गोहिल और एमडी डॉक्टर के रूप में सज्जन कुमार मीना हैं। --------------------------------------- ये खबर भी पढ़ें: आयुष्मान राशि की लालच में 17 मरीजों की एंजियोग्राफी:दो की मौत, 5 ICU में; अस्पताल के डायरेक्टर-चेयरमैन फरार, गुजरात का मामला अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल ने 7 मरीजों की एंजियोप्लास्टी कर दी। हैरानी की बात यह है कि इसके लिए मरीजों की परमिशन भी नहीं ली गई। एंजियोप्लास्टी के बाद 2 मरीजों की मौत हो गई। 5 मरीज फिलहाल आईसीयू में भर्ती हैं। मरीजों के परिजन का आरोप है कि ये सभी ऑपरेशन ख्याति हॉस्पिटल के डॉ. प्रशांत वजीरानी ने किए। हॉस्पिटल ने 10 नवंबर को महेसाणा के बोरीसणा गांव में हेल्थ कैम्प लगाया था। जहां से 19 मरीजों को इलाज के लिए अहमदाबाद लाया गया। पढ़ें पूरी खबर...

Nov 19, 2024 - 16:35
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सूरत में फर्जी डॉक्टरों का अस्पताल, चौबीस घंटे में सील:रजिस्ट्रेशन भी नहीं, इनॉगरेशन में सूरत क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर पहुंचे थे
गुजरात के सूरत में फर्जी डॉक्टरों ने अस्पताल खोल लिया। ये डॉक्टर्स शराब के साथ पकड़े गए थे। इस अस्पताल के उद्घाटन में सूरत क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर राघवेंद्र वत्स पहुंचे थे। उद्घाटन के बाद डॉक्टर के केबिन में डॉक्टर की कुर्सी पर बैठे राघवेंद्र वत्स की तस्वीर भी सामने आई है। तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो हैं। मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का न तो रजिस्ट्रेशन है न यहां अग्नि सुरक्षा उपकरण थे। उद्घाटन पर लंच हुआ। इसके अगले दिन राज्य सरकार ने अस्पताल सील कर दिया। अभी अस्पताल सील करने का कारण यहां फायर सेफ्टी के लिए कोई सिस्टम नहीं होना बताया गया है। अस्पताल का नाम जनसेवा मल्टी स्पेश्यलिटी अस्पताल है। पुलिस का कहना है कि अस्पताल के पांच को फाउंडर्स में से दो डॉक्टरों की डिग्रियां फर्जी हैं। बाकी तीन की डिग्रियों को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, और पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। डॉक्टर्स के खिलाफ केस अस्पताल सूरत के पांडेसरा इलाके में खोला गया था और इसका उद्घाटन 17 नवंबर को हुआ था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विजय सिंह गुर्जर ने कहा, ‘बीआर शुक्ला, जिन्हें उद्घाटन कार्यक्रम के पैम्पलेट में आयुर्वेदिक चिकित्सा की डिग्री के साथ डॉक्टर बताया गया है, उनके खिलाफ गुजरात मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एक्ट के तहत मामला दर्ज है और वे एक फर्जी डॉक्टर हैं।’ गुर्जर ने कहा कि एक डॉक्टर आरके दुबे, जो अपनी डिग्री इलेक्ट्रो-होम्योपैथी में होने का दावा करते हैं, उन पर मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एक्ट के तहत मामला चल रहा है। इन दोनों के पास फर्जी डिग्रियां हैं। एक और डॉक्टर जीपी मिश्रा, पर तीन केस चल रहे हैं। उनकी डिग्री की अभी पुष्टि नहीं हुई है। हम बाकी दो को फाउंडर्स की डिग्रियों की भी जांच कर रहे हैं। इसके अलावा खुद को बीएचएमएस डॉक्टर बताने वाले गंगा प्रसाद मिश्रा