ईरान पर हमले में इजराइली महिला फाइटर पायलट शामिल थीं:1600 किमी दूर बैलिस्टिक मिसाइल ठिकाने तबाह किए; अमेरिका बोला- पलटवार की भूल न करें

इजराइल ने शनिवार (26 अक्टूबर) को ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमले के ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए महिला फाइटर पायलटों को भी मिशन पर भेजा था। इजराइल डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने तस्वीरें और वीडियो जारी कर ईरान के खिलाफ चलाए ऑपरेशन 'डेज ऑफ रिपेंटेंस' यानी पछतावे के दिनों की जानकारी दी है। इसमें महिलाएं भी फाइटर जेट्स में सवार होकर ऑपरेशन पर रवाना होते हुए दिखाई दे रही हैं। वहीं, टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक ऑपरेशन के दौरान IDF के फाइटर जेट्स अपने एरिया से 1600 किमी दूर गए थे। ईरान पर हमले के लिए F-15 और F-16 फाइटर जेट्स को खुली छूट दी थी। इजराइली हमले में उन जगहों को निशाना बनाया गया, जहां ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलें बनाई जाती थी। इनका इस्तेमाल ईरान ने इजराइल पर 1 अक्टूबर के हमले में किया था। 1980 के दशक में इराक युद्ध के बाद से पहली बार किसी दुश्मन देश ने ईरान पर इस तरह से हवाई हमले किए हैं। कतर के मीडिया हाउस अल जजीरा के मुताबिक, इस ऑपरेशन में 4 लोगों की मौत हुई। उधर, ईरान ने कहा है कि उसे पलटवार करने का पूरा हक है। दूसरी तरफ अमेरिका ने ईरान को इजराइल के खिलाफ कोई एक्शन न लेने की चेतावनी दी है। ईरान पर हमले के रवाना होते हुए इजराइली एयरफोर्स फोटोज और VIDEO... इजराइल के हमले पर अमेरिका बनाम ईरान अमेरिका ने एक तरफ जहां इजराइली हमले के बाद ये साफ किया कि वे इसमें किसी तरह शामिल नहीं थे। वहीं, शनिवार देर रात अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने ईरान को चेतावनी दी है कि वे इजराइल पर पलटवार की भूल न करे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच टकराव को अब तुरंत खत्म किया जाना चाहिए। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी ईरान पर हुए हमले के बाद टकराव खत्म करने की अपील की है। उन्होंने कहा- इजराइल ने सिर्फ सैन्य ठिकानों पर हमला किया है। मुझे पूरी उम्मीद है कि ये दोनों के बीच टकराव का अंत है। वहीं, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियन ने इजराइली हमले में मारे गए 4 सैनिकों की मौत पर दुख जताया। उन्होंने कहा- ईरान के दुश्मनों को ये पता होना चाहिए की वे अपनी रक्षा के लिए बिना डरे लड़ने को तैयार हैं। हम दुश्मन की बेवकूफियों से समझदारी से निपटेंगे। ईरान का दावा- इजराइल ने हमले के लिए इराक का एयरस्पेस इस्तेमाल किया ईरान ने दावा किया है कि इजराइल ने शनिवार को हमले के लिए इराकी एयरस्पेस का इस्तेमाल किया, जो अमेरिका के कंट्रोल में है। इजराइल ने इस आरोप पर कुछ भी कहने से इनकार किया है। उधर, अमेरिका का कहना है कि हमें सिर्फ ऑपरेशन की जानकारी दी गई थी। हम किसी भी तरह से इसमें शामिल नहीं थे। इराक ने अपना एयरस्पेस इस्तेमाल होने को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, उनके नेता मुकतदा अल सदर ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए और इसके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए। इजराइल ने कैसे ईरान पर हमले को अंजाम दिया... -------------------------- ईरान- इजराइल के टकराव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... ​​​​​​एक इजराइली फोन कॉल से ईरान में 3 घंटे हमले:अरब देश इतने अशांत क्यों; अंग्रेजों का बंटवारा, शिया-सुन्नी की लड़ाई, विवाद की 3 वजह ऐसा क्यों है कि मिडिल ईस्ट में कभी शांति नहीं होती, यहां पिछले 30 साल से हर चार साल में एक जंग लड़ी गई है। इसकी वजह अंग्रेजों का 104 साल पहले लिया गया वो फैसला है जिसमें अरब देशों का बंटवारा हुआ। इस बंटवारे से ऐसा क्या हुआ था कि अरब देश आज भी इसका खामियाजा भुगत रहे हैं, स्टोरी में साल 1920 के फैसले और उसके नतीजे की कहानी… पूरी खबर यहां पढ़ें...

