उत्तराखंड: अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई, बद्री-केदार स्टोन क्रेशर पर 21 लाख 16 हजार 8 सौ का जुर्माना, ई-रवन्ना पोर्टल भी निलंबित

हरिद्वार :  जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देश पर हरिद्वार जिले में अवैध खनन पर एक बार फिर कड़ा प्रहार किया गया है। भगवानपुर तहसील के ग्राम बंजारेवाला ग्रन्ट स्थित बद्री केदार स्टोन क्रेशर पर अवैध रूप से खुदाई कर 10,080 टन आरबीएम (R.B.M.) खनिज निकालने के मामले में ₹21,16,800/- का भारी-भरकम अर्थदंड लगाया गया है। …

Jun 20, 2025 - 00:27
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उत्तराखंड: अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई, बद्री-केदार स्टोन क्रेशर पर 21 लाख 16 हजार 8 सौ का जुर्माना, ई-रवन्ना पोर्टल भी निलंबित
हरिद्वार :  जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देश पर हरिद्वार जिले में अवैध खनन पर एक बार फिर कड़ा प्

उत्तराखंड: अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई, बद्री-केदार स्टोन क्रेशर पर 21 लाख 16 हजार 8 सौ का जुर्माना, ई-रवन्ना पोर्टल भी निलंबित

हरिद्वार: जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देश पर हरिद्वार जिले में अवैध खनन पर एक बार फिर कड़ा प्रहार किया गया है। भगवानपुर तहसील के ग्राम बंजारेवाला ग्रन्ट स्थित बद्री केदार स्टोन क्रेशर पर अवैध रूप से खुदाई कर 10,080 टन आरबीएम (R.B.M.) खनिज निकालने के मामले में ₹21,16,800/- का भारी-भरकम अर्थदंड लगाया गया है। इस कार्रवाई का उद्देश्य अवैध खनन पर लगाम लगाना और स्थानीय संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

जिला खनन अधिकारी मोहम्मद काज़िम ने पुष्टि करते हुए बताया कि यह अर्थदंड रॉयल्टी की तीन गुनी दर के आधार पर लगाया गया है। नियमों के तहत स्टोन क्रेशर परिसर को मौके पर सीज कर दिया गया है तथा ई-रवन्ना पोर्टल को भी अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। यह कदम अवैध खनन की प्रवृत्ति को रोकने के लिए उठाया गया है, जिससे सरकारी राजस्व की हानि भी हो रही थी।

कैसे हुआ खुलासा?

17 जून को अवैध खनन की मौखिक शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी के आदेश पर खनन विभाग की टीम ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान क्रेशर के अंदर 50 मीटर × 35 मीटर × 2 मीटर का गड्ढा पाया गया, जिसके अनुसार लगभग 10,080 टन आरबीएम का अवैध खनन किया गया था। मौके पर मौजूद क्रेशर मुंशी से जब पूछताछ की गई तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका, जो कि इस मामले की गंभीरता को दर्शाता है।

नियमों के तहत कार्रवाई

उत्तराखंड खनिज नियमावली 2024 के अनुसार, यदि किसी भंडारण स्थल में अवैधता पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी स्थल को सीज कर सकते हैं, और प्रथम बार में रॉयल्टी की तीन गुनी राशि का अर्थदंड लगाया जाता है। अगर स्पष्टीकरण समय पर नहीं मिलता या असंतोषजनक पाया जाता है, तो भविष्य में रॉयल्टी की चार गुना राशि वसूली जा सकती है। यह निर्धारित प्रक्रियाएँ अवैध खनन को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

15 दिन का मौका

बद्री केदार स्टोन क्रेशर को 15 दिन के भीतर अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया है। यदि क्रेशर संचालक नियत अवधि में संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे पाते, तो जुर्माना बरकरार रहेगा और भविष्य में क्रेशर की अन्य लीजों पर भी कार्रवाई संभव है। यह बात सभी खनन संचालकों को एक स्पष्ट संदेश देती है कि अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह कार्रवाई न केवल स्थानीय निवासियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और उचित उपयोग किया जा सके। ऐसे कदम उठाने से अवैध खनन की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा और सरकारी राजस्व में सुधार होगा। देश की आर्थिक नींव को मजबूती देने के लिए ऐसे उपाय अत्यंत आवश्यक हैं।

इस मामले पर आगे की जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहें। हरियाणा में कानूनों और नीतियों की स्थिति को जानने के लिए, हमारी वेबसाइट पर और अपडेट के लिए विजिट करें: IndiaTwoday.

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