सोलन में फर्जी गोलीकांड की एसपी ने की निष्पक्ष जांच:आरोपी को कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत, कारोबारी ने खुद पर करवाया था हमला

हिमाचल प्रदेश एक शांत पहाड़ी राज्य है जहां पर एक कबाड़ डीलर ने फर्जी गोलीकांड करवाकर दहशत का माहौल बना दिया था। लेकिन इस मामले में एक आईपीएस अधिकारी की निष्पक्ष जांच ने न केवल राज्य बल्कि पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। यह घटना बद्दी के कबाड़ डीलर राम कृष्ण जो कि बद्दी के मलपुर से जुड़ी है, जिसने खुद पर साजिश के तहत फर्जी गोलीकांड करवाया। जिसमें स्पेशल टीम के नेतृत्व वाली एसपी बद्दी इल्मा अफरोज ने सच्चाई को सामने लाने का साहस दिखाया। गौरतलब है कि 26 अक्टूबर को शाम क़रीब पाँच बजे नालागढ़ के डाडी कनियां में कबाड़ डीलर की गाड़ी पर पांच राउंड फ़ायर एक युवक द्वारा किए गए थे और मौके से फरार हो गया था। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ़्तार किया है जिसने गोलियाँ चलाई थी। जिसके कुछ दिन बाद एसपी बद्दी ने प्रेसवार्ता करते हुए खुलासा किया था कि कबाड़ डीलर राम किशन ने खुद पर साजिश के तहत गोलियां चलाई थी। फर्जी फायरिंग और एसपी की निष्पक्ष जांच कबाड़ डीलर रामकृष्ण मलपुर ने हाल ही में एक फायरिंग का मामला दर्ज कराया जिसमें उसने आरोप लगाया कि अज्ञात हमलावर ने उस की गाड़ी पर फायरिंग की । एसपी बद्दी ने तुरंत एक गहरी जांच के दौरान, एसपी बद्दी ने अपनी कार्य दक्षता के जरिए , मामले की तह में जाने पर पता चला कि यह एक फर्जी मामला था, जिसका उद्देश्य अपने व्यवसाय में सहानुभूति बटोरना, सरकारी पीएसओ हासिल करना था। इसी शेखी के चलते उनसे अपनी गाड़ी पर गोलियां चलवाई। कबाड़ डीलर रामकृष्ण मलपुर की गतिविधियों में संलिप्तता के संकेत मिलने लगे और मामला धीरे-धीरे एक जालसाजी के रूप में सामने आया। एसपी ने बाहरी दबाव के बाद भी की थी निष्पक्ष जांच सूत्रों के अनुसार इस मामले की जांच के दौरान एसपी इल्मा अफ़रोज पर दबाव बनाया गया कि वे इस जांच में धीमी गति से काम करें और मामले को कबाड़ डीलर राम कृष्ण मलपुर के पक्ष में समाप्त कर दें। उन्हें क्लीन चिट देने के लिए कहा लेकिन अफ़रोज ने केस पूरी ईमानदारी और निडरता से करने के आदेश दिए। उनकी निष्पक्षता और ईमानदारी से की गई जांच ने कई ताकतवर लोगों को परेशान कर दिया। यह स्पष्ट हो गया कि अफ़रोज न तो किसी दबाव के सामने झुकी और न ही किसी भी परिस्थिति में अपनी जांच को धीमा करने वाली थीं। फर्जी गोलीकांड की निष्पक्ष जांच से हासिल की लोकप्रियता बद्दी पुलिस जिला के निवासियों ने अफ़रोज की कड़ी मेहनत, ईमानदारी और अदम्य साहस को खुले मन से सराहा है। उक्त मामले में एसपी बद्दी की निष्पक्ष जाँच ने उन्हें एक साहसी अधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया जिसने किसी भी स्थिति में सही निर्णय लेने से पीछे नहीं हटने का निर्णय लिया। बद्दी पुलिस जिला में कई प्रशंसनीय कार्य किए और जनता के बीच लोकप्रियता हासिल की। प्रशासनिक स्वतंत्रता पर भी खड़े हो रहे सवाल जनता का व्यापक समर्थन मिलने के बावजूद प्रशासन के इस फैसले ने प्रशासनिक स्वतंत्रता पर सवाल खड़ा किया है। कबाड़ डीलर रामकृष्ण मलपुर का फर्जी फायरिंग मामला और उसकी सच्चाई के सामने आने की कहानी ने हिमाचल प्रदेश पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है। एसपी इल्मा अफ़रोज के इस साहसी कदम ने यह साबित कर दिया कि सही और गलत के बीच का फ़र्क समझना और उसे लागू करना ही असली पुलिसिंग है। लेकिन इसका परिणाम पुलिस अधीक्षक के रातों रात निकाले जाने के रूप में सामने आया। आरोपी राम किशन को मिली अग्रिम ज़मानत पुलिस ने कबाड़ डीलर राम किशन पर आमर्स एक्ट व आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज किया है। अब आरोपी ने कोर्ट से अग्रिम जमानत भी ले ली है। जबकि आरोपी राम किशन ने जिस युवक से गोलियां चलवाई थी वह न्यायिक हिरासत में चल रहा है। ज़िला बद्दी पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक वर्मा ने बताया कि आरोपी राम किशन ने कोर्ट से अग्रिम जमानत ली है।

