हरियाली तीज महोत्सव में सजी सांस्कृतिक छटा, महिलाओं ने लिया उत्साहपूर्वक भाग
देहरादून: फेमिना महिला संस्था हरबजवाला में आयोजित हरियाली तीज महोत्सव में रंग-बिरंगी सांस्कृतिक छटा बिखरी। यह कार्यक्रम संयोजिका नंदा सुंदरियाल के प्रयासों से भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में अदिति, पार्षद मंजू कौशिक किरण राणा उपस्थित रहे। दोनों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और महिलाओं को …

हरियाली तीज महोत्सव में सजी सांस्कृतिक छटा, महिलाओं ने लिया उत्साहपूर्वक भाग
देहरादून: फेमिना महिला संस्था हरबजवाला में आयोजित हरियाली तीज महोत्सव में रंग-बिरंगी सांस्कृतिक छटा बिखरी। यह कार्यक्रम संयोजिका नंदा सुंदरियाल के प्रयासों से भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में अदिति, पार्षद मंजू कौशिक किरण राणा उपस्थित रहे। दोनों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और महिलाओं को आत्मनिर्भरता व सामाजिक सहभागिता की दिशा में प्रेरित किया।
सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में हिस्सेदारी
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिनमें तंबोला, ग्रुप डांस, सोलो डांस और मिस तीज प्रतियोगिता प्रमुख रहीं। महिला प्रतिभागियों ने अपनी कला और परिवेश को प्रदर्शित करते हुए हरियाली तीज के महत्व को भी चरितार्थ किया। इन प्रतियोगिताओं का आयोजन उत्सव का प्रमुख आकर्षण बना, जिसमें सभी ने अपने-अपने विशेष परिधान में भाग लिया।
आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरणा
मुख्य अतिथि अदिति और पार्षद मंजू कौशिक ने अपने संबोधन में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, "महिलाओं का समाज में सशक्त होना जरूरी है, ताकि वे अपने निर्णय खुद ले सकें। हरियाली तीज महोत्सव इसी दिशा में एक कदम है।" इस प्रकार का प्रोत्साहन महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
समाज में भाईचारे की भावना
इस महोत्सव का एक उदेश्य था समाज में भाईचारे की भावना को मजबूत करना। विभिन्न पारिवारिक गतिविधियों, खेलकूद, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से महिलाओं ने एकजुटता का परिचय दिया। इस कार्यक्रम का सूत्रधार बनने के साथ-साथ हरियाली तीज का महत्व भी समझाया गया, जो ऋतुओं के बदलाव और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेवारियों को दर्शाता है।
निष्कर्ष
हरियाली तीज महोत्सव एक ऐसा मंच है जहाँ महिलाएँ न केवल अपनी प्रतिभा को दर्शाती हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने और सामाजिक बदलाव की दिशा में प्रेरित भी किया जाता है। इस महोत्सव ने सभी हिस्सा लेने वालों के लिए एक यादगार अनुभव प्रदान किया। आशा है कि व्यापार और समाज में महिलाओं का योगदान और भी बढ़ेगा।
इस प्रकार की प्रोग्रामिंग ना केवल क्षेत्रीय पहचान को मजबूत करती है, बल्कि यह महिलाओं को उनके अधिकारों और स्थान को पहचानने में सहायक भी बनती है। ऐसे महोत्सवों का आयोजन ऐसे समय में अत्यंत आवश्यक है जब सामाजिक सुरक्षा और समानता की आवश्यकता अधिकतम है।
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