गंगा, पांडु नदी में गिरने वाले 14 नाले होंगे टैप:NMCG ने दी सहमति; IIT रुड़की को बनाया गया टेक्निकल पार्टनर
अब गंगा और पांडु नदी में गिर रहे 14 नालों की गंदगी से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी। इन नालों को बायोरेमेडिएशन के जरिए साफ करने का दावा किया जा रहा था। 5 नाले गुप्त भी मिले हैं। आईआईटी रुड़की होगी टेक्निकल पार्टनर नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) ने 166 करोड़ रुपये से 14 नालों को टैप करने की सैद्धान्तिक सहमति दे दी है। आईआईटी रुड़की को टेक्निकल पार्टनर बनाया गया है, जिसकी तरफ से सर्वे कर रिपोर्ट दी जाएगी। जल्द ही आईआईटी रुड़की की टीम शहर आकर सर्वे करेगी। दिल्ली से ऑनलाइन हुई मीटिंग दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल और एमडी जल निगम डॉ. राजशेखर समेत एनएमसीजी के अफसरों की बैठक हुई। इसमें नगर आयुक्त सुधीर कुमार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। शहर के कुल 28 नालों पर मंथन हुआ। इसमें से 14 नाले पहले से टैप हैं। बचे हुए 9 और 5 गुप्त नालों पर रिव्यू किया गया। इसमें सभी नालों को टैप करने पर सहमति बनी है। गंगा और पांडु नदी में गिर रहे नाले जल निगम के मुताबिक शहर में 28 नाले हैं। इनमें 19 गंगा और नौ पांडु नदी में जाते हैं। गंगा के 18 नालों में 11 टैप हैं। सात अनटैप हैं जबकि एक बरसाती नाला है जिसमें सीवेज नहीं होता है। इसी तरह पांडु नदी के आठ नालों में से 3 नाले टैप हैं। तीन नाले अनटैप्ड और 2 नाले आंशिक रूप से टैप हैं। 14 नालों को पूरी तरह से बंद करने का प्रस्ताव जल निगम ने गंगा में गिरने वाले 6 अनटैप्ड, पांडु नदी में जाने वाले 3 अनटैप्ड और 2 आंशिक टैप समेत कुल 14 नालों को पूरी तरह बंद करने का प्रस्ताव बनाया था। इन नालों से गंगा में रोज 1.75 करोड़ लीटर और पांडु में रोज 2.2 करोड़ लीटर सीवेज गिरता था। मामले में बोले एमडी जल निगम नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि केंद्रीय जलशक्ति मंत्री की बैठक में 166 नालों को टैप करने के लिए एनएमसीजी ने सैद्धान्तिक सहमति दे दी हैं। आईआईटी रुड़की की टीम सर्वे करके रिपोर्ट देगी। तब काम शुरू होगा। इसमें पांच गुप्त नाले भी हैं। एमडी जल निगम डा. राजशेखर ने बताया कि अब शहर में गंगा व पांडु में जाने वाले सभी नाले टैप होंगे। इसकी मंजूरी हो गई है।

गंगा, पांडु नदी में गिरने वाले 14 नाले होंगे टैप: NMCG ने दी सहमति; IIT रुड़की को बनाया गया टेक्निकल पार्टनर
गंगा और पांडु नदी की स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। News by indiatwoday.com के अनुसार, राष्ट्रीय मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) ने 14 नालों को टैप करने के लिए सहमति प्रदान की है। यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण और जल गुणवत्ता में सुधार लाने के संबंध में महत्वपूर्ण है।
NMCG का उद्देश्यों और महत्व
NMCG का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी की स्वास्थ्य स्थिति को सुधारना और इसका संरक्षण करना है। 14 नालों का टैप होना ऐसे सभी नालों के सीधे गंगा और पांडु नदी में गिरने से रोकने का कार्य करेगा, जिससे नदी जल प्रदूषण में कमी आएगी।
IIT रुड़की का तकनीकी सहयोग
IIT रुड़की को इस परियोजना के लिए तकनीकी भागीदार बनाया गया है। यह प्रतिष्ठित संस्थान अपने ज्ञान और तकनीकी विशेषज्ञता के साथ इस नाले टैपिंग प्रोजेक्ट को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यहाँ नालों की वैज्ञानिक अध्ययन और संसाधन प्रबंधन पर ध्यान दिया जाएगा।
परियोजना के अपेक्षित लाभ
इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन से न केवल गंगा और पांडु नदी के जल की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी और जैव विविधता भी संरक्षित होगी। इसके अतिरिक्त, यह कदम स्थानीय निवासियों के लिए स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार करता है।
निवेश और समय-सीमा
इस पहल में सरकारी और निजी क्षेत्र के निवेश की संभावना है, ताकि परियोजना को समय पर पूरा किया जा सके। NMCG ने इस कार्य को शीघ्रता से पूरा करने का लक्ष्य रखा है, और IIT रुड़की की तकनीकी जानकारी से यह प्रक्रिया तेज हो सकती है।
इस परियोजना के साथ ही, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि स्थानीय समुदायों को इसके लाभ और कार्यों के बारे में समय-समय पर जानकारी दी जाए। इससे न केवल जागरूकता बढ़ेगी बल्कि जल संसाधनों के संरक्षण में स्थानीय योगदान भी सुनिश्चित होगा।
अधिक जानकारी और अपडेट के लिए, कृपया indiatwoday.com पर जाएं। गंगा नदी, पांडु नदी, NMCG, IIT रुड़की, नाले टैपिंग, जल प्रदूषण, स्वच्छ गंगा, पर्यावरण संरक्षण, जल गुणवत्ता सुधार, नदियों का संरक्षण, तकनीकी भागीदार, पारिस्थितिकी, जैव विविधता, सरकारी निवेश, स्थानीय समुदाय, जागरूकता
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