हिमाचल की टूरिज्म इंडस्ट्री पर संकट:बर्फबारी न होने से कारोबारी परेशान; 40% तक छूट, फिर भी पर्यटक नहीं; कारोबार पड़ा मंदा

हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी न होने से पर्यटन उद्योग पर संकट मंडरा रहा है। पर्यटन कारोबारी सदमे में हैं। खासकर वे लोग जिन्होंने होटल और होमस्टे लीज या फिर ऊंचे किराए पर ले रखे हैं। सर्दियों के सीजन में पर्यटन कारोबारियों के लिए अच्छी कमाई का समय 15 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच होता है। विंटर सीजन के 14 दिन बीत चुके हैं और कारोबार पूरी तरह से मंदा पड़ा है। इसके चलते कई शहरों में ऑक्यूपेंसी घटकर 10 से 15 फीसदी रह गई है। चिंता की बात यह है कि अगले तीन हफ्ते तक भी अच्छी बर्फबारी के कम आसार है। हालांकि अधिक ऊंचे पहाड़ों पर अगले 96 घंटे तक हल्की बर्फबारी हो सकती है। मगर शिमला, मनाली, कुफरी, नारकंडा, डलहौजी जैसे मशहूर पर्यटन स्थलों पर बर्फबारी के लिए अभी इंतजार करना होगा। वीकेंड पर भी 50 फीसदी ऑक्यूपेंसी नहीं हो पा रही है, जबकि देश के मैदानी इलाकों में प्रदूषण के चलते हालात खराब हैं। ऐसे में नवंबर माह में लोग बर्फ देखने के लिए पहाड़ों का रुख करते थे। लेकिन हिमाचल के जो पहाड़ 25 अक्टूबर के बाद बर्फ से ढकने लगते हैं, वहां इस बार बर्फ नहीं है। इससे पर्यटक हिमाचल के बजाय कश्मीर व लेह लद्दाख का रुख कर रहा है। इन पर्यटन स्थलों पर देशभर से पहुंचते थे पर्यटक देशभर का पर्यटक बर्फ को देखने की चाहत में शिमला, कुफरी, नारकंडा, मनाली, रोहतांग, धर्मशाला, डलहौजी इत्यादि पर्यटन स्थलों का रुख करता था। मगर इस बार बर्फ तो दूर पानी की भी बूंद तक नहीं बरसी और प्रदेश में 30 साल में दूसरा सबसे लंबा ड्राइ स्पेल है। टूरिज्म इंडस्ट्री पर इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ रही है। जब तक अच्छी बर्फबारी नहीं होती, तब तक पर्यटन कारोबार के पटरी पर लौटने की कम उम्मीद है। हिमाचल में 8100 से ज्यादा होम स्टे व होटल हिमाचल में 8100 से ज्यादा होटल व होम स्टे संचालक, इनमें काम करने वाले हजारों कर्मचारी, 60 हजार से ज्यादा टैक्सी ऑपरेटर और 70 हजार से ज्यादा टूरिस्ट गाइड व घोड़ा संचालक है। सभी बर्फबारी नहीं होने से मायूस है। ढाई लाख परिवारों की रोजी-रोटी पर्यटन पर निर्भर हिमाचल में ढाई लाख से ज्यादा परिवारों की रोजी रोटी टूरिज्म पर निर्भर रहती है। राज्य के सकल घरेलू उत्पादन (GDFP) में टूरिज्म इंडस्ट्री का 7 से 10 फीसदी के बीच में योगदान रहता है। यह हर साल के पर्यटन कारोबार के हिसाब से कम ज्यादा होता रहता है। हिमाचल ​प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का 7.5 प्रतिशत का योगदान रहता है। डिस्काउंट का फायदा उठाए पर्यटक प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों के होटलों में इन दिनों कमरों की बुकिंग पर 20 से 40 प्रतिशत तक का डिस्काउंट भी दिया है। फिर भी काफी कम पर्यटक पहाड़ों पर आ रहे हैं। इससे पर्यटन कारोबारी परेशान है।

Nov 29, 2024 - 08:45
 0  4.4k
