हरिद्वार कांवड़ मेला 2025: किशोर कांवड़िया की गंगा में फंसी जान, SDRF ने किया रेस्क्यू

हरिद्वार। सावन मास के आगमन के साथ ही कांवड़ मेला 2025 का शुभारंभ हो चुका है। शिवभक्ति में सराबोर लाखों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से हरिद्वार पहुंच रहे हैं और पवित्र गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। मगर, इस आस्था के समंदर में कुछ लोग लापरवाही का डुबकी लगा बैठते हैं, …

Jul 12, 2025 - 18:27
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हरिद्वार कांवड़ मेला 2025: किशोर कांवड़िया की गंगा में फंसी जान, SDRF ने किया रेस्क्यू
हरिद्वार। सावन मास के आगमन के साथ ही कांवड़ मेला 2025 का शुभारंभ हो चुका है। शिवभक्ति में सराबोर लाख

हरिद्वार कांवड़ मेला 2025: किशोर कांवड़िया की गंगा में फंसी जान, SDRF ने किया रेस्क्यू

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हरिद्वार। सावन मास का आगमन होते ही कांवड़ मेला 2025 का शुभारंभ हो चुका है। इस खास अवसर पर लाखों श्रद्धालु विभिन्न हिस्सों से हरिद्वार आते हैं ताकि वे पवित्र गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों की ओर प्रस्थान कर सकें। लेकिन इस आस्था का महापर्व कुछ श्रद्धालुओं के लिए खतरा भी बन जाता है। इस बार भी लापरवाही का एक मामला सामने आया है, जिससे एक किशोर की जान भी बचाई गई।

घटना का संक्षिप्त विवरण

यह घटना हरिद्वार के प्रेम नगर आश्रम घाट पर घटी, जहां एक 16 वर्षीय किशोर कांवड़िया, जिसका नाम आदर्श है, गंगा के तेज बहाव में फंस गया। किशोर ने समय रहते घाट पर लगी जंजीर को पकड़ लिया, जिससे उसकी जान बच गई। मौके पर उपस्थित एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्क फोर्स) की टीम ने तुरंत कार्रवाई की और सुरक्षित रूप से उसे बाहर निकाल लिया।

एसडीआरएफ की तत्परता से बचाई गई जान

एसडीआरएफ के एसआई आशीष त्यागी ने बताया कि यह घटना शनिवार सुबह लगभग 10:35 बजे हुई। आदर्श गंगा स्नान कर रहा था जब वह अचानक तेज धारा में चला गया। गनीमत यह रही कि उसने तुरंत सुरक्षित जंजीर को पकड़ा, जिसके चलते उसे बचाना संभव हुआ। एसडीआरएफ की टीम ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन में बेहतरीन संतुलन और तत्परता दिखाई।

सुरक्षा के प्रति जागरूकता जरूरी

आशीष त्यागी ने सभी कांवड़ यात्रियों से विशेष अपील की है कि वे गंगा में स्नान करते समय सावधानी बरतें। उनका कहना है, “गंगा की धारा अन्य नदियों से कहीं अधिक तेज और गहरी होती है। जब भी स्नान करें, रेलिंग के भीतर रहकर ही करें और किसी भी जोखिम भरी गतिविधियों में शामिल न हों।” इस संदेश का पालन करना न केवल उनके अपने सुरक्षा के लिए, बल्कि दूसरों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।

सामुदायिक सुरक्षा के उपाय

कांवड़ मेले के दौरान कई श्रद्धालु घाट किनारों पर खतरनाक स्थानों पर स्नान करते हैं, जिससे दुर्घटनाएँ हो सकती हैं। प्रशासन ने सुरक्षा के लिए नियम बनाए हैं, लेकिन कई लोग उन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। प्रशासन और एसडीआरएफ की सजगता के कारण एक बड़े हादसे को टाला जा सका है, लेकिन यह घटना उन श्रद्धालुओं के लिए एक चेतावनी है जो अपनी आस्था के साथ-साथ लापरवाही की डुबकी भी लगा रहे हैं।

निष्कर्ष

हरिद्वार में यह साल का कांवड़ मेला श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है। लेकिन, सावधानी बरतना इस उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एसडीआरएफ की तत्परता से एक युवक की जान बचाई गई, लेकिन आगे ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सभी को सुरक्षा नियमों का पालन करना आवश्यक है। इसका पालन न करने वाले श्रद्धालुओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनकी लापरवाही ना केवल उनके लिए, बल्कि दूसरों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकती है।

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टीम इंडिया टुडे

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