गंगा में नहाते वक्त भाई-बहन समेत तीन डूबते बचे:स्थानीय लोगों की तत्परता से बची जान, हरदोई के हबेरिया घाट पर बड़ा हादसा टला

हरदोई के मल्लावां क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा के पांच दिन पहले शुरू होने वाले पचभीखा मेले में सोमवार को गंगा में स्नान के दौरान भाई-बहन समेत तीन लोग डूबने लगे। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों की सूझ-बूझ से तीनों को बचा लिया गया। जानकारी के अनुसार, बरहुवां गांव के सुनील के परिवार के तीन सदस्य अंशिका (18), संघर्ष (11) और मनीष (19) गंगा में स्नान करने के लिए हबेरिया घाट पर गए थे। इस दौरान आंशिका और मनीष गहरे पानी में चले गए। खुशनसीबी से, कुछ दूरी पर एक श्रद्धालु ने मनीष को पकड़कर बाहर खींच लिया और आंशिका को तौलिया पकड़ा कर गहरे पानी से बाहर निकाला। इसके बाद सभी को पुलिस की मदद से सीएचसी मल्लावां पहुंचाया गया, जहां डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार देकर उन्हें जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। नजदीकी पीएचसी पर नहीं मिले डॉक्टर बेरियाघाट मेला क्षेत्र में स्थित पीएचसी कुतुवापुर, जहां से कुछ ही दूरी पर यह घटना घटी, वहां डॉक्टर की अनुपस्थिति ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया। पुलिस गाड़ी से गंभीर हालत में आंशिका को लेकर पहुंचे, लेकिन वहां डॉक्टर न मिलने से केवल फार्मासिस्ट, लैब असिस्टेंट और वार्ड बॉय मौजूद थे। पुलिस की सक्रियता से बची जान मल्लावां कोतवाली के चालक रितेश कुमार की तत्परता ने आंशिका की जान बचाई। पीएचसी कुतुवापुर में डॉक्टर न मिलने के बाद, रितेश ने आंशिका को मल्लावां सीएससी में भर्ती कराया, जहां एक घंटे बाद उसे होश आया। रितेश कुमार इससे पहले भी एक घायल युवक को CPR देकर उसकी जान बचा चुके थे। अधीक्षक बोले- डॉक्टर की थी पोस्टमॉर्टम में ड्यूटी माधोगंज के अधीक्षक ने बताया कि पीएचसी कुतुआपुर में डॉक्टर लोकेश तैनात थे, लेकिन उनकी ड्यूटी पोस्टमार्टम हाउस में लगी हुई थी। अन्य सभी स्टाफ मौके पर मौजूद थे।

Nov 11, 2024 - 14:30
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गंगा में नहाते वक्त भाई-बहन समेत तीन डूबते बचे:स्थानीय लोगों की तत्परता से बची जान, हरदोई के हबेरिया घाट पर बड़ा हादसा टला
हरदोई के मल्लावां क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा के पांच दिन पहले शुरू होने वाले पचभीखा मेले में सोमवार को गंगा में स्नान के दौरान भाई-बहन समेत तीन लोग डूबने लगे। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों की सूझ-बूझ से तीनों को बचा लिया गया। जानकारी के अनुसार, बरहुवां गांव के सुनील के परिवार के तीन सदस्य अंशिका (18), संघर्ष (11) और मनीष (19) गंगा में स्नान करने के लिए हबेरिया घाट पर गए थे। इस दौरान आंशिका और मनीष गहरे पानी में चले गए। खुशनसीबी से, कुछ दूरी पर एक श्रद्धालु ने मनीष को पकड़कर बाहर खींच लिया और आंशिका को तौलिया पकड़ा कर गहरे पानी से बाहर निकाला। इसके बाद सभी को पुलिस की मदद से सीएचसी मल्लावां पहुंचाया गया, जहां डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार देकर उन्हें जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। नजदीकी पीएचसी पर नहीं मिले डॉक्टर बेरियाघाट मेला क्षेत्र में स्थित पीएचसी कुतुवापुर, जहां से कुछ ही दूरी पर यह घटना घटी, वहां डॉक्टर की अनुपस्थिति ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया। पुलिस गाड़ी से गंभीर हालत में आंशिका को लेकर पहुंचे, लेकिन वहां डॉक्टर न मिलने से केवल फार्मासिस्ट, लैब असिस्टेंट और वार्ड बॉय मौजूद थे। पुलिस की सक्रियता से बची जान मल्लावां कोतवाली के चालक रितेश कुमार की तत्परता ने आंशिका की जान बचाई। पीएचसी कुतुवापुर में डॉक्टर न मिलने के बाद, रितेश ने आंशिका को मल्लावां सीएससी में भर्ती कराया, जहां एक घंटे बाद उसे होश आया। रितेश कुमार इससे पहले भी एक घायल युवक को CPR देकर उसकी जान बचा चुके थे। अधीक्षक बोले- डॉक्टर की थी पोस्टमॉर्टम में ड्यूटी माधोगंज के अधीक्षक ने बताया कि पीएचसी कुतुआपुर में डॉक्टर लोकेश तैनात थे, लेकिन उनकी ड्यूटी पोस्टमार्टम हाउस में लगी हुई थी। अन्य सभी स्टाफ मौके पर मौजूद थे।

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