धराली आपदा प्रभावितों को तत्काल ₹5 लाख की मदद की घोषणा, सवाल ये कि लोकल लोग कहां हैं? लापता कितने हैं?
रैबार डेस्क: आपदाग्रस्त धराली में प्रभावितों को सिर्फ 5 हजार रुपए की मदद पर विवाद... The post धराली आपदा प्रभावितों को तत्काल ₹5 लाख की मदद की घोषणा, सवाल ये कि लोकल लोग कहां हैं? लापता कितने हैं? appeared first on Uttarakhand Raibar.

धराली आपदा प्रभावितों को तत्काल ₹5 लाख की मदद की घोषणा, सवाल ये कि लोकल लोग कहां हैं? लापता कितने हैं?
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रैबार डेस्क: उत्तराखंड के धराली में हाल ही में आई आपदा ने कई जीवनों को प्रभावित किया है। इस आपदा के चलते मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने प्रभावितों को तात्कालिक वित्तीय सहायता के तौर पर ₹5 लाख की मदद की घोषणा की है। यह घोषणा तब की गई जब स्थानीय लोगों की मदद को लेकर प्रशासन की पहली पेशकश के बाद भड़के लोगों के विरोध के बीच आई।
सरकारी मदद और स्थानीय प्रतिक्रिया
आपदा से प्रभावित धराली में मामला गर्माता चला गया जब प्रशासन ने केवल ₹5,000 की सहायता देने का फैसला किया। स्थानीय निवासियों ने इसे एक मजाक मानते हुए प्रशासन पर नाराजगी जताई। ग्रामीणों का कहना था कि बहुत से लोग खाने और अन्य आवश्यकताओं के बिना रह गए हैं, और उन्हें सिर्फ 5000 रुपए से काम नहीं चलाने वाला है। प्रशासन ने ये भी कहा कि यह केवल एक फौरी मदद थी, और बाद में उचित मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणा
स्थिति को देखते हुए, मुख्यमंत्री धामी ने धराली के क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत हेतु ₹5 लाख की मदद का ऐलान किया है। इस मदद से मृतकों के परिवारों को भी 5 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की गई है। इससे प्रभावित लोगों को आर्थिक सहारा मिल सकेगा।
पुनर्वास और पुनरुद्धार की योजना
सीएम धामी ने आपदा प्रभावित ग्राम वासियों के पुनर्वास और समग्र पुनरुद्धार के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन भी किया है। यह समिति स्थानीय समुदाय की सुरक्षा और आजीविका सुनिश्चित करने के लिए भविष्य की दीर्घकालिक एवं प्रभावी नीतियां तैयार करेगी।
महत्वपूर्ण प्रश्न: स्थानीय लोग कहां हैं?
धराली में राहत कार्य जारी है, लेकिन स्थानीय लोगों के बारे में जानकारी साफ नहीं है। सरकार के मुताबिक, 16 लोग लापता हैं जबकि सटीक आंकड़े अलग-अलग बताए जा रहे हैं। सेना का दावा है कि लापता लोगों की संख्या 100 तक पहुँच सकती है। जिला प्रशासन 50 लोगों के लापता होने की बात कह रहा है, जिससे जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों में चिंता का माहौल है।
बेली ब्रिज का निर्माण कार्य
गंगनानी के समीप लिमचागाड़ में बेली ब्रिज बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है। BRO, ITBP, सेना और SDRF की टीमें निरंतर काम कर रही हैं ताकि गंगोत्री हाइवे को फिर से चालू किया जा सके। माना जा रहा है कि यह पुल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और आज रात तक तैयार हो जाने की उम्मीद है।
यह आपदा क्षेत्र के लिए एक बड़ा संकट बना हुआ है। लोकल लोगों की सुरक्षा और पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं, बल्कि समाज की भी है। इस कठिन समय में सभी का सहयोग जरूरी है। आइए हम सभी मिलकर धराली के लोगों की मदद के लिए आगे बढ़ें।
समुदाय का सहयोग और सरकार की कार्यवाही आपदा से प्रभावित लोगों के लिए स्वयं सहायता का महानतम उदाहरण बनेगा।
संपादक की टिप्पणी: यह लेख उन स्थानीय लोगों के प्रति हमारी चिंता को दर्शाता है जो अब भी संकट में हैं। हम सरकार की मदद के लिए निकल पड़े हैं और यह उम्मीद करते हैं कि हर कोई इन कठिनाईयों का सामना करेगा।
लेखक: माया शर्मा, साक्षी वर्मा, टीम इंडिया टुडे
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