उत्तराखंड पंचायत चुनाव : भाजपा बोली– ‘भगवामय हुआ प्रदेश’, कांग्रेस ने गिनाई ‘बड़े चेहरों’ की हार

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव परिणामों पर सियासत तेज. कांग्रेस ने भाजपा पर किया तीखा हमला. देहरादून | ब्यूरो रिपोर्ट त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे सामने आने के साथ ही उत्तराखंड की सियासत में बयानबाज़ी तेज हो गई है। जहां भाजपा ने प्रदेश को ‘भगवामय’ घोषित कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नीतियों को जनसमर्थन मिलने का …

Aug 1, 2025 - 18:27
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उत्तराखंड पंचायत चुनाव :  भाजपा बोली– ‘भगवामय हुआ प्रदेश’, कांग्रेस ने गिनाई ‘बड़े चेहरों’ की हार
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव परिणामों पर सियासत तेज. कांग्रेस ने भाजपा पर किया तीखा हमला. देहरादून | ब

उत्तराखंड पंचायत चुनाव: भाजपा बोली– ‘भगवामय हुआ प्रदेश’, कांग्रेस ने गिनाई ‘बड़े चेहरों’ की हार

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देहरादून | ब्यूरो रिपोर्ट

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे सामने आते ही उत्तराखंड की सियासत में बयानबाज़ी तेज हो गई है। भाजपा ने प्रदेश को ‘भगवामय’ घोषित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नीतियों को जनसमर्थन मिलने का दावा किया है, वहीं कांग्रेस ने इस दावे को झूठा करार देते हुए भाजपा के कई बड़े चेहरों की हार का हवाला दिया है। कांग्रेस का कहना है कि जनता ने साफ-साफ संकेत दे दिया है कि अब जमीनी मुद्दों पर सवाल पूछे जाएंगे, और पारिवारिक चेहरों की गारंटी पर चुनाव नहीं जीते जा सकते।

कई दिग्गजों को करारी हार

कांग्रेस ने यह भी कहा है कि जिन चेहरों को भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष और प्रभावशाली प्रतिनिधियों के तौर पर प्रचारित किया था, वे अपने-अपने क्षेत्रों से हार गए। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने भाजपा के उत्सव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आतिशबाज़ी इसलिए हो रही है, क्योंकि खुद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का गृह जिला चमोली पार्टी हार गया।

क्षेत्र भा.ज.पा के दिग्गज हार की स्थिति
उत्तरकाशी पूर्व विधायक मालचंद की बेटी हार
टिहरी पूर्व प्रमुख नीलम बिष्ट हार
पौड़ी विधायक दिलीप रावत की पत्नी हार
नैनीताल विधायक सरिता आर्य का बेटा हार
चंपावत पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल की बेटी हार
चमोली पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी की पत्नी हार

भाजपा की रणनीति पर सवाल

विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तरह लड़ने की भूल कर बैठी। ऐसे चुनावों में प्रत्याशी के व्यक्तिगत संबंध, गांवों में किया गया काम, और सामाजिक समीकरण अहम भूमिका निभाते हैं, न कि केवल पार्टी का झंडा। कई क्षेत्रों में भाजपा के कार्यकर्ता भी आपस में भिड़ते नजर आए, जिससे उनकी रणनीति पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

कांग्रेस ने बताया उत्साहजनक परिणाम

कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इन चुनावों ने आगामी 2027 के राजनीतिक परिदृश्य से संबंधित कई संकेत दिए हैं। उनका दावा है कि जनता अब भाजपा के दिखावे और प्रचार से प्रभावित नहीं हो रही, और आने वाले विधानसभा चुनावों में बदलाव की भविष्यवाणी की जा रही है।

भाजपा को नहीं मिला जनसमर्थन

त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के परिणाम भले ही कुछ भी कहें, लेकिन एक बात साफ है कि भाजपा को जनता का वैसा समर्थन नहीं मिला है, जैसा पार्टी को उम्मीद थी। कांग्रेस को बड़े स्तर पर जीत न मिलने के बावजूद भाजपा के दिग्गज चेहरों की हार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि क्या जनता अब बदलाव की ओर देख रही है?

कुल मिलाकर, उत्तराखंड की सियासत में इन चुनावों से बड़ी हलचल देखने को मिल रही है, और सभी पार्टियों को आगामी चुनावों के लिए नई रणनीतियों पर विचार करना पड़ेगा।

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