काशी में आज पलट प्रवाह, तीर्थ-त्रिकोण में आस्था का सैलाब:वसंत पंचमी के स्नान के बाद 50 हजार यात्रियों को लेकर काशी आएगी मेला स्पेशल ट्रेनें, वाराणसी से भी भेजे जाएंगे श्रद्धालु
महाकुंभ में स्नान के लिए तीर्थ त्रिकोण यानी वाराणसी प्रयागराज और अयोध्या में देश दुनिया के करोड़ों श्रद्धालु मौजूद हैं। तीर्थ यात्री प्रयागराज में महाकुंभ में स्नान के साथ ही अयोध्या में राम जन्मभूमि और द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक काशी विश्वनाथ के दर्शन कर रहे। अयोध्या और प्रयागराज जाने के लिए तीर्थ यात्रियों के लिए सेंटर बना है। अलर्ट मोड में पुलिस प्रशासन पलट प्रवाह के बीच वाराणसी में भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद है। प्रयागराज में स्नान के बाद और अयोध्या में ठहरे श्रद्धालुओं का दोपहर बाद से वाराणसी में आगमन शुरू होगा। श्रद्धालुओं के सैलाब के बीच नगर में वसंतोत्सव पर तैयार पंडालों की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए वाराणसी जिला प्रशासन, पुलिस विभाग का पूरा फोकस क्राउड मैनेजमेंट पर है। फील्ड में कमिश्नर से लेकर एसीएम तक काशी में उमड़े श्रद्धालुओं के सैलाब को देखते हुए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल, जिलाधिकारी एस राजलिंगम, नगर आयुक्त अक्षत वर्मा अपनी अपनी टीम के साथ फील्ड में उतर गए हैं। क्राउड मैनेजमेंट को लेकर शहर के बाहरी इलाकों में बड़े वाहनों की पार्किंग की गई है। तीर्थ यात्रियों के ठहरने के लिए 100 से अधिक आश्रय स्थल बनाए गए हैं। जगह-जगह मोबाइल टॉयलेट समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। रेलवे और बस स्टेशनों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेल पुलिस के साथ ही सीआरपीएफ आरपीएफ आरपीएसएफ समेत सिविल पुलिस भी तैनात है। एडीएम, मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी अपने-अपने सर्किल एरिया में लगातार चक्रमण कर रहे हैं। मंत्री- मेयर से लेकर काशीवासियों ने खोला अन्न भंडार काशी में आए तीर्थ यात्रियों के लिए काशी वासियों ने अपने दरवाजे खोल दिए हैं। नगर के विभिन्न मंदिर, समाजसेवी संगठन के साथ नगर निगम तीर्थ यात्रियों को भोजन करा रहे हैं। वाराणसी के मेयर अशोक तिवारी, मंत्री रविंद्र जायसवाल, विधायक नीलकंठ तिवारी, सौरभ श्रीवास्तव समेत नगर के अन्य जनप्रतिनिधि राजनीतिक दल भी तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं को लेकर लगातार भ्रमण पर हैं। आश्रय स्थल, धर्मशालाओं मिठाई यात्रियों को निशुल्क भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है। एक लाख से अधिक भीड़ आने का अनुमान बसंत पंचमी पर महाकुंभ में स्नान के बाद प्रयागराज से 50000 और लगभग इतनी ही संख्या में अयोध्या से श्रद्धालुओं के वाराणसी आने का अनुमान है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर और सड़क मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम है। वाराणसी में आज भी भारी वाहनों के नगर क्षेत्र में प्रवेश पर रोक है। वाराणसी के बॉर्डर एरिया पर बनाए गए पार्किंग स्टैंड पर तीर्थयार्थियों के वाहनों के खड़े होने के इंतजाम किए गए हैं। पार्किंग स्टैंड से शहर में तीर्थ यात्रियों को लाने के लिए सिटी बसों का संचालन हो रहा है। उधर रेलवे भी प्रयागराज से तीर्थ यात्रियों को लेकर शाम तक वाराणसी पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। वाराणसी से भी तीर्थ यात्रियों को प्रयागराज अयोध्या और अन्य शहरों के लिए रवाना किया जाएगा। रेलवे वाराणसी से भी आज मेला स्पेशल ट्रेन संचालित करेगा।

काशी में आज पलट प्रवाह, तीर्थ-त्रिकोण में आस्था का सैलाब
वसंत पंचमी का महत्व
वसंत पंचमी, जिसे हम बसंत पंचमी के नाम से भी जानते हैं, एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो ज्ञान, संगीत, कला और प्रकृति के प्रति श्रद्धा प्रकट करता है। यह दिन Maa Saraswati की पूजा का विशेष अवसर होता है, जो विद्या और संगीत की देवी मानी जाती हैं। इस दिन काशी में आस्था का एक अनोखा सैलाब देखने को मिलता है, जब लाखों श्रद्धालु गंगा नदी के किनारे स्नान के लिए आते हैं।
मेला स्पेशल ट्रेनें
इस वर्ष, वसंत पंचमी के स्नान के बाद, काशी आने वाले भक्तों को सुविधा प्रदान करने के लिए 50,000 यात्रियों को लेकर स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों से श्रद्धालुओं को काशी पहुँचाने के लिए विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। यह पहल श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए की जा रही है, ताकि उन्हें यात्रा के दौरान कोई कठिनाई न हो।
काशी में आस्था का सैलाब
काशी, जिसे वाराणसी भी कहा जाता है, धार्मिक आस्था का एक प्रमुख केन्द्र है। यहाँ पर हर साल लाखों भक्त आते हैं, खासकर त्योहारी मौकों पर। पलट प्रवाह के चलते नदी का जलस्तर बढ़ने से स्नान करने वालों की संख्या में इजाफा होने की संभावना है। इस बार भी वसंत पंचमी पर विशेष धूमधाम से तैयारियाँ की गई हैं, जिससे आस्था का सैलाब देखने को मिला है।
श्रद्धालुओं के लिए तैयारी
काशी में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। गंगा स्नान, पूजा अर्चना और अन्य धार्मिक गतिविधियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। प्रशासन ने इस बात का भी ध्यान रखा है कि आने वाले श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई न हो।
निष्कर्ष
काशी में वसंत पंचमी के समय के धार्मिक आयोजनों का अपने आप में एक विशेष महत्व है। यह न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यात्रियों को एक आध्यात्मिक अनुभव भी प्रदान करता है। हर बार की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या इस बात का प्रमाण है कि काशी से लोगों की आध्यात्मिक जुड़ाव कितना गहरा है।
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