हमीरपुर में किसान ने की आत्महत्या:ग्रीन कार्ड पर लिया था कर्ज, बेटी की शादी में खेत गहने पर रखा, परेशान होकर की खुदकुशी

हमीरपुर जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र में आज एक किसान ने आर्थिक तंगी और कर्ज के दबाव के चलते आत्महत्या कर ली। घटना टेढ़ा गांव की है, जहां 50 वर्षीय किसान चुनुबाद ने अपने घर में फांसी लगाकर जीवनलीला समाप्त कर ली। मृतक किसान के पास तीन बीघा जमीन थी, लेकिन वह ग्रीन कार्ड पर लिए गए दो लाख रुपये के लोन और साहूकारों के कर्ज के कारण मानसिक तनाव में था। चुनुबाद के परिवार की हालत बेहद दयनीय है। उनके दो बेटे अंधे हैं, जिससे परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ और बढ़ गया था। मृतक के भाई लल्लू राम ने बताया कि चुनुबाद ने पिछले साल अपनी बेटी की शादी के लिए गांव के कुछ लोगों से कर्ज लिया था और अपनी खेती के गहने भी गिरवी रख दिए थे। ग्राम प्रधान नोखेलाल ने भी पुष्टि की कि चुनुबाद कर्ज के बोझ तले दबा था। उन्होंने बताया कि बैंक से लिए गए दो लाख के कर्ज और बीते साल बेटी की शादी के चलते खेत गिरवी रखकर उसने 90 हजार रुपये जुटाए थे। ऐसे में घर का खर्च चलाना चुनुबाद के लिए मुश्किल हो गया था। स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और सरकार से कर्जमाफी और किसानों की मदद के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। यह घटना एक बार फिर से यह सवाल उठाती है कि कैसे किसानों को आर्थिक संकट और मानसिक तनाव से निपटने में मदद की जा सकती है।

Oct 28, 2024 - 12:20
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हमीरपुर में किसान ने की आत्महत्या:ग्रीन कार्ड पर लिया था कर्ज, बेटी की शादी में खेत गहने पर रखा, परेशान होकर की खुदकुशी
हमीरपुर जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र में आज एक किसान ने आर्थिक तंगी और कर्ज के दबाव के चलते आत्महत्या कर ली। घटना टेढ़ा गांव की है, जहां 50 वर्षीय किसान चुनुबाद ने अपने घर में फांसी लगाकर जीवनलीला समाप्त कर ली। मृतक किसान के पास तीन बीघा जमीन थी, लेकिन वह ग्रीन कार्ड पर लिए गए दो लाख रुपये के लोन और साहूकारों के कर्ज के कारण मानसिक तनाव में था। चुनुबाद के परिवार की हालत बेहद दयनीय है। उनके दो बेटे अंधे हैं, जिससे परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ और बढ़ गया था। मृतक के भाई लल्लू राम ने बताया कि चुनुबाद ने पिछले साल अपनी बेटी की शादी के लिए गांव के कुछ लोगों से कर्ज लिया था और अपनी खेती के गहने भी गिरवी रख दिए थे। ग्राम प्रधान नोखेलाल ने भी पुष्टि की कि चुनुबाद कर्ज के बोझ तले दबा था। उन्होंने बताया कि बैंक से लिए गए दो लाख के कर्ज और बीते साल बेटी की शादी के चलते खेत गिरवी रखकर उसने 90 हजार रुपये जुटाए थे। ऐसे में घर का खर्च चलाना चुनुबाद के लिए मुश्किल हो गया था। स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और सरकार से कर्जमाफी और किसानों की मदद के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। यह घटना एक बार फिर से यह सवाल उठाती है कि कैसे किसानों को आर्थिक संकट और मानसिक तनाव से निपटने में मदद की जा सकती है।

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