महाकुंभ सबको आना चाहिए जो नहीं आएगा वो देशद्रोही:पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने संगम में लगाई 5 डुबकी, कहा- आस्था में हर जगह व्यवस्था
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने महाकुंभ के अवसर पर गंगा में डुबकी लगाई। साथ ही कहा कि महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए। जो नहीं आएगा वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा "मैंने परमार्थ निकेतन आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती और हमारे सभी शिष्यों के साथ संगम में डुबकी लगाई। हमारे साथ लगभग 40-50 विदेशी भक्तों ने भी डुबकी लगाई। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने महाकुंभ में लगाई 5 डुबकी पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने डुबकी लगाने के बाद कहा- हमने पांच डुबकी लगाई हैं। एक हिंदू राष्ट्र के नाम कि हिंदू राष्ट्र बने। दूसरी बागेश्वर धाम के नाम, तीसरी पूरे बागेश्वर धाम परिवार से जुड़े लोगों के नाम, चौथी भारत के सभी महात्मा सुरक्षित रहे और सनातन का परचम लहराता रहे, पांचवी हिंदुत्व का, सनातन का, विश्व का भला चाहता हो वह दीर्घायु हो। अनूठी और अद्भुत व्यवस्था अव्यवस्था को लेकर सवाल का उन्होंने जवाब दिया कि अनूठी और अद्भुत व्यवस्था है। हमारे अंदर तो आस्था है, आस्था में हर जगह व्यवस्था है। भारत के जितने भी लोग आ रहे हैं। जिनके अंदर विरोध का कीड़ा नहीं है। उन्हें व्यवस्था और आस्था नजर आ रही है। और जिनके अंदर आस्था नहीं है वह अव्यवस्था देख रहे हैं। हम यहां पर व्यवस्था लेने थोड़ी आए हैं। हम यहां तो सनातन का परचम लहराने आए हैं। अपनी गंगा मईया में डुबकी लगाने आए हैं। गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी नहीं जाएंगी के सवाल पर दिया जवाब गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी नहीं जाएंगी के सवाल पर कहा- क्या हज जाने से गरीबी चली जाती है। क्या कैंडल जलाने से गरीबी चली जातीं है। क्या अपने पिता को पिता कहने से गरीबी चली जाती है। कोई खाना खाता है तो क्या गरीबी चली जाती है। हर गरीबी मिटाने के लिए नहीं होने चाहिए। यह हमारी आस्था है। यहां पर हर तरफ हिंदूत्व का परचम लहरा रहा है। कुछ लोग कह रहे हैं कि यहां बीमारियों फैल रही है, कहां है बीमारियां है। हर भक्ति बह रही है।

महाकुंभ सबको आना चाहिए जो नहीं आएगा वो देशद्रोही: पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने संगम में लगाई 5 डुबकी
महाकुंभ का आयोजन भारतीय संस्कृति और आस्था का एक अभिन्न हिस्सा है। इस महापर्व में लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं, जो अपनी धार्मिक भावनाओं को व्यक्त करने के लिए संगम में स्नान करते हैं। हाल ही में, विख्यात धार्मिक नेता पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने संगम में 5 डुबकी लगाई और उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को महाकुंभ में आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जो लोग इस पवित्र अवसर पर नहीं आएंगे उन्हें देशद्रोही माना जाना चाहिए।
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्ष में चार पवित्र नदियों - गंगा, यमुना, सरस्वती, और Godavari, के संगम पर होता है। यह अवसर न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक समरसता का प्रतीक भी है। यहां विभिन्न प्रदेशों से आकर लोग एक साथ मिलते हैं और अपनी आस्था का प्रदर्शन करते हैं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी कहा कि आस्था में हर जगह व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि सभी श्रद्धालुओं को अनुभव करना आसान हो।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री का संदेश
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने संदेश में यह स्पष्ट किया कि महाकुंभ केवल धार्मिक नहीं बल्कि नागरिक जिम्मेदारी भी है। महाकुंभ में आने से व्यक्ति अपनी संस्कृति से जुड़ता है और एकजुटता का अनुभव करता है। उन्होंने कहा कि हर भक्त को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए और अपनी आस्था के साथ संगम में स्नान करना चाहिए।
आस्था में हर जगह व्यवस्था की आवश्यकता है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई न हो। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे सुविधाओं में सुधार करें और भक्तों के लिए सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित करें।
समापन
महाकुंभ का आयोजन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज के सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूत करता है। इसलिए, पंडित धीरेंद्र शास्त्री के इस आह्वान को गंभीरता से लेना चाहिए। कृपया इस महत्वपूर्ण अवसर का हिस्सा बनें और अपनी आस्था को प्रकट करें।
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