हिमवंतकवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल की पुण्यतिथि: साहित्य में उनके योगदान को किया गया याद

Corbetthalchalरामनगर में हिंदी के वरिष्ठ कवि चंद्रकुंवर बर्त्वाल को उनकी उनासवीं पुण्यतिथि पर उनकी कविताओं के साथ याद किया गया।साहित्यिक संस्था दुदबोली की पहल पर पर्वतीय सभी लखनपुर में हुए…

Sep 14, 2025 - 18:27
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हिमवंतकवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल की पुण्यतिथि: साहित्य में उनके योगदान को किया गया याद
Corbetthalchalरामनगर में हिंदी के वरिष्ठ कवि चंद्रकुंवर बर्त्वाल को उनकी उनासवीं पुण्यतिथि पर उनकी कवित

हिमवंतकवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल की पुण्यतिथि: साहित्य में उनके योगदान को किया गया याद

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कम शब्दों में कहें तो, हिंदी के वरिष्ठ कवि चंद्रकुंवर बर्त्वाल को उनकी उनासवीं पुण्यतिथि पर समर्पित एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उनकी कविताओं को सुनकर उनके साहित्यिक योगदान को रेखांकित किया गया है।

रामनगर के कोर्बेटथलचल में साहित्यिक संस्था दुदबोली द्वारा आयोजित इस समारोह में पर्वतीय क्षेत्र के सभी लखनपुर के साहित्य प्रेमियों ने भाग लिया। वक्ताओं ने चंद्र कुंवर बर्त्वाल की काव्य प्रतिभा और उनके साहित्य जीवन पर महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। इस अवसर पर प्रोफेसर गिरीश चंद्र पंत ने कहा कि बर्त्वाल ने केवल 28 वर्ष की आयु में जितना भी साहित्य रचा, वह न केवल राष्ट्रीय बल्कि विश्वस्तरीय भी है। उनकी कविताएं अद्भुत हैं और साहित्य जगत में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती हैं।

चंद्र कुंवर बर्त्वाल का साहित्यिक योगदान

चंद्र कुंवर बर्त्वाल का नाम हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उनकी कविताएं पहाड़ी संस्कृति, ग्रामीण जीवन और मानवीय भावनाओं का सजीव चित्रण करती हैं। बर्त्वाल ने कठिनाइयों के बावजूद लेखन को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया और उन्होंने अपने शब्दों से लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया।

समारोह में उपस्थित साहित्यिक विशेषज्ञों ने बर्त्वाल की काव्य शैली पर चर्चा की और बताया कि कैसे उन्होंने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर रहस्योद्घाटन किया और श्रोताओं को प्रेरित किया। उनकी रचनाएं आज भी लोगों में उत्साह और सृजनात्मकता का संचार करती हैं।

संदेश और प्रेरणा

चंद्र कुंवर बर्त्वाल की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए, साहित्य प्रेमियों ने यह संदेश दिया कि हमें अपने सांस्कृतिक धरोहरों को संजोकर रखना चाहिए और आगामी पीढ़ियों को प्रेरित करना चाहिए। उनकी काव्यमय रचनाएं न केवल साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं, बल्कि मानवता के मूल्यों को भी उजागर करती हैं।

इस कार्यक्रम में साहित्य के प्रति प्रेम और समर्पण को देखने के लिए विभिन्न आयु वर्ग के लोग उपस्थित थे। यह अवसर सभी के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरा, जिसमें साहित्य के प्रति निष्ठा और प्रतिबद्धता का परिचय मिला।

इस तरह के आयोजन न केवल हमारी संस्कृति को संरक्षित करते हैं, बल्कि नए लेखकों और कवियों के लिए भी एक प्लेटफार्म प्रस्तुत करते हैं।

अंत में, यह कार्यक्रम चंद्र कुंवर बर्त्वाल के योगदान को याद करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था और उनके काव्य संघर्ष और परिश्रम को सम्मानित करने का भी।

जैसा कि हम चंद्र कुंवर बर्त्वाल को याद करते हैं, हमें उनके काम से प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए।

अधिक जानकारी के लिए, हमारे साथ जुड़े रहें। https://indiatwoday.com

सादर, टीम इंडिया टुडे वुमन - सुष्मिता

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