अब 30 जून 2025 तक मंदिर निर्माण का प्रयास:नृपेंद्र मिश्रा बोले-अधिक दबाव डालेंगे सीमा, तो गुणवत्ता प्रभावित होगी

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने भवन निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के बाद कहा कि ''हमारा लक्ष्य मार्च 2025 तक सब कुछ पूरा करने का था लेकिन अब लगता है कि काम पूरा करने में कुछ और समय लगेगा. लार्सन एंड टुब्रो के लोग बार-बार कह रहे हैं कि अगर आप गति के हिसाब से अधिक दबाव डालेंगे सीमा, तो गुणवत्ता प्रभावित होगी। हमें उनकी इस बात का सम्मान करना होगा, हम 30 जून 2025 तक प्रयास कर रहे हैं, तब तक सभी काम पूरा हो जाना चाहिए। मंदिर निर्माण का लगभग 60% काम पूरा हो चुका है उन्होंने अयोध्या के सर्किट हाऊस में आज सुबह बातचीत में कहा कि मंदिर निर्माण का पूरा काम 30 जून 2025 तक पूरा हो जाएगा,। मंदिर निर्माण का लगभग 60% काम पूरा हो चुका है। हमने कल जो समीक्षा की, उसका मुख्य कारण यह था कि मंदिर में जहां राम कथा के चित्र लगाए जाने हैं, उस निचले चबूतरे को अंतिम रूप देने में कुछ कठिनाई हो रही है।हम वहां भित्ति चित्र नहीं काट सकते। उन्होंने आगे कहा कि इसमें कहानी की निरंतरता होनी चाहिए। यह संभव नहीं होगा। इसलिए इसमें बहुत समय लगा है। हमारे कलाकारों ने कुछ तरीके सुझाए हैं जो तकनीकी दृष्टिकोण से हैं। कल रात इसका अभ्यास किया गया होगा, आज इसके परिणाम आएंगे।

Nov 25, 2024 - 12:15
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अब 30 जून 2025 तक मंदिर निर्माण का प्रयास:नृपेंद्र मिश्रा बोले-अधिक दबाव डालेंगे सीमा, तो गुणवत्ता प्रभावित होगी
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने भवन निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के बाद कहा कि ''हमारा लक्ष्य मार्च 2025 तक सब कुछ पूरा करने का था लेकिन अब लगता है कि काम पूरा करने में कुछ और समय लगेगा. लार्सन एंड टुब्रो के लोग बार-बार कह रहे हैं कि अगर आप गति के हिसाब से अधिक दबाव डालेंगे सीमा, तो गुणवत्ता प्रभावित होगी। हमें उनकी इस बात का सम्मान करना होगा, हम 30 जून 2025 तक प्रयास कर रहे हैं, तब तक सभी काम पूरा हो जाना चाहिए। मंदिर निर्माण का लगभग 60% काम पूरा हो चुका है उन्होंने अयोध्या के सर्किट हाऊस में आज सुबह बातचीत में कहा कि मंदिर निर्माण का पूरा काम 30 जून 2025 तक पूरा हो जाएगा,। मंदिर निर्माण का लगभग 60% काम पूरा हो चुका है। हमने कल जो समीक्षा की, उसका मुख्य कारण यह था कि मंदिर में जहां राम कथा के चित्र लगाए जाने हैं, उस निचले चबूतरे को अंतिम रूप देने में कुछ कठिनाई हो रही है।हम वहां भित्ति चित्र नहीं काट सकते। उन्होंने आगे कहा कि इसमें कहानी की निरंतरता होनी चाहिए। यह संभव नहीं होगा। इसलिए इसमें बहुत समय लगा है। हमारे कलाकारों ने कुछ तरीके सुझाए हैं जो तकनीकी दृष्टिकोण से हैं। कल रात इसका अभ्यास किया गया होगा, आज इसके परिणाम आएंगे।

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