काशी हो या प्रयागराज...धर्म-तीर्थ की राह में आती हैं अड़चनें:शिवमहापुराण के 5वें दिन प्रदीप मिश्र बोले- बाबा विश्वनाथ के दरबार में चल जाते खोटे सिक्के

वाराणसी में पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिव महापुराण में कहा कि धर्म और तीर्थ की राह में अड़चनें आती हैं, कदम के आगे बाधाएं बंधन डालती हैं लेकिन हमें उन्हें पार करना है। काशी हो या प्रयागराज... आयोध्या हो या मथुरा... प्रत्येक तीर्थ की राह आसान नहीं होती, सुगम नहीं होती लेकिन दृढ़ संकल्प ले लिया तो भवसागर की मार्ग प्रशस्त हो जाता है। काशी विश्वनाथ का दरबार ऐसा स्थान है जहां खोटे सिक्के भी चल जाते हैं। जो कहीं पार नहीं पाते बाबा के दरबार में माथा टेकने से भव सागर पार हो जाते हैं, मोक्ष पा जाते हैं। काशी में सब कुछ है बस हमें चुनना है कि किस ओर जाना है और क्या पाना है? शिवमहापुराण की कथा कहती है कि तुम्हारे घर में धन आने से किसी के ऊपर कोई कष्ट हो रहा है या तुम्हारे द्वारा कोई कष्ट दिया गया है तो किसी को कष्ट देकर पैसा मत कामना। कमाई खूब करो दिल लगाकर कमाओ, सारी आवश्यकताओं को पूरा करो लेकिन तुम्हारे कमाने में किसी का दिल दुखे। रविवार को डोमरी स्थित सातुवा बाबा गौशाला में शिव महापुराण कथा के पांचवें दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने ओम नमः शिवाय के उच्चारण से कथा का श्रीगणेश किया। शिव की स्तुति में भजन हुए फिर शहनाई की धुन पर श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। हर हर महादेव के जयघोष के साथ पंडाल और कथा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जितने भी व्रत उपवास करिए सोमवार या मंगलवार सभी व्रत का पुण्य भगवान शंकर समयानुसार देंगे। उनकी पंचायत में सब लेखा जोखा है। भगवान शिव के पांचों पंच मिलकर आपके मार्ग को प्रशस्त करते हैं। कहा कि स्पष्ट लिखा है कि संसार में सबकी समस्या है और संसार में को ऐसी समस्या नहीं है, जिसका हल शिवमहापुराण की कथा में नहीं है। संपूर्ण महाराष्ट्र को सनातन के जीत पर व्यासपीठ से बधाई दी । उदाहरण देकर समझाया शिव का महत्व उदाहरण दिया कि बच्चा पिता का हाथ पकड़ के मेला घूमने जाता है तो बिस्किट, झूला सब मांगता है लेकिन यदि हाथ छूट जाए तो केवल अपने पिता से मिलने की तड़प विचलित कर देती है। सारे उत्साह पिता के हाथ छूट जाने के बाद समाप्त हो जाएंगे। इसी तरह कथा में शामिल होकर मानिए भगवान शंकर का हाथ पकड़ लिया है अब सब कुछ मांगिए। भाव रखिए कि भोले शंकर मेरा हाथ पकड़े है। ऐसा लगता है कि वह अपना हाथ से मेरा हाथ पकड़ा हुआ है तो मेला संसार सब अच्छा लगता है। स्कंद पुराण का भी जिक्र प्रदीप मिश्रा ने शिव महापुराण में स्कंद पुराण के अवंतिका खंड का वर्णन किया। बताया कि कर्कोटेश्वर महादेव चौरासी महादेव में दसवें नंबर के देव हैं, कर्कोटेश्वर महादेव हरसिद्धि माता के मंदिर के प्रांगण में कर्कोटेश्वर महादेव विराजमान हैं। भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती और कार्तिक की झांकी भी प्रस्तुत की गई।

