हिंदी: हमारी आत्मा और संस्कृति का प्रतीक - हिंदी दिवस पर सीएम धामी का संदेश

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि हिन्दी हमारी सांस्कृतिक भावनाओं, आकांक्षाओं एवं आदर्शाे का प्रतीक है। किसी भी देश की भाषा ही उसकी संस्कृति एवं परम्पराओं से जोड़ने में मददगार होती है। हिन्दी मात्र भाषा ही […] The post हिंदी सिर्फ भाषा नहीं, हमारी आत्मा है – पढ़िए सीएम धामी ने क्या कहा हिंदी दिवस पर ? first appeared on Vision 2020 News.

Sep 14, 2025 - 09:27
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हिंदी: हमारी आत्मा और संस्कृति का प्रतीक - हिंदी दिवस पर सीएम धामी का संदेश
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं दी है। इस

हिंदी: हमारी आत्मा और संस्कृति का प्रतीक - हिंदी दिवस पर सीएम धामी का संदेश

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कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी को हमारी सांस्कृतिक पहचान और आत्मा कहा।

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। ऐसे मौके पर, उन्होंने एक संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि "हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि हमारी संस्कृतिक भावनाओं, आकांक्षाओं और आदर्शों का प्रतीक है।" मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि किसी भी देश की भाषा उसकी संस्कृति और परंपराओं को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हिंदी केवल एक संवाद का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारी सभ्यता, संस्कृति और भारतीयता का भी प्रतीक है।

हिंदी का वैश्विक प्रभाव

सीएम धामी ने कहा कि हिंदी ने हमारे समाज को जोड़ने और हमारी संस्कृति को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हिंदी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वैश्विक मंच पर एक खास स्थान दिलाने के लिए कई प्रमुख प्रयास किए जा रहे हैं। 'मन की बात' कार्यक्रम में हिंदी के उपयोग से वैश्विक स्तर पर उसकी पहचान मजबूत हुई है।

एकता और अखंडता का आधार

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदी देश की एकता और अखंडता की भी नींव है। यह एक ऐसा अनुष्ठान है जो हमारी परंपराओं और विरासत को जीवित रखता है। उनका मानना है कि आज विभिन्न देशों में हिंदी का अध्ययन किया जा रहा है और समाज में जागरूकता फैलाने में यह भाषा महत्वपूर्ण बनी हुई है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी हिंदी ने संघर्ष की भाषा बनकर देशवासियों को एक सूत्र में बांधा। इसके कारण, हिंदी केवल एक संवाद की भाषा नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का प्रमुख माध्यम बन चुकी है।

हिंदी का सम्मान और विकास

मुख्यमंत्री ने हिंदी के गौरव को बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि हिंदी के विकास के लिए जब सभी मिलकर प्रयास करेंगे, तभी इसे वह सम्मान मिलेगा जो इसे मिलना चाहिए। हिंदी को भारत ही नहीं, बल्कि विश्व की सबसे लोकप्रिय भाषाओं में से एक माना जाता है। यह भाषा भारतवासियों के बीच एक सेतु का कार्य भी करती है, जिससे विभिन्न भाषाओं के साथ सामंजस्य स्थापित होता है।

हिंदी का प्रतिवर्ष सम्मान

हिंदी दिवस पर, मुख्यमंत्री ने सभी से अपील की कि वे हिंदी को अपने दैनिक जीवन में अधिक से अधिक प्रयोग में लाने का संकल्प लें। यह न केवल हिंदी के गौरव और सम्मान के लिए आवश्यक है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान को भी संस्थापित करता है।

सीएम धामी के इस संदेश से स्पष्ट होता है कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र की आत्मा है, जो हमें एकजुट करती है।

इसके अलावा, हिंदी के उत्थान के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न पहल की जा रही हैं, जो न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हिंदी को प्रमोट करने के लिए काम कर रही हैं।

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संपादकीय टीम: टीम इंडिया टुडे, तनुजा शर्मा

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