हिमाचल की टूरिज्म इंडस्ट्री पर संकट:बर्फबारी न होने से कारोबारी परेशान; 40% तक छूट, फिर भी पर्यटक नहीं; कारोबार पड़ा मंदा
हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी न होने से पर्यटन उद्योग पर संकट मंडरा रहा है। पर्यटन कारोबारी सदमे में हैं। खासकर वे लोग जिन्होंने होटल और होमस्टे लीज या फिर ऊंचे किराए पर ले रखे हैं। सर्दियों के सीजन में पर्यटन कारोबारियों के लिए अच्छी कमाई का समय 15 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच होता है। विंटर सीजन के 14 दिन बीत चुके हैं और कारोबार पूरी तरह से मंदा पड़ा है। इसके चलते कई शहरों में ऑक्यूपेंसी घटकर 10 से 15 फीसदी रह गई है। चिंता की बात यह है कि अगले तीन हफ्ते तक भी अच्छी बर्फबारी के कम आसार है। हालांकि अधिक ऊंचे पहाड़ों पर अगले 96 घंटे तक हल्की बर्फबारी हो सकती है। मगर शिमला, मनाली, कुफरी, नारकंडा, डलहौजी जैसे मशहूर पर्यटन स्थलों पर बर्फबारी के लिए अभी इंतजार करना होगा। वीकेंड पर भी 50 फीसदी ऑक्यूपेंसी नहीं हो पा रही है, जबकि देश के मैदानी इलाकों में प्रदूषण के चलते हालात खराब हैं। ऐसे में नवंबर माह में लोग बर्फ देखने के लिए पहाड़ों का रुख करते थे। लेकिन हिमाचल के जो पहाड़ 25 अक्टूबर के बाद बर्फ से ढकने लगते हैं, वहां इस बार बर्फ नहीं है। इससे पर्यटक हिमाचल के बजाय कश्मीर व लेह लद्दाख का रुख कर रहा है। इन पर्यटन स्थलों पर देशभर से पहुंचते थे पर्यटक देशभर का पर्यटक बर्फ को देखने की चाहत में शिमला, कुफरी, नारकंडा, मनाली, रोहतांग, धर्मशाला, डलहौजी इत्यादि पर्यटन स्थलों का रुख करता था। मगर इस बार बर्फ तो दूर पानी की भी बूंद तक नहीं बरसी और प्रदेश में 30 साल में दूसरा सबसे लंबा ड्राइ स्पेल है। टूरिज्म इंडस्ट्री पर इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ रही है। जब तक अच्छी बर्फबारी नहीं होती, तब तक पर्यटन कारोबार के पटरी पर लौटने की कम उम्मीद है। हिमाचल में 8100 से ज्यादा होम स्टे व होटल हिमाचल में 8100 से ज्यादा होटल व होम स्टे संचालक, इनमें काम करने वाले हजारों कर्मचारी, 60 हजार से ज्यादा टैक्सी ऑपरेटर और 70 हजार से ज्यादा टूरिस्ट गाइड व घोड़ा संचालक है। सभी बर्फबारी नहीं होने से मायूस है। ढाई लाख परिवारों की रोजी-रोटी पर्यटन पर निर्भर हिमाचल में ढाई लाख से ज्यादा परिवारों की रोजी रोटी टूरिज्म पर निर्भर रहती है। राज्य के सकल घरेलू उत्पादन (GDFP) में टूरिज्म इंडस्ट्री का 7 से 10 फीसदी के बीच में योगदान रहता है। यह हर साल के पर्यटन कारोबार के हिसाब से कम ज्यादा होता रहता है। हिमाचल ​प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का 7.5 प्रतिशत का योगदान रहता है। डिस्काउंट का फायदा उठाए पर्यटक प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों के होटलों में इन दिनों कमरों की बुकिंग पर 20 से 40 प्रतिशत तक का डिस्काउंट भी दिया है। फिर भी काफी कम पर्यटक पहाड़ों पर आ रहे हैं। इससे पर्यटन कारोबारी परेशान है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow