हाईकोर्ट ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली याचिका पर लिया संज्ञान:मंत्री विक्रमादित्य, अनिरुद्ध सिंह, होम सेक्रेटरी, DGP और देवभूमि जागरण मंच को नोटिस
हिमाचल हाईकोर्ट ने संजौली मस्जिद विवाद के बाद सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले बयानों पर कड़ा संज्ञान लिया है। कोर्ट ने एक एडवोकेट द्वारा दायर जनहित याचिका पर शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह, पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के अलावा हिमाचल के होम सेक्रेटरी, DGP, SP शिमला और नगर निगम शिमला को नोटिस जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 3 सप्ताह बाद बाद होगी। एक्टिंग चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने देवभूमि जागरण मंच को भी नोटिस भेजकर पार्टी बनाया गया है। जनहित याचिका में संवैधानिक पदों पर बैठे बैठे मंत्रियों पर गैर जिम्मेदाराना बयान देकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप लगाए गए। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर भड़काउ पोस्ट डालकर माहौल खराब किया। याचिका में कहा गया कि भड़काऊ पोस्ट से लोगों के अंदर एक दूसरे के प्रति नफरत फैल रही है। याचिका में कहा गया कि बीते 26 सितंबर को विक्रमादित्य के बयान दिया कि भोजनालय, रेहड़ी-फड़ी वालों को दुकान के बाहर अपनी पहचान लिखनी होगी। वहीं अनिरुद्ध सिंह ने संजौली मस्जिद के दौरान विधानसभा में भी विवादित बयान दिया। याचिका ने देवभूमि जागरण मंच के बयानों का भी हवाला दिया गया, जिससे हिमाचल की शांति और कानून व्यवस्था को खतरा पैदा हो गया। याचिका में कहा गया कि धर्म के नाम पर पिछले कुछ समय से माहौल बिगाड़ा जा रहा है। याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने खाने-पीने की दुकानों के बाहर नाम लिखने पर रोक लगा रखी है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि दुकानदार नाम लिखने को बाध्य नहीं हैं, जो खुद लिखना चाहें, वे लिखें।
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