Nov 12, 2024 - 06:55
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सोलन में फर्जी गोलीकांड की एसपी ने की निष्पक्ष जांच:आरोपी को कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत, कारोबारी ने खुद पर करवाया था हमला
हिमाचल प्रदेश एक शांत पहाड़ी राज्य है जहां पर एक कबाड़ डीलर ने फर्जी गोलीकांड करवाकर दहशत का माहौल बना दिया था। लेकिन इस मामले में एक आईपीएस अधिकारी की निष्पक्ष जांच ने न केवल राज्य बल्कि पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। यह घटना बद्दी के कबाड़ डीलर राम कृष्ण जो कि बद्दी के मलपुर से जुड़ी है, जिसने खुद पर साजिश के तहत फर्जी गोलीकांड करवाया। जिसमें स्पेशल टीम के नेतृत्व वाली एसपी बद्दी इल्मा अफरोज ने सच्चाई को सामने लाने का साहस दिखाया। गौरतलब है कि 26 अक्टूबर को शाम क़रीब पाँच बजे नालागढ़ के डाडी कनियां में कबाड़ डीलर की गाड़ी पर पांच राउंड फ़ायर एक युवक द्वारा किए गए थे और मौके से फरार हो गया था। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ़्तार किया है जिसने गोलियाँ चलाई थी। जिसके कुछ दिन बाद एसपी बद्दी ने प्रेसवार्ता करते हुए खुलासा किया था कि कबाड़ डीलर राम किशन ने खुद पर साजिश के तहत गोलियां चलाई थी। फर्जी फायरिंग और एसपी की निष्पक्ष जांच कबाड़ डीलर रामकृष्ण मलपुर ने हाल ही में एक फायरिंग का मामला दर्ज कराया जिसमें उसने आरोप लगाया कि अज्ञात हमलावर ने उस की गाड़ी पर फायरिंग की । एसपी बद्दी ने तुरंत एक गहरी जांच के दौरान, एसपी बद्दी ने अपनी कार्य दक्षता के जरिए , मामले की तह में जाने पर पता चला कि यह एक फर्जी मामला था, जिसका उद्देश्य अपने व्यवसाय में सहानुभूति बटोरना, सरकारी पीएसओ हासिल करना था। इसी शेखी के चलते उनसे अपनी गाड़ी पर गोलियां चलवाई। कबाड़ डीलर रामकृष्ण मलपुर की गतिविधियों में संलिप्तता के संकेत मिलने लगे और मामला धीरे-धीरे एक जालसाजी के रूप में सामने आया। एसपी ने बाहरी दबाव के बाद भी की थी निष्पक्ष जांच सूत्रों के अनुसार इस मामले की जांच के दौरान एसपी इल्मा अफ़रोज पर दबाव बनाया गया कि वे इस जांच में धीमी गति से काम करें और मामले को कबाड़ डीलर राम कृष्ण मलपुर के पक्ष में समाप्त कर दें। उन्हें क्लीन चिट देने के लिए कहा लेकिन अफ़रोज ने केस पूरी ईमानदारी और निडरता से करने के आदेश दिए। उनकी निष्पक्षता और ईमानदारी से की गई जांच ने कई ताकतवर लोगों को परेशान कर दिया। यह स्पष्ट हो गया कि अफ़रोज न तो किसी दबाव के सामने झुकी और न ही किसी भी परिस्थिति में अपनी जांच को धीमा करने वाली थीं। फर्जी गोलीकांड की निष्पक्ष जांच से हासिल की लोकप्रियता बद्दी पुलिस जिला के निवासियों ने अफ़रोज की कड़ी मेहनत, ईमानदारी और अदम्य साहस को खुले मन से सराहा है। उक्त मामले में एसपी बद्दी की निष्पक्ष जाँच ने उन्हें एक साहसी अधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया जिसने किसी भी स्थिति में सही निर्णय लेने से पीछे नहीं हटने का निर्णय लिया। बद्दी पुलिस जिला में कई प्रशंसनीय कार्य किए और जनता के बीच लोकप्रियता हासिल की। प्रशासनिक स्वतंत्रता पर भी खड़े हो रहे सवाल जनता का व्यापक समर्थन मिलने के बावजूद प्रशासन के इस फैसले ने प्रशासनिक स्वतंत्रता पर सवाल खड़ा किया है। कबाड़ डीलर रामकृष्ण मलपुर का फर्जी फायरिंग मामला और उसकी सच्चाई के सामने आने की कहानी ने हिमाचल प्रदेश पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है। एसपी इल्मा अफ़रोज के इस साहसी कदम ने यह साबित कर दिया कि सही और गलत के बीच का फ़र्क समझना और उसे लागू करना ही असली पुलिसिंग है। लेकिन इसका परिणाम पुलिस अधीक्षक के रातों रात निकाले जाने के रूप में सामने आया। आरोपी राम किशन को मिली अग्रिम ज़मानत पुलिस ने कबाड़ डीलर राम किशन पर आमर्स एक्ट व आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज किया है। अब आरोपी ने कोर्ट से अग्रिम जमानत भी ले ली है। जबकि आरोपी राम किशन ने जिस युवक से गोलियां चलवाई थी वह न्यायिक हिरासत में चल रहा है। ज़िला बद्दी पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक वर्मा ने बताया कि आरोपी राम किशन ने कोर्ट से अग्रिम जमानत ली है।

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