उत्तरकाशी हिंसा- 8 नामजद, 200 अज्ञात पर FIR:3 दिन पहले मस्जिद को लेकर प्रदर्शन में पथराव हुआ था, 7 पुलिसकर्मी समेत 27 घायल हुए थे
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 24 अक्टूबर को हुई हिंसा में घायल सात पुलिसकर्मियों के मामले में पुलिस ने आठ लोगों को नामजद किया है। वहीं, 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उत्तरकाशी में एक मस्जिद गिराने की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान पथराव हुआ था। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था। इस दौरान सात पुलिस कर्मियों समेत 27 लोग घायल हुए थे। दो पुलिस कर्मियों को गंभीर चोटें आई थीं। पुलिस ने बताया कि उपद्रवियों परभारतीय न्याय संहिता (BNS) की 14 धाराएं लगाई गई हैं। आरोपियों के खिलाफ जानलेवा हमले के लिए BNS की धारा 109 और सरकारी कर्मचारी को गंभीर चोट पहुंचाने के लिए धारा 121 (2) लगाई गई है। जिला मजिस्ट्रेट मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि जिले में धारा 163 लागू है। इसका उद्देश्य शांति बहाल करना है। कल पूरा दिन शांतिपूर्ण रहा। स्कूल और चार धाम यात्रा भी सुचारू रूप से चली। सामान्य गतिविधियां चल रही हैं। मैं नागरिकों से सहयोग की अपील करता हूं, जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी। प्रदर्शनकारियों का आरोप- हालात बिगाड़ने की साजिश के तहत पथराव हुआ हिंदू संगठनों का आरोप था कि बाड़ाहाट इलाके में बनी मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी है। हालांकि, जिला प्रशासन ने साफ किया कि मस्जिद पुरानी है और मुस्लिम समुदाय के लोगों की जमीन पर बनी है। प्रदर्शन के दौरान भीड़ को मस्जिद की ओर बढ़ने से रोकने के लिए प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाई थी। इसे हटाने के लिए प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई। फिर प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग के पास ही बैठ गए और हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। कुछ देर बाद जब फिर से बैरिकेडिंग हटाने की कोशिश हुई तो प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हाथापाई हो गई। इसके बाद पथराव शुरू हो गया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि हालात बिगाड़ने की साजिश के तहत पुलिस पर पथराव किया गया। संजौली मस्जिद विवाद के बाद जगह-जगह हो रहे प्रदर्शन हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद के कारण पूरे हिमाचल प्रदेश में बवाल मचा था। हिंदू संगठनों ने सोलन, मंडी, कुल्लू और सिरमौर जिले में भी अवैध मस्जिदें गिराने की मांग उठाई थी। इसके बाद अब इस तरह का मामला उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भी सामने आया है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि मस्जिद वैध है। मस्जिद देश की आजादी से पहले की बनी हुई है, तब यह सिर्फ दो मंजिला थी। बाद में अवैध रूप से तीन मंजिलें और बना दी गईं। इसके खिलाफ नगर निगम आयुक्त के कोर्ट में 14 साल से केस चल रहा था। मामला 1 सितंबर को तब सुर्खियों में आया, जब दो समुदायों के बीच झगड़े के बाद मस्जिद के बाहर प्रदर्शन शुरू हुआ। स्थानीय निवासियों का आरोप था कि मस्जिद की अवैध मंजिलों से उनके घर में लोग ताक-झांक करते हैं। नगर निगम कमिश्नर का आदेश- मस्जिद कमेटी अपने खर्च पर अवैध मंजिलें गिराए, काम शुरू नगर निगम कमिश्नर ने 5 अक्टूबर को मस्जिद की अवैध मंजिलें गिराने का आदेश दिया था। संजौली मस्जिद कमेटी को यह काम अपने खर्च पर करने को कहा गया है। वक्फ बोर्ड से अनुमति लेकर मस्जिद कमेटी ने से 21 अक्टूबर से अवैध हिस्सा गिराने का काम शुरू कर दिया। इस मामले की हिमाचल हाईकोर्ट में भी सुनवाई होनी है। स्थानीय लोगों ने इसके लिए याचिका दायर की है। उनका कहना है कि नगर निगम कमिश्नर की कोर्ट में 14 साल से अभी तक फैसला नहीं हुआ है। कमिश्नर का मस्जिद गिराने का आदेश भी अंतरिम है। ..................................................... उत्तराखंड की मस्जिद-मदरसों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ाई जाएगी संस्कृत, उर्दू के साथ संस्कृत और अरबी भाषा का दिया जाएगा ज्ञान उत्तराखंड के मदरसों में अब संस्कृत के श्लोक भी गूंजते सुनाई देंगे। इसके अलावा मदरसों में अरबी भी पढ़ाई जाएगी। इसकी जानकारी उत्तराखंड मदरसा एजुकेशन बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून काजमी ने दी। पूरी खबर पढ़ें... हल्द्वानी में अवैध मदरसा गिराने पर हिंसा, 6 मरे; DM बोलीं- हमला प्लानिंग से हुआ, छत से पेट्रोल बम फेंके उत्तराखंड के हल्द्वानी में नगर निगम ने इसी साल 8 फरवरी को एक अवैध मदरसा ढहा दिया। नमाज पढ़ने के लिए बनाई गई एक इमारत पर भी बुलडोजर चला दिया। इसके बाद वहां हिंसा फैल गई। भीड़ ने पुलिस और निगम के अमले पर हमला कर दिया। पूरी खबर पढ़ें...
What's Your Reaction?