Nov 24, 2024 - 20:45
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काशी हो या प्रयागराज...धर्म-तीर्थ की राह में आती हैं अड़चनें:शिवमहापुराण के 5वें दिन प्रदीप मिश्र बोले- बाबा विश्वनाथ के दरबार में चल जाते खोटे सिक्के
वाराणसी में पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिव महापुराण में कहा कि धर्म और तीर्थ की राह में अड़चनें आती हैं, कदम के आगे बाधाएं बंधन डालती हैं लेकिन हमें उन्हें पार करना है। काशी हो या प्रयागराज... आयोध्या हो या मथुरा... प्रत्येक तीर्थ की राह आसान नहीं होती, सुगम नहीं होती लेकिन दृढ़ संकल्प ले लिया तो भवसागर की मार्ग प्रशस्त हो जाता है। काशी विश्वनाथ का दरबार ऐसा स्थान है जहां खोटे सिक्के भी चल जाते हैं। जो कहीं पार नहीं पाते बाबा के दरबार में माथा टेकने से भव सागर पार हो जाते हैं, मोक्ष पा जाते हैं। काशी में सब कुछ है बस हमें चुनना है कि किस ओर जाना है और क्या पाना है? शिवमहापुराण की कथा कहती है कि तुम्हारे घर में धन आने से किसी के ऊपर कोई कष्ट हो रहा है या तुम्हारे द्वारा कोई कष्ट दिया गया है तो किसी को कष्ट देकर पैसा मत कामना। कमाई खूब करो दिल लगाकर कमाओ, सारी आवश्यकताओं को पूरा करो लेकिन तुम्हारे कमाने में किसी का दिल दुखे। रविवार को डोमरी स्थित सातुवा बाबा गौशाला में शिव महापुराण कथा के पांचवें दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने ओम नमः शिवाय के उच्चारण से कथा का श्रीगणेश किया। शिव की स्तुति में भजन हुए फिर शहनाई की धुन पर श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। हर हर महादेव के जयघोष के साथ पंडाल और कथा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जितने भी व्रत उपवास करिए सोमवार या मंगलवार सभी व्रत का पुण्य भगवान शंकर समयानुसार देंगे। उनकी पंचायत में सब लेखा जोखा है। भगवान शिव के पांचों पंच मिलकर आपके मार्ग को प्रशस्त करते हैं। कहा कि स्पष्ट लिखा है कि संसार में सबकी समस्या है और संसार में को ऐसी समस्या नहीं है, जिसका हल शिवमहापुराण की कथा में नहीं है। संपूर्ण महाराष्ट्र को सनातन के जीत पर व्यासपीठ से बधाई दी । उदाहरण देकर समझाया शिव का महत्व उदाहरण दिया कि बच्चा पिता का हाथ पकड़ के मेला घूमने जाता है तो बिस्किट, झूला सब मांगता है लेकिन यदि हाथ छूट जाए तो केवल अपने पिता से मिलने की तड़प विचलित कर देती है। सारे उत्साह पिता के हाथ छूट जाने के बाद समाप्त हो जाएंगे। इसी तरह कथा में शामिल होकर मानिए भगवान शंकर का हाथ पकड़ लिया है अब सब कुछ मांगिए। भाव रखिए कि भोले शंकर मेरा हाथ पकड़े है। ऐसा लगता है कि वह अपना हाथ से मेरा हाथ पकड़ा हुआ है तो मेला संसार सब अच्छा लगता है। स्कंद पुराण का भी जिक्र प्रदीप मिश्रा ने शिव महापुराण में स्कंद पुराण के अवंतिका खंड का वर्णन किया। बताया कि कर्कोटेश्वर महादेव चौरासी महादेव में दसवें नंबर के देव हैं, कर्कोटेश्वर महादेव हरसिद्धि माता के मंदिर के प्रांगण में कर्कोटेश्वर महादेव विराजमान हैं। भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती और कार्तिक की झांकी भी प्रस्तुत की गई।

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