ट्रम्प का बाइडेन पर लोकसभा चुनाव में दखल का आरोप:बोले- पूर्व राष्ट्रपति किसी और को जिताना चाहते थे, इसके लिए ₹182 करोड़ का फंड दिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक और बड़ा सियासी बम फोड़ा है। ट्रम्प ने कहा, पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन का प्लान भारत में किसी अन्य नेता (नरेंद्र मोदी के अलावा) को चुनाव जिताने का था। ये बड़ा खुलासा है, हम इस बारे में भारत सरकार को बताएंगे। ट्रम्प गुरुवार को अमेरिकी शहर मियामी में सऊदी सरकार की फ्यूचर इंवेस्टमेंट इनिशिएटिव (FII) समिट में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) ने वोटर टर्नआउट बढ़ाने के नाम पर भारत को 182 करोड़ रुपए का फंड दिया। अमेरिकी चुनाव में रूस ने सिर्फ 2 हजार डॉलर (1.73 लाख रुपए) का इंटरनेट विज्ञापन दिया तो मुद्दा बना था, जबकि अमेरिका भारत को बड़ी रकम दे रहा था। अमेरिका से पैसा भारत आने के 4 स्टेप... 1. पैसा कहां से आया अमेरिकी एजेंसी USAID की तरफ से भारत को दिया गया फंड 4000 करोड़ रुपए के अंतरराष्ट्रीय फंड का हिस्सा था। 2. पैसा भारत तक कैसे पहुंचा यह पैसा कंसोर्टियम फॉर इलेक्शंस एंड पॉलिटिकल प्रोसेस स्ट्रेंथनिंग (CEPPS) नाम की संस्था को दिया गया था। इस संस्था के तीन NGO, IFES (चुनाव जागरुकता के लिए), NDI (लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए) व IRI (नागरिक भागीदारी बढ़ाने के लिए) हैं। CEPPS ने यह पैसा एशिया में काम करने वाले एशियन नेटवर्क फॉर फ्री इलेक्शन (ANFREL) नाम के NGO को दिया। वहां से भारत में IFES को मिला। 3. भारत में पैसा किसे मिला इसके बाद यह पैसा मतदाता जागरूकता से जुड़े NGO, सिविल सोसाइटी समूह, राजनीतिक पार्टियों को दिया गया। इनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। 4. पैसा कैसे खर्च हुआ इन पैसों से इस्तेमाल रैलियां, डोर-टू-डोर कैंपेन और वर्कशॉप चलाए गए। कुछ खास इलाकों में मतदान को बढ़ाने के लिए भी खर्च किया गया। मीडिया प्रचार और केंद्र सरकार के खिलाफ नरेटिव बढ़ाने के लिए प्रचार किया गया। वॉलंटियर्स ट्रेनिंग, रहने-खाने के साथ ट्रैवलिंग खर्च भी दिया गया। कांग्रेस बोली- सरकार USAID पर श्वेत-पत्र लाए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के दावों को बेतुका बताया है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार पिछले 10 साल के दौरान USAID से भारत के सभी सरकारी और गैर सरकारी संगठनों को मिली सहायता पर श्वेत-पत्र लेकर आए। वहीं, भाजपा IT सेल के मुखिया अमित मालवीय ने कहा, पीएम मोदी अपनी चुनावी सभाओं में विदेशी दखल के बारे में चेता चुके हैं। मालवीय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन ताकतों के मोहरा हैं। वे अमेरिका-ब्रिटेन में भारत विरोधी दुष्प्रचार में शामिल रहे। ट्रम्प ने पलटी मारी, बोले- चीन से नई ट्रेड डील संभव, टैरिफ 20% से 10% किया अमेरिकी चुनाव में चीन पर हमलावर रहे ट्रम्प ने फिर पलटी मारी है। ट्रम्प बोले- चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से मेरे अच्छे संबंध हैं। अमेरिका-चीन में जल्द नई ट्रेड डील के आसार हैं। उन्होंने कहा, जैसे मुझे अमेरिकी हितों से प्यार है वैसे ही जिनपिंग भी चीन के हितों से प्यार करते हैं। इससे दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा होती है। दोनों देशों में ट्रेड डील से कोई रास्ता निकल जाएगा। वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि टैरिफ वॉर में कोई विजेता नहीं होता है। ट्रम्प ने पहले चीन पर 20% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था जिसे बाद में घटाकर 10% कर दिया था। ----------------------------------------------- ट्रम्प से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... ट्रम्प सरकार का एक महीना, पहले दिन बाइडेन के 78 आदेश पलटे; भारतीयों को जंजीरों में डिपोर्ट किया अमेरिका में ट्रम्प सरकार का 1 महीना पूरा हो चुका है। 20 जनवरी को राष्ट्रपति बनते ही ट्रम्प ने 100 से ज्यादा एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स पर दस्तखत कर इतिहास बना दिया था। उन्होंने बाइडेन के 78 आदेशों को पलटा था। पूरी खबर पढ़ें...

ट्रम्प का बाइडेन पर लोकसभा चुनाव में दखल का आरोप
हाल ही में, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बाइडेन ने भारत में आगामी लोकसभा चुनाव में दखल देने का प्रयास किया है। ट्रम्प का आरोप है कि बाइडेन किसी अन्य उम्मीदवार को जिताने के लिए ₹182 करोड़ का फंड उपलब्ध कराना चाहते थे। इस समाचार ने दुनिया भर में राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
दखल के आरोप और फंडिंग का विवरण
ट्रम्प ने स्पष्ट किया कि इस फंड का उपयोग चुनावी कार्यकर्ताओं को समर्थन देने और प्रचार गतिविधियों में मदद करने के लिए किया जा रहा था। उन्होंने कहा, "बाइडेन का यह कदम पूरी तरह से अनुचित है और यह भारत के लोकतंत्र के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।" ट्रम्प के अनुसार, यह केवल भारत में चुनावी प्रक्रियाओं को ही नहीं, बल्कि अमेरिका-भारत संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस आरोप के बाद भारत में विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ नेताओं ने ट्रम्प के आरोपों को गंभीरता से लिया है, जबकि अन्य ने इसे एक राजनीतिक रणनीति के रूप में देखा है। इस प्रकरण ने भारत के साथ अमेरिका के संबंधों में एक नया मोड़ ला दिया है।
चुनावों पर दखल और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति
अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में चुनावों में दखल देने के आरोप सामान्य नहीं हैं। कई विश्लेषकों का मानना है कि यह केवल भारतीय राजनीतिक परिदृश्य को ही प्रभावित नहीं करेगा, बल्कि वैश्विक राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है। ट्रम्प के आरोपों के बाद अमेरिका और भारत के बीच की कूटनीतिक संबंधों की दिशा में भी बदलाव आ सकता है।
अंत में, यह कहना उचित होगा कि ट्रम्प के आरोपों ने कई प्रश्नों को जन्म दिया है, और आगे के घटनाक्रम पर सभी की नजरें टकी हुई हैं।
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