“महंगाई का कहर: टमाटर के भाव ने मुर्गे को दी टक्कर, आम जनता बेहाल”
महंगाई का कहर: गिद्धौर में सब्जियों की कीमतें बेतहाशा बढ़ गई हैं। टमाटर और मुर्गा दोनों 60 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं। भारी बारिश से सब्जियों की फसल बर्बाद होने के कारण गरीबों की थाली से हरी सब्जियां गायब हो गई हैं और लोग अब दाल-आलू पर निर्भर हैं। गिद्धौर (चतरा)।महंगाई का कहर गिद्धौर में […] The post “महंगाई का कहर: टमाटर के भाव ने मुर्गे को दी टक्कर, आम जनता बेहाल” first appeared on Vision 2020 News.
महंगाई का कहर: टमाटर के भाव ने मुर्गे को दी टक्कर, आम जनता बेहाल
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गिद्धौर (चतरा) में महंगाई ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है, जिससे आम जनता की जिंदगी दुष्कर हो गई है। गिद्धौर में टमाटर और मुर्गा दोनों की कीमतें 60 रुपये प्रति किलो पहुंच गई हैं। भारी बारिश और खराब फसल के कारण सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे गरीब परिवारों के लिए हरी सब्जियां उपलब्ध नहीं रही हैं। अब, लोग केवल दाल और आलू पर निर्भर हो गए हैं।
महंगाई का असर
हाल ही में आई बाढ़ के कारण सब्जियों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। इससे निम्न और मध्यम वर्गीय परिवारों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है, क्योंकि उनकी थाली से हरी सब्जियां लगभग गायब हो चुकी हैं। गिद्धौर के लोग अब केवल दाल और आलू के सहारे अपना गुजारा कर रहे हैं। महंगाई के इस कहर के कारण बच्चों और परिवार के पोषण पर भी सवाल उठने लगे हैं। विशेषकर विशेष आहार की जरूरत वाले बच्चे अब ऐसी स्थिति में हैं कि उन्हें पोषण नहीं मिल पा रहा है।
सब्जियों की बढ़ती कीमतें
गिद्धौर में सब्जियों की कीमतें इस प्रकार हैं:
- टमाटर – ₹60-₹70/किलो
- आलू – ₹20-₹25/किलो
- हरी मिर्च – ₹100-₹120/किलो
- बैंगन – ₹40-₹50/किलो
- फूलगोभी – ₹80/किलो
- करेला/पटल/नेनुआ/झींगी – ₹40-₹50/किलो
- कद्दू – ₹45/किलो
किराना सामग्री की कीमतें
इसके अलावा, किराना सामग्री की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं:
- सरसों तेल – ₹190-₹200/लीटर
- रिफाइंड तेल – ₹115-₹120/लीटर
- अरहर दाल – ₹130/किलो
- मूंग दाल – ₹115/किलो
आम जनता की प्रतिक्रिया
ग्रामीणों का कहना है कि अगर कीमतों में त्वरित राहत नहीं मिली, तो उनके लिए गुजारा करना बहुत मुश्किल हो जाएगा। "हमारे पास केवल दाल व आलू ही बचे हैं," एक ग्रामीण ने कहा। महंगाई का यह दुष्काल उनकी रसोई में अच्छे पोषण के लिए संघर्ष पैदा कर रहा है। ऐसे में यह आवश्यक है कि प्रशासन इस स्थिति को शीघ्र हल करे।
निष्कर्ष
गिद्धौर की यह स्थिति महंगाई के कहर की एक झलक है, जिसने लोगों को गंभीर आर्थिक संकट में डाल दिया है। समय रहते अगर आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, तो आम जनता को और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। सब्जियों और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में संतुलन बनाना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। साथ ही, लोगों को इस स्थिति का सामना करते हुए एक दूसरे का सहारा बनना होगा।
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