दून यूनिवर्सिटी का बड़ा कदम! NRDC के साथ करार से रिसर्च और स्टार्टअप को मिलेगा नया मुकाम
देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की पहल पर राजभवन में दून विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी) के मध्य एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए गए। यह राज्य में अपनी तरह की पहली साझेदारी है, जिसमें एनआरडीसी ने किसी राज्य विश्वविद्यालय से औपचारिक रूप से समझौता किया है। एनआरडीसी, […] The post दून यूनिवर्सिटी का बड़ा कदम! NRDC के साथ करार से रिसर्च और स्टार्टअप को मिलेगा नया मुकाम first appeared on Vision 2020 News.

दून यूनिवर्सिटी का बड़ा कदम! NRDC के साथ करार से रिसर्च और स्टार्टअप को मिलेगा नया मुकाम
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देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की पहल पर राजभवन में दून विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी) के मध्य एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए गए। यह राज्य में अपनी तरह की पहली साझेदारी है, जिसमें एनआरडीसी ने किसी राज्य विश्वविद्यालय से औपचारिक रूप से समझौता किया है। एनआरडीसी, भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का एक उपक्रम है, जिसका उद्देश्य अनुसंधान एवं नवाचार को प्रोत्साहित करना तथा बौद्धिक सम्पदा का व्यावसायीकरण करना है।
समझौते का महत्व
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि यह पहल माननीय प्रधानमंत्री जी के ‘विकसित भारत-2047 के विजन' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि यह ऐतिहासिक क्षण न केवल दून विश्वविद्यालय के लिए, बल्कि सम्पूर्ण उच्च शिक्षा जगत और राज्य के लिए एक मील का पत्थर सिद्ध होगा। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय केवल शिक्षण के केंद्र नहीं हैं, बल्कि उत्कृष्ट अनुसंधान, नवाचार और ज्ञान-आधारित विकास के प्रेरणास्थल होने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दून विश्वविद्यालय ने अन्य विश्वविद्यालयों और संस्थानों के लिए नई राह खोली है।
अनुसंधान और उद्योग का जुड़ाव
राज्यपाल ने आगे कहा कि यह समझौता दून विश्वविद्यालय को एक ऐसा मंच प्रदान करेगा, जहाँ अनुसंधान कार्य अकादमिक दायरे से निकलकर उद्योगों, स्टार्टअप्स और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जुड़ सकेगा। इससे विश्वविद्यालय आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा और बाहरी वित्तीय संसाधनों पर निर्भरता कम होगी। एनआरडीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कमोडोर अमित रस्तोगी ने राज्यपाल को आश्वस्त किया कि एनआरडीसी, दून विश्वविद्यालय को हर संभव सहयोग प्रदान करेगा।
अभियांत्रिकी और नवाचार
इस साझेदारी से विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए उद्यमशीलता कौशल विकसित करने और स्टार्टअप की संभावनाओं को साकार करने का मार्ग भी प्रशस्त होगा। दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने बताया कि विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय एवं विभिन्न विभाग-विशेष रूप से पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधन विद्यालय, भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, कंप्यूटर विज्ञान, भूविज्ञान विभाग और डिजाइन स्कूल- अब अपने शोध कार्य को बौद्धिक सम्पदा निर्माण की दिशा में पुनर्संरेखित कर रहे हैं।
निष्कर्ष में
दून विश्वविद्यालय की यह नई पहल निश्चित रूप से न केवल शोध का स्तर बढ़ाएगी, बल्कि राज्य की आर्थिक प्रगति को भी गति प्रदान करेगी। शिक्षा के क्षेत्र में यह करार एक नए युग की शुरुआत को दर्शाता है, जो युवाओं को नवाचार और उद्यमशीलता के क्षेत्र में प्रगति करने का अवसर प्रदान करेगा। इससे हमारी नई पीढ़ी को लाभदायक अवसर मिलते रहेंगे, जिससे वे न केवल अपने करियर को संवार सकेंगे, बल्कि राज्य और देश के विकास में भी बड़ा योगदान दे सकेंगे।
इस महत्वपूर्ण पहल के लिए भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की भूमिका सराहनीय है। दून विश्वविद्यालय और एनआरडीसी के बीच की यह भागीदारी निश्चित रूप से एक नई दिशा में बढ़ने का प्रतीक है, जहाँ अनुसंधान और तकनीकी विकास को प्राथमिकता दी जा सकेगी।
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