उत्तराखंड का बदनाम महंत, शादी किसी से…लिव-इन में किसी के साथ…जेल गया छेड़छाड़ के मामले में…!
नैनीताल/हरिद्वार। ये पूरा मामला उत्तराखंड के बदनाम महंत से जुड़ा हुआ है। हरिद्वार के प्रसिद्ध चंडी मंदिर से जुड़े विवादास्पद मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने मंदिर का प्रबंधन अगली सुनवाई तक बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को सौंपने के आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने मामले में नामजद रीना बिष्ट को अग्रिम जमानत प्रदान करते …

उत्तराखंड का बदनाम महंत, शादी किसी से…लिव-इन में किसी के साथ…जेल गया छेड़छाड़ के मामले में…!
नैनीताल/हरिद्वार। उत्तराखंड के विवादास्पद महंत रोहित गिरी के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। हरिद्वार के प्रसिद्ध चंडी मंदिर में कर्मचारियों और ट्रस्टियों के बीच विवाद जोर पकड़ रहा है, जिससे महंत का नाम एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। हाल ही में, नैनीताल हाईकोर्ट ने इस मामले में मंदिर का प्रशासन अगली सुनवाई तक बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को सौंपने का आदेश दिया है। अदालत का यह कदम मंदिर परिसर में बढ़ती अराजकता और विवादों को देखते हुए उठाया गया है।
मामले की जटिलता
महंत रोहित गिरी पर आरोप है कि उन्होंने चंडी मंदिर में पदभार संभालने के बाद अवैध संबंध स्थापित किए, जिनका प्रभाव मंदिर के प्रबंधन और आस्था पर पड़ा। उनकी साथी, रीना बिष्ट, ने यह दावा किया है कि उन्हें एक झूठे मामले में फंसाया गया है और उनके साथ धोखा हुआ है। अदालत में पेश की गई याचिका के अनुसार, महंत और रीना के बीच का रिश्ता विवादों से भरा हुआ है और इसने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है।
सुनवाई में न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल ने कहा, “ये कैसे महंत हैं जो शादीशुदा होते हुए भी एक महिला के साथ लिव-इन में रहते हैं और तीसरी महिला के साथ छेड़छाड़ के आरोप में जेल में हैं?” ये टिप्पणियाँ साफ दर्शाती हैं कि अदालत धार्मिक संस्थाओं के प्रति गंभीरता से निपटने के लिए तत्पर है।
महंत और महिलाओं के बीच का विवाद
महंत रोहित गिरी के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने रीना बिष्ट को चंडी मंदिर में एक उच्च पद दिलवाने के बाद उनके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए। आरोप है कि बाद में रीना ने महंत को ब्लैकमेल किया और लाखों रुपये ऐंठ लिए। रिपोर्ट्स के अनुसार, जनवरी 2025 में दोनों के एक बेटी भी हुई।
इस विवाद ने उत्तराखंड की धार्मिक पहचान पर भी सवाल उठाए हैं, जिससे बड़ी संख्या में भक्तों और आम जनता में निराशा फैली है। हाल ही में पंजाब पुलिस ने महंत को एक छेड़छाड़ के मामले में गिरफ्तार किया, जिसके बाद دیگر आरोपों में भी वृद्धि हुई।
कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
नैनीताल हाईकोर्ट का निर्णय निश्चित रूप से न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सभी विवादित व्यक्तियों के मंदिर परिसर में प्रवेश पर अस्थायी रोक लगाई जाए। इससे यह सिद्ध होता है कि अदालत धार्मिक स्थलों की गरिमा को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड का यह मामला केवल एक व्यक्तिगत विवाद नहीं बल्कि धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक पहचान से भी जुड़ा हुआ है। महंत रोहित गिरी के आचार-व्यवहार ने उन श्रद्धालुओं को निराश किया है जो इस प्रकार के संस्थानों से उम्मीद रखते हैं। यह समय है कि समाज और कानून, दोनों इस पर ध्यान दें।
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