Oct 27, 2024 - 09:35
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ईरान पर हमले में इजराइली महिला फाइटर पायलट शामिल थीं:1600 किमी दूर बैलिस्टिक मिसाइल ठिकाने तबाह किए; अमेरिका बोला- पलटवार की भूल न करें
इजराइल ने शनिवार (26 अक्टूबर) को ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमले के ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए महिला फाइटर पायलटों को भी मिशन पर भेजा था। इजराइल डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने तस्वीरें और वीडियो जारी कर ईरान के खिलाफ चलाए ऑपरेशन 'डेज ऑफ रिपेंटेंस' यानी पछतावे के दिनों की जानकारी दी है। इसमें महिलाएं भी फाइटर जेट्स में सवार होकर ऑपरेशन पर रवाना होते हुए दिखाई दे रही हैं। वहीं, टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक ऑपरेशन के दौरान IDF के फाइटर जेट्स अपने एरिया से 1600 किमी दूर गए थे। ईरान पर हमले के लिए F-15 और F-16 फाइटर जेट्स को खुली छूट दी थी। इजराइली हमले में उन जगहों को निशाना बनाया गया, जहां ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलें बनाई जाती थी। इनका इस्तेमाल ईरान ने इजराइल पर 1 अक्टूबर के हमले में किया था। 1980 के दशक में इराक युद्ध के बाद से पहली बार किसी दुश्मन देश ने ईरान पर इस तरह से हवाई हमले किए हैं। कतर के मीडिया हाउस अल जजीरा के मुताबिक, इस ऑपरेशन में 4 लोगों की मौत हुई। उधर, ईरान ने कहा है कि उसे पलटवार करने का पूरा हक है। दूसरी तरफ अमेरिका ने ईरान को इजराइल के खिलाफ कोई एक्शन न लेने की चेतावनी दी है। ईरान पर हमले के रवाना होते हुए इजराइली एयरफोर्स फोटोज और VIDEO... इजराइल के हमले पर अमेरिका बनाम ईरान अमेरिका ने एक तरफ जहां इजराइली हमले के बाद ये साफ किया कि वे इसमें किसी तरह शामिल नहीं थे। वहीं, शनिवार देर रात अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने ईरान को चेतावनी दी है कि वे इजराइल पर पलटवार की भूल न करे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच टकराव को अब तुरंत खत्म किया जाना चाहिए। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी ईरान पर हुए हमले के बाद टकराव खत्म करने की अपील की है। उन्होंने कहा- इजराइल ने सिर्फ सैन्य ठिकानों पर हमला किया है। मुझे पूरी उम्मीद है कि ये दोनों के बीच टकराव का अंत है। वहीं, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियन ने इजराइली हमले में मारे गए 4 सैनिकों की मौत पर दुख जताया। उन्होंने कहा- ईरान के दुश्मनों को ये पता होना चाहिए की वे अपनी रक्षा के लिए बिना डरे लड़ने को तैयार हैं। हम दुश्मन की बेवकूफियों से समझदारी से निपटेंगे। ईरान का दावा- इजराइल ने हमले के लिए इराक का एयरस्पेस इस्तेमाल किया ईरान ने दावा किया है कि इजराइल ने शनिवार को हमले के लिए इराकी एयरस्पेस का इस्तेमाल किया, जो अमेरिका के कंट्रोल में है। इजराइल ने इस आरोप पर कुछ भी कहने से इनकार किया है। उधर, अमेरिका का कहना है कि हमें सिर्फ ऑपरेशन की जानकारी दी गई थी। हम किसी भी तरह से इसमें शामिल नहीं थे। इराक ने अपना एयरस्पेस इस्तेमाल होने को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, उनके नेता मुकतदा अल सदर ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए और इसके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए। इजराइल ने कैसे ईरान पर हमले को अंजाम दिया... -------------------------- ईरान- इजराइल के टकराव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... ​​​​​​एक इजराइली फोन कॉल से ईरान में 3 घंटे हमले:अरब देश इतने अशांत क्यों; अंग्रेजों का बंटवारा, शिया-सुन्नी की लड़ाई, विवाद की 3 वजह ऐसा क्यों है कि मिडिल ईस्ट में कभी शांति नहीं होती, यहां पिछले 30 साल से हर चार साल में एक जंग लड़ी गई है। इसकी वजह अंग्रेजों का 104 साल पहले लिया गया वो फैसला है जिसमें अरब देशों का बंटवारा हुआ। इस बंटवारे से ऐसा क्या हुआ था कि अरब देश आज भी इसका खामियाजा भुगत रहे हैं, स्टोरी में साल 1920 के फैसले और उसके नतीजे की कहानी… पूरी खबर यहां पढ़ें...

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