उत्तरकाशी में कहर बनकर टूटा बादल, यमुनोत्री मार्ग ठप, कई मजदूर लापता

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में देर रात आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बड़कोट तहसील के पालीगाड़ क्षेत्र में सिलाई बैंड के पास करीब रात 2:12 बजे बादल फटने की सूचना प्राप्त हुई, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। आपातकालीन परिचालन केंद्र से जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ, पुलिस और […] The post उत्तरकाशी में कहर बनकर टूटा बादल, यमुनोत्री मार्ग ठप, कई मजदूर लापता first appeared on Vision 2020 News.

Jun 29, 2025 - 09:27
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उत्तरकाशी में कहर बनकर टूटा बादल, यमुनोत्री मार्ग ठप, कई मजदूर लापता
उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में देर रात आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन अस्त-व्यस्

उत्तरकाशी में कहर बनकर टूटा बादल, यमुनोत्री मार्ग ठप, कई मजदूर लापता

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उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में देर रात आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बड़कोट तहसील के पालीगाड़ क्षेत्र में सिलाई बैंड के पास करीब रात 2:12 बजे बादल फटने की सूचना प्राप्त हुई, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। आपातकालीन परिचालन केंद्र से जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमों को तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना किया गया।

आपातकालीन स्थिति का सामना

मौके पर पहुंचे राहत दलों को जानकारी मिली कि घटना के समय घटनास्थल पर 19 मजदूर मौजूद थे। उनमें से 8 से 9 मजदूरों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है, जबकि अन्य 10 को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। टीमें मलबे के नीचे दबे संभावित लोगों की खोज में लगी हैं।

यमुनोत्री मार्ग बुरी तरह प्रभावित

इस हादसे का असर यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी पड़ा है। सिलाई बैंड के पास कई स्थानों पर मलबा आने के कारण मार्ग अवरुद्ध हो गया है। NH बड़कोट की टीम को जानकारी दी गई है और मार्ग को पुनः सुचारु करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। वहीं, सिलाई बैंड के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा पूरी तरह वाशआउट हो गया है, जिसे बहाल करने का प्रयास जारी है।

बाढ़ का खतरा और स्थानीय किसानों पर प्रभाव

इधर, स्यानचट्टी के समीप एक नाले में मलबा जमा होने से यमुना नदी का बहाव रुक गया है। इससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने आसपास के होटल और बस्तियों को सतर्क किया है और इलाके पर लगातार नजर रखी जा रही है। कुथनौर गांव से भी अतिवृष्टि और बादल फटने की खबर सामने आई है, जहां स्थानीय किसानों की कृषि भूमि को क्षति पहुंची है। हालांकि वहां से किसी भी प्रकार की जनहानि या पशुहानि की पुष्टि नहीं हुई है और वर्तमान में स्थिति सामान्य बताई जा रही है।

प्रशासन की अपील

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें, सुरक्षित स्थानों पर रहें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें। सभी संबंधित एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्यों में पूर्ण रूप से जुटी हुई हैं।

निष्कर्ष

उत्तरकाशी में आई यह प्राकृतिक आपदा न केवल वहां के स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि सभी के लिए एक चेतावनी है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति हमें सतर्क रहना चाहिए। प्रशासन एवं संबंधित एजेंसियों का समर्पण प्रशंसनीय है, और हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम उनका सहयोग करें। राहत कार्यों की प्रगति पर नजर रखना आवश्यक है ताकि लापता मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा सके।

इस घटना की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए, हम सभी नागरिकों से यह अपील करते हैं कि कृपया सुरक्षित स्थानों पर रहें और अपने समुदाय में एकजुटता का प्रदर्शन करें।

इस घटना के बारे में और अधिक अपडेट्स के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट https://indiatwoday.com पर जाएं।

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