भारत ने 65 साल पुराना सिंधु जल समझौता रोका:पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द, अटारी बॉर्डर बंद; भारत के 5 बड़े फैसलों के मायने
पहलगाम हमले के दूसरे दिन भारत ने इसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार माना है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत ने 5 बड़े फैसले लिए हैं। इसमें 65 साल पुरानी सिंधु जल संधि को रोका गया है। अटारी चेक पोस्ट बंद कर दिया गया है। वीजा बंद कर दिया गया और उच्चायुक्तों को हटा दिया है। जानिए, सरकार के इन फैसलों का पाकिस्तान पर क्या असर पड़ेगा... 1. सिंधु जल संधि समझौता स्थगित होने से पाकिस्तान में जल संकट छाएगा, आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी सिंधु जल संधि: 19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच 6 नदियों का पानी बांटने को लेकर एक समझौता हुआ था, जिसे सिंधु जल संधि कहते हैं। समझौते के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास और सतलुज) का अधिकार मिला, जबकि पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चिनाब) का इस्तेमाल करने की परमिशन दी गई। समझौते का मकसद: सिंधु जल समझौते का मकसद था कि दोनों देशों में जल को लेकर कोई संघर्ष न हो और खेती करने में बाधा न आए। हालांकि भारत ने हमेशा इस संधि का सम्मान किया, जबकि पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने के आरोप लगातार लगते रहे हैं। भारत के पाकिस्तान से तीन युद्ध हो चुके हैं, लेकिन भारत ने कभी भी पानी नहीं रोका था, लेकिन पाकिस्तान हर बार भारत में आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार होता है। पाकिस्तान में अब पानी का संकट होगा: पाकिस्तान की 80% खेती सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी पर निर्भर है। अब भारत की तरफ से इन नदियों का पानी रोक देने से पाकिस्तान में जल संकट गहराएगा। वहां की आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी। इसके अलावा पाकिस्तान कई डैम और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स से बिजली बनाता है। पानी की कमी से बिजली उत्पादन में गिरावट आ सकती है, जिससे आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा। 2. अटारी चेक पोस्ट बंद होने से पाकिस्तानियों की आवाजाही नहीं हो सकेगी अटारी चेक पोस्ट के बंद होने से पाकिस्तान के लोगों की आवाजाही तो बंद होगी ही, साथ ही छोटे सामानों को भारत निर्यात नहीं करेगा। इससे वहां के छोटे व्यापारियों को आर्थिक नुकसान होगा। भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को इस रास्ते से लौटने के लिए 1 मई तक का वक्त दिया गया है। इसके बाद वह इस रास्ते से नहीं लौट पाएंगे। साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद से ही पाकिस्तान से द्विपक्षीय व्यापार बंद है। किसी तीसरे देश के माध्यम से भारत-पाकिस्तान के बीच आयात-निर्यात होता है। हालांकि दोनों देशों के बीच छोटे-मोटे सामानों का लेन देन होता है। जैसे- सेंधा नमक, चमड़े का सामान, मुल्तानी मिट्टी, तांबे का सामान, मिनरल मिल्स, ऊन और चूना हैं। 3. वीजा सर्विस के साथ आतंकियों के आने का रास्ता भी बंद भारत ने पाकिस्तानियों के वीजा पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं, SAARC वीजा छूट योजना से भी पाकिस्तान के लोग भारत नहीं आ पाएंगे। फैसले का मकसद: पाकिस्तान के कई लोगों की रिश्तेदारी भारत में है। ऐसे में कई बार पाकिस्तानी लोग रिश्तेदार बनकर भारत आते हैं। इनके अलावा धार्मिक यात्राओं का बहाना करके भारत आते हैं और आतंकी हमलों को अंजाम देते हैं। ऐसे में वीजा सर्विस बंद होने से आतंकियों के भारत आने का रास्ता भी बंद हो जाएगा। 4. हाई कमीशन से डिफेंस एडवाइजर्स हटाए भारत ने नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी हाई कमीशन में तैनात पाकिस्तानी मिलिट्री, नेवी और एयर एडवाइजर्स को अवांछित व्यक्ति घोषित किया है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक हफ्ते का समय है। 1 मई 2025 तक पाकिस्तान के हाई कमीशन में तैनात कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 की जाएगी। भारत ने आजादी के बाद से अब तक दिल्ली में पाकिस्तान के दूतावास को कभी भी बंद नहीं किया है। 5. अपने डिफेंस एडवाइजर्स भी वापस बुलाए पाकिस्तान के डिफेंस एडवाइजर्स हटाने के साथ ही भारत भी अपने मिलिट्री, नेवी और एयर एडवाइजर्स को इस्लामाबाद स्थित इंडियन हाई कमीशन से वापस बुलाएगा। संबंधित हाई कमीशन में ये पद निरस्त माने जाएंगे। दोनों उच्चायोगों से सर्विस एडवाइजर्स के 5 सपोर्ट स्टाफ को भी वापस बुलाया जाएगा। इन दोनों फैसलों का असर

भारत ने 65 साल पुराना सिंधु जल समझौता रोका: भारतीय सरकार के बड़े फैसले और उनके मायने
हाल ही में भारत सरकार ने 65 साल पुराने सिंधु जल समझौते को रोकने का निर्णय लिया है, जो कि भारत और पाकिस्तान के बीच जल बंटवारे को लेकर है। यह समझौता 1960 में स्थापित हुआ था और इसके तहत दोनों देशों के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों का जल वितरण किया गया था। अब भारत द्वारा इस समझौते को रोकने का कदम, जो पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, ने कई राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं।
भारत के 5 बड़े निर्णय
इस निर्णय के साथ-साथ भारत ने अन्य कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख निर्णयों में शामिल हैं:
- पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा रद्द करना
- अटारी बॉर्डर को बंद करना
- सभी प्रकार की द्विपक्षीय वार्ताओं पर रोक लगाना
- सुरक्षा बलों की संख्या में वृद्धि
- जल संसाधनों का अधिकतम उपयोग
समझौते का वर्तमान परिदृश्य
सिंधु जल समझौते के तहत, भारत को कुछ विशेष नदियों का जल उपयोग करने का अधिकार था, जबकि पाकिस्तान को अन्य नदियों का जल उपयोग करने का। लेकिन अब भारत द्वारा इस समझौते को रोकने से, दोनों देशों के बीच जल विवाद और बढ़ने की संभावना है। भारत की इस कार्रवाई को एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि देश अपने जल संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई भी कदम उठाने को तैयार है।
इस निर्णय के मायने
भारत का यह निर्णय केवल जल विवाद तक ही सीमित नहीं है; यह देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और जल प्रबंधन नीतियों से भी जुड़ा हुआ है। यह दर्शाता है कि भारत अपने जल संसाधनों को लेकर कितनी गंभीरता से नीतियाँ बना रहा है। इसके साथ ही, यह पाकिस्तान के साथ चल रही तनावपूर्ण स्थितियों को और बढ़ा सकता है।
सम्पूर्ण रूप से, भारत द्वारा उठाए गए यह कदम न केवल द्विपक्षीय संबंधों पर प्रभाव डाल सकते हैं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी चुनौती बन सकते हैं। आंतरिक और बाह्य राजनैतिक समीकरणों को समझते हुए, इस प्रकार के निर्णय आम जनता में भी चर्चा का विषय बने हुए हैं।
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