होमगार्डों का गिरोह बना वसूली करने वाले पर रिपोर्ट:कानपुर में एडवोकेट को ट्रैफिक नियम के नाम पर रोका की वसूली और अभद्रता; पुलिस ने नहीं सुनी तब कोर्ट के आदेश पर हुई रिपोर्ट
कानपुर में होमगार्डों का गिरोह बनाकर अवैध वसूली करने का एक मामला प्रकाश में आया है। एक एडवोकेट भी इसी गिरोह का शिकार हुआ। एडवोकेट के साथ घटना 25 जनवरी 2024 को हुई। पीड़ित ने चकेरी पुलिस से मामले में शिकायत भी की मगर कोई कार्रवाई न होने पर सीएमएम के यहां शिकायती प्रार्थना पत्र दाखिल किया। सीएमएम कोर्ट के आदेश के बाद चकेरी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। आजद नगर सतबरी रोड चकेरी निवासी एडवोकेट अंकित यादव के मुताबिक 25 जनवरी 2024 की रात लगभग साढ़े आठ बजे घर जा रहा था। श्याम नगर बाईपास पार करने के बाद एक पान शॉप से पचास कदम पहले एक युवक ने खुद को होमगार्ड शिवम शुक्ला बताते हुए एडवोकेट को रोक लिया। उसे गाड़ी से उतरने को कहा बोला कि तुम्हें चौराहा पर हाथ देकर रोका था रुके क्यों नहीं। उसने यह भी कहा कि तुमने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी है और फोटों खींच ली गई है। अब तुम्हारा सीटबेल्ट का चालान होगा। एडवोकेट के मुताबिक उन्होंने उससे विनती की और कहा कि आज छोड़ दें आगे से सीट बेल्ट लगाकर चलेगा।तभी होमगार्ड शिवम ने कहा कि कार से उतरकर बात कर एक तमाचे में सही हो जाएगा और गाली देते हुए कार का दरवाजा खोल दिया। चालान बचाना है तो एक हजार रुपए दो गाली का विरोध करते हुए एडवोकेट अंकित यादव ने अपना परिचय भी दिया। मगर होमगार्ड शिवम ने कहा कि चालान बचाना चाहते हो तो एक हजार रुपए दो। एडवोकेट ने उसे बताया भी कि वो पर्स घर भूल आया है। शिवम ने कहा कि कैश नहीं है तो ऑनलाइन दे सकते हो। उसी दौरान वहां पर एक टीएसआई की गाड़ी भी आ गई और उसमें बैठा टीएसाई राजीव दीक्षित सीधे गाली गलौज करने लगा। फिर बोला चालान से बचना है तो जो शिवम कह रहा है वो करो। एडवोकेट ने बताया भी कि खाते में सिर्फ पांच सौ रुपए प़े हैं। यह चाहिए तो एटीएम से निकालकर दे सकता है। पॉकेट से बार कोड निकाला एडवोकेट के मुताबिक राजीव के कहने पर शिवम ने पॉकेट से मोबाइल निकाला और गूगल पे का बार कोड दिया। जिसमें एडवोकेट ने पैसे डाल दिए और कार में बैठ गया। उसके वहां से जाने से पहले शिवम ने कहा कि तुम्हारे जैसे वकील बहुत देखे हैं। इस पर एडवोकेट और होमगार्ड शिवम के बीच विवाद होने लगा। टीएसआई नहीं लुटेरा होमगार्ड है एडवोकेट के मुताबिक इस घटना के एक माह बाद पता चला कि राजीव दीक्षित टीएसआई नहीं है। यह एक लुटेरा होमगार्ड है जो कि सात साल पहले फर्जी दरोगा की वर्दी पहनकर वसूली करने के मुकदमे में जेल गय जा चुका है। उसके खिलाफ अभी भी मुकदमा चल रहा है। उसने अपने घर में लगभग दस सीटीआई को किराये पर रखे हुए हैं और उन्हीं की सरकारी गाड़ी में आरोपी ड्यूटी जाता है। फर्जी तरह से ऑनलाइन पैसे वसूलता है। शिवम राजीव द्वारा रखा गया होमगार्ड है जो खुद वसूली करके राजीव को पैसे ट्रांसरफर करता था। चकेरी इंस्पेक्टर अशोक कुमार दुबे के मुताबिक कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है। जो भी सबूत है उन्हें इकट्ठा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इंस्पेक्टर ने कहा मामला पुराना है। तथ्यों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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