एक ही कंपनी दे सकेगी सारे इंश्योरेंस कवर:संसद के चालू सत्र में यूनिफाइड लाइसेंस को मिल सकती है मंजूरी, 100% विदेशी निवेश संभव

सरकार संसद के चालू सत्र में बीमा कानूनों में संशोधन की योजना बना रही है। अधिकारियों के मुताबिक, मुख्य रूप से दो बदलाव प्रस्तावित हैं। बीमा कंपनियों के लिए यूनिफाइड लाइसेंस और इस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा मौजूदा 74% से बढ़ाकर 100% करना। यदि ये बदलाव हो जाते हैं तो देश में बीमा की पहुंच बढ़ेगी। रिसर्च फर्म स्विस रे इंस्टीट्यूट के मुताबिक, भारत में अभी बीमा की पहुंच सिर्फ 3.8% है। यूनिफाइड लाइसेंस कम्पोजिट लाइसेंस है। इससे एक ही कंपनी को लाइफ, जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट ऑफर करने की अनुमति मिल जाएगी। अभी लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां हेल्थ कवर जैसे प्रोडक्ट नहीं बेच सकतीं। हालांकि जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को हेल्थ से लेकर मरीन इंश्योरेंस पॉलिसी तक बेचने की अनुमति है। सरकार ये पेचीदगी दूर करना चाहती है। 100% FDI की अनुमति से क्या फायदा होगा? यूनिफाइड लाइसेंस की व्यवस्था से क्या बदलाव आएगा? बड़ा दांव: विदेशी कंपनियों के लिए भारत आकर्षक बाजार इसलिए अमेरिकी मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मैकेंजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में भारतीय इंश्योरेंस इंडस्ट्री का ग्रॉस रिटेन प्रीमियम करीब 11 लाख करोड़ रुपए का रहा। 2020 से यह इंडस्ट्री सालाना 11% कम्पाउंडेड ग्रोथ (सीएजीआर) देख रही है। प्रीमियम ग्रोथ के मामले में भारत ने हाल के सालों में कुछ एशियाई देशों को पीछे छोड़ दिया है।

Nov 27, 2024 - 10:00
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एक ही कंपनी दे सकेगी सारे इंश्योरेंस कवर:संसद के चालू सत्र में यूनिफाइड लाइसेंस को मिल सकती है मंजूरी, 100% विदेशी निवेश संभव
सरकार संसद के चालू सत्र में बीमा कानूनों में संशोधन की योजना बना रही है। अधिकारियों के मुताबिक, मुख्य रूप से दो बदलाव प्रस्तावित हैं। बीमा कंपनियों के लिए यूनिफाइड लाइसेंस और इस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा मौजूदा 74% से बढ़ाकर 100% करना। यदि ये बदलाव हो जाते हैं तो देश में बीमा की पहुंच बढ़ेगी। रिसर्च फर्म स्विस रे इंस्टीट्यूट के मुताबिक, भारत में अभी बीमा की पहुंच सिर्फ 3.8% है। यूनिफाइड लाइसेंस कम्पोजिट लाइसेंस है। इससे एक ही कंपनी को लाइफ, जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट ऑफर करने की अनुमति मिल जाएगी। अभी लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां हेल्थ कवर जैसे प्रोडक्ट नहीं बेच सकतीं। हालांकि जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को हेल्थ से लेकर मरीन इंश्योरेंस पॉलिसी तक बेचने की अनुमति है। सरकार ये पेचीदगी दूर करना चाहती है। 100% FDI की अनुमति से क्या फायदा होगा? यूनिफाइड लाइसेंस की व्यवस्था से क्या बदलाव आएगा? बड़ा दांव: विदेशी कंपनियों के लिए भारत आकर्षक बाजार इसलिए अमेरिकी मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मैकेंजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में भारतीय इंश्योरेंस इंडस्ट्री का ग्रॉस रिटेन प्रीमियम करीब 11 लाख करोड़ रुपए का रहा। 2020 से यह इंडस्ट्री सालाना 11% कम्पाउंडेड ग्रोथ (सीएजीआर) देख रही है। प्रीमियम ग्रोथ के मामले में भारत ने हाल के सालों में कुछ एशियाई देशों को पीछे छोड़ दिया है।

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