पौड़ी: आपदाग्रस्त बांकुड़ा और सैंजी गांवों में पहुंचकर सीएम धामी ने पोंछे पीड़ितों के आंसू, हरसंभ मदद का भरोसा दिया
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पौड़ी: आपदाग्रस्त बांकुड़ा और सैंजी गांवों में पहुंचकर सीएम धामी ने पोंछे पीड़ितों के आंसू, हरसंभ मदद का भरोसा दिया
रैबार डेस्क: धराली आपदा के रेस्क्यू ऑपरेशन की सघन निगरानी के बाद प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे पौड़ी जनपद के ग्रामीणों के आंसू पोंछने गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद मैदान में उतरे। सीएम धामी ने पौड़ी के थलीसैंण और पाबौ ब्लॉक में सैंजी, बांकुड़ा, बुरांसी गांवों में आपदा पीड़ितों से मुलाकात कर उनके आंसू पोंछे। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को हरसंभ मदद का भरोसा दिया है।
आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा
मुख्यमंत्री धामी ने न सिर्फ पीड़ित परिवार को तत्काल मदद देने का आश्वासन दिया, बल्कि अधिकारियों और कर्मचारियों को भी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए निर्देशित किया। मुसीबत के इस समय में उन्होंने स्थानीय प्रशासन के सभी अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री धामी और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने गुरुवार को आपदा से ग्रसित बांकुड़ा और सैंजी गांवों का दौरा किया और स्थिति का आंकलन किया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों के साथ मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया।
आपदा के कारण और प्रभाव
बता दें कि 6 अगस्त को पौड़ी गढ़वाल जिले के थलीसैंण और पाबौ ब्लॉक के कई गांवों में मूसलधार बारिश ने जमकर कहर बरपाया था। बादल फटने के बाद बुरांसी और बांकुड़ा गांवों में कुछ लोग लापता हो गए थे, जबकि सैंजी गांव में अनेक घरों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। इस आपदा में दो महिलाओं का मलबे में दबने से निधन हो चुका है। वहीं, बांकुड़ा गांव में नेपाली मूल के पांच मजदूर अब तक लापता हैं, जिनकी खोजबीन के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है।
प्रशासनिक प्रयासों की महत्वता
इस आपदा के बाद स्थानीय प्रशासन ने रेस्क्यू टीमों को सक्रिय किया और राहत सामग्री भेजने का काम शुरू किया। सीएम धामी ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार प्रभावितों के पुनर्वास और राहत के हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा, "हम इस कठिन समय में आपके साथ हैं और सरकार हर संभव मदद प्रदान करेगी। हमारे अधिकारी निरंतर स्थिति का जायजा लेते रहेंगे।" यह स्थानीय प्रशासन और ग्रामीण समुदाय के लिए एक संजीवनी के रूप में काम करेगा।
भविष्य की तैयारी
आपदा प्रबंधन की दृष्टि से, सीएम धामी ने सुझाव दिए हैं कि इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं के लिए मजबूत ढांचे और योजना बनाने की आवश्यकता है। जिससे भविष्य में ऐसे संकटों का सामना करने की क्षमता बढ़ाई जा सके। इसके लिए स्थानीय समुदाय को भी प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों का हिस्सा बनाना आवश्यक है।
इस घटना ने यह भी साबित किया है कि किस तरह से एकजुटता और सरकार का सहयोग किसी समुदाय को कठिन समय से निकाल सकता है। स्थानीय निवासियों ने सीएम धामी के दौरे की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि उन्हें जल्द ही जरूरी सहायता मिलेगी।
आपदा से प्रभावित लोगों की सुरक्षा और राहत की दिशा में राज्य सरकार का यह सकारात्मक कदम स्पष्ट करता है कि राहत कार्य में गति बनी रहनी चाहिए। इस क्रम में, स्थानीय प्रशासन को हमेशा तैयार रहना चाहिए, ताकि भविष्य में भी ऐसी किसी भी चुनौती का सामना किया जा सके।
राज्य सरकार की संवेदनशीलता और सक्रियता आज जरूरतमंदों के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर उभरी है।
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