के खिलाफ नवसारी और पांडेसरा पुलिस में केस दर्ज हैं। निमंत्रण पत्र में कमिश्नर, जाइंट कमिश्नर के नाम अस्पताल के इनॉगरेशन इन्वीटेशन कार्ड में सूरत नगर निगम कमिश्नर शालिनी अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत और जाइंट पुलिस कमिश्नर राघवेंद्र वत्स के नाम हैं। इनमें से राघवेंद्र वत्स उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। बाकी दोनों प्रोग्राम में नहीं पहुंचे। थिएटर की जगह पर अस्पताल खोला जिस जगह पर अस्पताल खोला गया पहले वहां एक जर्जर थिएटर था।उसे 15 दिन में तोड़कर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाया गया। अस्पताल में कोई फायर कंट्रोल सिस्टम भी नहीं लगाया गया। जो फायर सिस्टम था वह भी बंद था। अस्पताल का रजिस्ट्रेशन नहीं अस्पताल शुरू करने से पहले जिला मेडिकल ऑफिसर को भी लिखित रूप से सूचित नहीं किया गया और न ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया गया। लेकिन यहां मरीजों को भर्ती भी कर लिया गया। अब नियमानुसार एक टीम अस्पताल का दौरा करेगी और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। नियमानुसार और ट्रेंड स्टाफ नहीं होने पर FIR भी की जाएगी। खुद को इस अस्पताल का मालिक बताने रहे प्रमोद तिवारी ने खुद को रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर बताया है। पुलिस इस बात की जांच कर रहे है कि तिवारी कब रिटायर हुए। उनके बेटे धवल की मेडिकल दुकान है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग जांच कर रहा है। दो मंजिला ​​​अस्पताल के अंदर दवाइयां भी रखी हैं। उद्घाटन के साथ ही मरीज भी इलाज के लिए आए हैं। अस्पताल में 24 घंटे आपातकालीन सेवा उपलब्ध कराने की सुविधा है। यहां एक ऑपरेशन थियेटर भी है। गुजरात सरकार का प्रमाण पत्र होने का दावा अस्पताल के प्रबंधक डॉ सज्जन कुमार ने कहा कि हमारे पास गुजरात सरकार का प्रमाण पत्र है और हमने उसी के अनुसार अस्पताल शुरू किया है। बब्लू शुक्ला, राजाराम दुबे और डॉ. मिश्रा यहां एमडी डॉक्टरों की देखरेख में आरएमओ के रूप में काम करते हैं। जब मीडिया द्वारा यह सवाल पूछा गया कि अस्पताल में डॉक्टर के रूप में कौन काम कर रहा है, तो अस्पताल के मैनेजर ने कहा कि मैं यहां का मालिक हूं। ऑर्थोपेडिक डॉक्टर के रूप में प्रत्यूष गोहिल और एमडी डॉक्टर के रूप में सज्जन कुमार मीना हैं। --------------------------------------- ये खबर भी पढ़ें: आयुष्मान राशि की लालच में 17 मरीजों की एंजियोग्राफी:दो की मौत, 5 ICU में; अस्पताल के डायरेक्टर-चेयरमैन फरार, गुजरात का मामला अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल ने 7 मरीजों की एंजियोप्लास्टी कर दी। हैरानी की बात यह है कि इसके लिए मरीजों की परमिशन भी नहीं ली गई। एंजियोप्लास्टी के बाद 2 मरीजों की मौत हो गई। 5 मरीज फिलहाल आईसीयू में भर्ती हैं। मरीजों के परिजन का आरोप है कि ये सभी ऑपरेशन ख्याति हॉस्पिटल के डॉ. प्रशांत वजीरानी ने किए। हॉस्पिटल ने 10 नवंबर को महेसाणा के बोरीसणा गांव में हेल्थ कैम्प लगाया था। जहां से 19 मरीजों को इलाज के लिए अहमदाबाद लाया गया। पढ़ें पूरी खबर...

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