15 हजार किमी साइकिल चला कुंभ पहुंचे यश, VIDEO:धर्म को गाली देने वाले को पीटा तो स्कूल से नाम कटा, फिर लिया संकल्प
दिल्ली के 12 साल के यश 12 ज्योतिर्लिंग की यात्रा के लिए साइकिल से निकले हैं। इस यात्रा में वह प्रयागराज महाकुंभ पहुंचे। वो अब तक करीब 15 हजार किमी की यात्रा तय कर चुके हैं। पांच दिन महाकुंभ में रहकर यश ने संगम में डुबकी लगाई और यहां के प्रमुख मंदिरों के दर्शन किए। दैनिक भास्कर से बातचीत में यश ने बताया- स्कूल में एक लड़के ने हिन्दू धर्म को लेकर गाली दी। इस पर मैंने उसकी पिटाई कर दी। इस वजह से मेरा नाम कट गया। मैंने सोचा कि गलत काम तो करना है नहीं। फिर मन में 12 ज्योतिर्लिंग की यात्रा करने का ख्याल आया। मम्मी-पापा ने इसके लिए खूब मना किया, लेकिन मर्जी तो अपनी चलानी थी। इसलिए 9 महीने 17 दिन पहले साइकिल से 12 ज्योतिर्लिंग की यात्रा पर निकल गया। महाराष्ट्र से होता हुआ, महाकुंभ पहुंचा हूं। यहां से रामेश्वरम और फिर ओडीशा जाऊंगा। ये साइकिल यात्रा पवित्र गुफा अमरनाथ के दर्शन करके पूरी होगी। देखें वीडियो…

15 हजार किमी साइकिल चला कुंभ पहुंचे यश, VIDEO: धर्म को गाली देने वाले को पीटा तो स्कूल से नाम कटा, फिर लिया संकल्प
News by indiatwoday.com
यश की अनोखी यात्रा
यश ने 15,000 किमी की साइकिल यात्रा कर कुंभ मेले तक पहुँच कर अपनी प्रेरणादायक कहानी सुनाई। यह केवल एक यात्रा नहीं थी, बल्कि यह धर्म, विश्वास और एकता का प्रतीक बन गई। यश ने यह यात्रा अपने उन सिद्धांतों के लिए की, जिन्हें वह अपने जीवन में निभाते हैं।
धर्म के प्रति आदर
इस बीच, यश ने समाज में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ आवाज उठाई जब उन्होंने एक व्यक्ति को धर्म के खिलाफ अनर्गल बातें करते देखा। यश ने उस व्यक्ति से बात की, लेकिन जब विवाद बढ़ा, तो उन्होंने अपनी रक्षा के लिए कदम उठाए। इस घटना के बाद, उन्हें स्कूल से निष्कासित कर दिया गया।
नए संकल्प का आगाज़
हालांकि, इस कठिनाई ने यश को कमजोर नहीं किया। बल्कि, उन्होंने अपने संकल्प को और मजबूत बनाया कि वे अपने सही विचारों को आगे बढ़ाएंगे और समाज में जागरूकता फैलाएंगे। यश के इस दृढ़ संकल्प ने दिखाया कि जब व्यक्ति अपने विश्वासों के लिए खड़ा होता है, तो वह सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
समग्रता की आवश्यकता
यश की यात्रा केवल उनकी व्यक्तिगत यात्रा नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि व्यक्तिगत संघर्ष और संकल्प के माध्यम से हम समाज में सकारात्मकता ला सकते हैं। कुंभ का यह मेला इसी तरह के विश्वास और समर्पण के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
वीडियो की झलक
यश की यात्रा से जुड़ी वीडियो में उनकी साहसिक यात्रा के अनुभवों के साथ-साथ उन्होंने जो संघर्ष किए, उन पर विस्तार से बताया गया है। यह वीडियो युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
स्कूल से निष्कासन के बावजूद, यश ने अपने मध्य में खड़ा रहकर साहस का परिचय दिया। यह यथार्थवादी स्थिति हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी हमें अपने धर्म और सिद्धांतों की रक्षा के लिए कठिन फैसले लेने पड़ सकते हैं।
यश की कहानी हमें यह सिखाती है कि साहस और विश्वास से हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
सामाजिक संदेश
यश की यात्रा ने समाज में सहिष्णुता, सम्मान और एकजुटता के महत्व को उजागर किया है। इसलिए हमें ऐसे मूल्यों को संजोना चाहिए ताकि हम एक बेहतर समाज की स्थापना कर सकें।
अंतिम विचार
यश की इस अद्भुत यात्रा के माध्यम से हमें सीखना चाहिए कि धर्म, विश्वास और साहस के साथ हम किसी भी कठिनाई का सामना कर सकते हैं। उनकी कहानी एक प्रेरणा है, जो सभी के लिए मार्गदर्शक हो सकती है।
इस प्रकार, यश की कहानी हमें अपने सिद्धांतों की रक्षा करने, साहसी रहने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करती है।
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