गाजियाबाद: नकली देश, झूठे झंडे और फर्जी नेता-चार देशों का ‘एंबेसडर’ बना हर्षवर्धन जैन!
गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने गाजियाबाद के कविनगर क्षेत्र में एक हाई-प्रोफाइल फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया है। टीम ने एक किराए की आलीशान कोठी से खुद को चार काल्पनिक देशों का राजदूत बताने वाले हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया है। वह West Arctica, Saborga, Poulvia और Lodonia जैसे गैर-मान्यता प्राप्त और काल्पनिक देशों […] The post गाजियाबाद: नकली देश, झूठे झंडे और फर्जी नेता-चार देशों का ‘एंबेसडर’ बना हर्षवर्धन जैन! first appeared on Vision 2020 News.

गाजियाबाद: नकली देश, झूठे झंडे और फर्जी नेता-चार देशों का ‘एंबेसडर’ बना हर्षवर्धन जैन!
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गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने गाजियाबाद के कविनगर क्षेत्र में एक हाई-प्रोफाइल फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया है। टीम ने एक किराए की आलीशान कोठी से खुद को चार काल्पनिक देशों का राजदूत बताने वाले हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया है। वह West Arctica, Saborga, Poulvia, और Lodonia जैसे गैर-मान्यता प्राप्त और काल्पनिक देशों के नाम पर फर्जी दूतावास चला रहा था।
दूतावास नहीं, फर्जीवाड़े का अड्डा!
एसटीएफ को कोठी से लाखों रुपये नकद, विदेशी करेंसी, फर्जी पासपोर्ट, डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट्स, विदेशी मंत्रालय की जाली मुहरें और अन्य फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। पुलिस ने यहां से चार डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी लग्जरी गाड़ियां भी जब्त की हैं। कोठी के भीतर इन नकली देशों के झंडे लगाए गए थे, और दीवारों पर देश-विदेश के नेताओं के साथ हर्षवर्धन की मॉर्फ की गई तस्वीरें लगी थीं। ये सब कुछ दर्शाता है कि यह एक बड़े फर्जीवाड़े का केंद्र था!
खुद को बताता था एंबेसडर, चलाता था हवाला रैकेट
हर्षवर्धन खुद को इन नकली देशों का कॉन्सुल या एंबेसडर बताकर लोगों को विदेशों में नौकरी, व्यापार और निवेश के झूठे प्रस्ताव देता था। वह बेरोजगारों से मोटी रकम वसूलता और शेल कंपनियों के जरिए हवाला कारोबार को अंजाम देता। पुलिस को उसके पास से 12 डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, दो फर्जी पैन कार्ड, दो प्रेस कार्ड और 34 कंपनियों की नकली मोहरें भी मिली हैं। यह सब एक बड़े जालसाजी के खेल का हिस्सा था, जिसका देशवासियों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता था।
राष्ट्रीय सुरक्षा को भी बना रहा था खतरा
एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार, हर्षवर्धन का नेटवर्क न केवल भारत बल्कि विदेशों तक फैला हुआ है। उसके इंटरनेशनल कनेक्शनों की जांच की जा रही है। प्राथमिक जांच में संकेत मिले हैं कि वह विदेशी अपराध सिंडिकेट से भी जुड़ा हो सकता है। ऐसे फर्जी डिप्लोमैटिक दस्तावेजों का इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता था।
कानूनी कार्रवाई जारी, रैकेट के अन्य सदस्य भी रडार पर
कविनगर थाने में हर्षवर्धन जैन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपों में जालसाजी, धोखाधड़ी, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालना और हवाला लेन-देन शामिल हैं। एसटीएफ उससे पूछताछ कर रही है ताकि रैकेट के अन्य सदस्यों और विदेशी संपर्कों की पहचान की जा सके।
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समापन में, यह स्पष्ट है कि इस तरह के फर्जीवाड़े न केवल व्यक्तिगत मानसिकता को चोट पहुंचाते हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन सकते हैं। ऐसे फर्जी लोगों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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