उन्नाव में दरोगा पर गंभीर आरोप:बुजर्ग ने दरोगा पर बेहरमी से पीटने का लगाया आरोप, फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी

उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र के सहिला गांव के निवासी सुशील कुमार तिवारी (52) ने थाना बिहार में तैनात दरोगा केके यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तिवारी ने आरोप लगाया कि पारिवारिक विवाद के दौरान दरोगा ने उन्हें जमीन के मामले में बुलाया और फिर उनके साथ मारपीट की। इसके बाद तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि दरोगा ने उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। इस हमले में तिवारी को गंभीर चोटें आई हैं, जिसमें उनकी आंख और हाथ पर गहरे जख्म हुए हैं। आरोप: जमीन विवाद में बुलाकर मारपीट तिवारी ने बताया कि उनका और उनके परिवार का एक जमीन को लेकर पारिवारिक विवाद चल रहा था। आरोप है कि दरोगा केके यादव ने इस विवाद को सुलझाने के नाम पर उन्हें अपने कार्यालय बुलाया, लेकिन वहां जाकर उन्हें शारीरिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। तिवारी का कहना है कि न सिर्फ उनके साथ मारपीट की गई, बल्कि दरोगा ने उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी भी दी। इस घटना में उनकी आंख और हाथ पर गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। तिवारी ने एसपी को शिकायत पत्र सौंपा इस पूरी घटना के बाद, तिवारी ने उन्नाव के एसपी को एक शिकायती पत्र सौंपा है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। तिवारी ने कहा कि दरोगा के इस कृत्य ने न केवल उन्हें बल्कि पूरे गांव के लोगों को चिंता में डाल दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में न्याय नहीं मिलता, तो वे और उनका परिवार उच्चाधिकारियों तक जाएंगे और अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे। थाना प्रभारी का बयान वहीं इस मामले में बिहार थाना के प्रभारी सुरेश चंद्र मिश्र का कहना है कि यह आरोप बेबुनियाद हैं और इस संबंध में जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि मामले की पूरी छानबीन की जाएगी और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। दरोगा केके यादव पर जांच जारी इस घटना पर दरोगा केके यादव ने अभी तक कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, वे जांच में सहयोग करने की बात कर रहे हैं। इस बीच, मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने जांच प्रक्रिया तेज कर दी है और घटना के सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है। प्रभावित क्षेत्र में तनाव गांव में इस मामले को लेकर तनाव का माहौल है, और लोग तिवारी के पक्ष में खड़े हो गए हैं। तिवारी का आरोप है कि एक पुलिस अधिकारी द्वारा ऐसा कृत्य न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि पुलिस व्यवस्था की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा करता है। अब सभी की नजरें इस मामले पर हैं और देखना यह होगा कि पुलिस प्रशासन इस गंभीर आरोप पर क्या कार्रवाई करता है।

Nov 10, 2024 - 08:00
 0  501.8k
उन्नाव में दरोगा पर गंभीर आरोप:बुजर्ग ने दरोगा पर बेहरमी से पीटने का लगाया आरोप, फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी
उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र के सहिला गांव के निवासी सुशील कुमार तिवारी (52) ने थाना बिहार में तैनात दरोगा केके यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तिवारी ने आरोप लगाया कि पारिवारिक विवाद के दौरान दरोगा ने उन्हें जमीन के मामले में बुलाया और फिर उनके साथ मारपीट की। इसके बाद तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि दरोगा ने उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। इस हमले में तिवारी को गंभीर चोटें आई हैं, जिसमें उनकी आंख और हाथ पर गहरे जख्म हुए हैं। आरोप: जमीन विवाद में बुलाकर मारपीट तिवारी ने बताया कि उनका और उनके परिवार का एक जमीन को लेकर पारिवारिक विवाद चल रहा था। आरोप है कि दरोगा केके यादव ने इस विवाद को सुलझाने के नाम पर उन्हें अपने कार्यालय बुलाया, लेकिन वहां जाकर उन्हें शारीरिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। तिवारी का कहना है कि न सिर्फ उनके साथ मारपीट की गई, बल्कि दरोगा ने उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी भी दी। इस घटना में उनकी आंख और हाथ पर गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। तिवारी ने एसपी को शिकायत पत्र सौंपा इस पूरी घटना के बाद, तिवारी ने उन्नाव के एसपी को एक शिकायती पत्र सौंपा है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। तिवारी ने कहा कि दरोगा के इस कृत्य ने न केवल उन्हें बल्कि पूरे गांव के लोगों को चिंता में डाल दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में न्याय नहीं मिलता, तो वे और उनका परिवार उच्चाधिकारियों तक जाएंगे और अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे। थाना प्रभारी का बयान वहीं इस मामले में बिहार थाना के प्रभारी सुरेश चंद्र मिश्र का कहना है कि यह आरोप बेबुनियाद हैं और इस संबंध में जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि मामले की पूरी छानबीन की जाएगी और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। दरोगा केके यादव पर जांच जारी इस घटना पर दरोगा केके यादव ने अभी तक कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, वे जांच में सहयोग करने की बात कर रहे हैं। इस बीच, मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने जांच प्रक्रिया तेज कर दी है और घटना के सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है। प्रभावित क्षेत्र में तनाव गांव में इस मामले को लेकर तनाव का माहौल है, और लोग तिवारी के पक्ष में खड़े हो गए हैं। तिवारी का आरोप है कि एक पुलिस अधिकारी द्वारा ऐसा कृत्य न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि पुलिस व्यवस्था की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा करता है। अब सभी की नजरें इस मामले पर हैं और देखना यह होगा कि पुलिस प्रशासन इस गंभीर आरोप पर क्या कार्रवाई करता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow