गुजरात में अब नकली आईएएस अफसर पकड़ाया:नौकरी दिलाने के नाम पर की ठगी, 2 इनोवा कार किराए पर लेकर सायरन लगवाए

गुजरात में फर्जी सरकारी अधिकारियों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अहमदाबाद शहर के पालडी इलाके में रहने वाले और ट्रैवल बिजनेस चलाने वाला एक शख्श फर्जी आईएएस अधिकारी ही बन बैठा। पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपी ने नौकरी लगवाने के नाम पर कई लोगों को चूना लगाया। दो इनोवा कार किराए पर ले रखी थीं आरोपी मेहुल शाह ने खुद को आईएएस अधिकारी बताने के लिए दो इनोवा किराए पर ले रखी थीं। साथ ही ड्राइवर के अलावा दो बाउंसर भी रखता था, ताकि लोग उससे प्रभावित हों। इसके बाद कार में सायरन और पर्दे लगाने के लिए गृह मंत्रालय के सचिव के हस्ताक्षर वाला लेटर भी खुद ही तैयार कर लिया था। उसने सरकारी नौकरी के लिए अहमदाबाद जिला शिक्षा अधिकारी का फर्जी लेटर देकर कई लोगों से लाखों रुपए वसूले। ऐसी शिकायत अहमदाबाद क्राइम ब्रांच में दर्ज की गई है। स्कूल को सीबीएसई बनाने का कहकर ठगा इसके अलावा मेहुल शाह के निशाने पर 2 महीने तक असारवा का एक स्कूल भी रहा। मेहुल ने ट्रस्टी से 10 लाख रुपए यह कहकर ले लिए थे कि वह स्कूल को सीबीएसई स्कूल बनवा देगा। इतना ही नहीं, डीईओ को भी अपनी बातों में फंसाकर स्कूल के एक सम्मान समारोह में बुला लिया था। मेहुल ने इन्हें अपनी पहचान केंद्र सरकार के साइंस एंड रिसर्च डिपार्टमेंट में डाटरेक्टर और साइंटिस्ट के रूप में बताई थी। मेरे 10 लाख रुपए अभी तक नहीं दिए गए - स्कूल ट्रस्टी स्कूल ट्रस्टी दहयाभाई पटेल ने कहा कि मेहुल शाह ने खुद को एक सरकारी अधिकारी बताया। वह इनोवा कार से ही स्कूल आता था, जिसके आगे भारत सरकार लिखा होता था। उसने तो स्कूल खरीदने के लिए हमसे 35 करोड़ का सौदा करने की भी बात कही थी। उसने यह पैसा दक्षिण भारत में अपने चाय बागानों की बिक्री के बाद देने को कहा था। उसने हाल ही बताया था कि वह सुरेंद्रनगर से अहमदाबाद शिफ्ट हो रहा है, जिसके लिए उसे 10 लाख रुपए की जरूरत है। मैंने उस पर भरोसा कर उसे 10 लाख रुपए दे दिए थे, जो उसने अब तक नहीं लौटाए। बाद में मुझे जब उस पर शक हुआ तो उसने स्कूल आना ही बंद कर दिया था। नंबर भी नहीं लग रहा था। फिर मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। ये खबरें भी पढ़ें... फर्जी कोर्ट चला रहा था; विवादित मामलों में फैसले देकर 100 एकड़ जमीन भी हड़पी गुजरात में एक शख्स ने फर्जी ट्रिब्यूनल बनाया। खुद को उसका जज बताया और गांधीनगर में बने अपने ऑफिस में असली अदालत जैसा माहौल बनाते हुए फैसले भी सुनाए। बतौर ऑर्बिट्रेटर (मध्यस्थ) नकली जज मॉरिस ने अरबों रुपए की करीब 100 एकड़ सरकारी जमीन अपने नाम कर ऑर्डर पारित किए। पूरी खबर पढ़ें... गुजरात में अब फर्जी DySP गिरफ्तार:फैमिली कोर्ट का ड्राइवर है आरोपी गुजरात में फर्जी अधिकारियों के पकड़े जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। फर्जी सरकारी ऑफिस, फर्जी टोल बूथ, फर्जी पीएमओ-सीएमओ अधिकारी के बाद अब विनीत दवे नाम के फर्जी डीवाईएसपी को अरेस्ट किया गया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी जूनागढ़ में फैमिली कोर्ट का ड्राइवर है। पूरी खबर पढ़ें...

Nov 25, 2024 - 16:45
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गुजरात में अब नकली आईएएस अफसर पकड़ाया:नौकरी दिलाने के नाम पर की ठगी, 2 इनोवा कार किराए पर लेकर सायरन लगवाए
गुजरात में फर्जी सरकारी अधिकारियों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अहमदाबाद शहर के पालडी इलाके में रहने वाले और ट्रैवल बिजनेस चलाने वाला एक शख्श फर्जी आईएएस अधिकारी ही बन बैठा। पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपी ने नौकरी लगवाने के नाम पर कई लोगों को चूना लगाया। दो इनोवा कार किराए पर ले रखी थीं आरोपी मेहुल शाह ने खुद को आईएएस अधिकारी बताने के लिए दो इनोवा किराए पर ले रखी थीं। साथ ही ड्राइवर के अलावा दो बाउंसर भी रखता था, ताकि लोग उससे प्रभावित हों। इसके बाद कार में सायरन और पर्दे लगाने के लिए गृह मंत्रालय के सचिव के हस्ताक्षर वाला लेटर भी खुद ही तैयार कर लिया था। उसने सरकारी नौकरी के लिए अहमदाबाद जिला शिक्षा अधिकारी का फर्जी लेटर देकर कई लोगों से लाखों रुपए वसूले। ऐसी शिकायत अहमदाबाद क्राइम ब्रांच में दर्ज की गई है। स्कूल को सीबीएसई बनाने का कहकर ठगा इसके अलावा मेहुल शाह के निशाने पर 2 महीने तक असारवा का एक स्कूल भी रहा। मेहुल ने ट्रस्टी से 10 लाख रुपए यह कहकर ले लिए थे कि वह स्कूल को सीबीएसई स्कूल बनवा देगा। इतना ही नहीं, डीईओ को भी अपनी बातों में फंसाकर स्कूल के एक सम्मान समारोह में बुला लिया था। मेहुल ने इन्हें अपनी पहचान केंद्र सरकार के साइंस एंड रिसर्च डिपार्टमेंट में डाटरेक्टर और साइंटिस्ट के रूप में बताई थी। मेरे 10 लाख रुपए अभी तक नहीं दिए गए - स्कूल ट्रस्टी स्कूल ट्रस्टी दहयाभाई पटेल ने कहा कि मेहुल शाह ने खुद को एक सरकारी अधिकारी बताया। वह इनोवा कार से ही स्कूल आता था, जिसके आगे भारत सरकार लिखा होता था। उसने तो स्कूल खरीदने के लिए हमसे 35 करोड़ का सौदा करने की भी बात कही थी। उसने यह पैसा दक्षिण भारत में अपने चाय बागानों की बिक्री के बाद देने को कहा था। उसने हाल ही बताया था कि वह सुरेंद्रनगर से अहमदाबाद शिफ्ट हो रहा है, जिसके लिए उसे 10 लाख रुपए की जरूरत है। मैंने उस पर भरोसा कर उसे 10 लाख रुपए दे दिए थे, जो उसने अब तक नहीं लौटाए। बाद में मुझे जब उस पर शक हुआ तो उसने स्कूल आना ही बंद कर दिया था। नंबर भी नहीं लग रहा था। फिर मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। ये खबरें भी पढ़ें... फर्जी कोर्ट चला रहा था; विवादित मामलों में फैसले देकर 100 एकड़ जमीन भी हड़पी गुजरात में एक शख्स ने फर्जी ट्रिब्यूनल बनाया। खुद को उसका जज बताया और गांधीनगर में बने अपने ऑफिस में असली अदालत जैसा माहौल बनाते हुए फैसले भी सुनाए। बतौर ऑर्बिट्रेटर (मध्यस्थ) नकली जज मॉरिस ने अरबों रुपए की करीब 100 एकड़ सरकारी जमीन अपने नाम कर ऑर्डर पारित किए। पूरी खबर पढ़ें... गुजरात में अब फर्जी DySP गिरफ्तार:फैमिली कोर्ट का ड्राइवर है आरोपी गुजरात में फर्जी अधिकारियों के पकड़े जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। फर्जी सरकारी ऑफिस, फर्जी टोल बूथ, फर्जी पीएमओ-सीएमओ अधिकारी के बाद अब विनीत दवे नाम के फर्जी डीवाईएसपी को अरेस्ट किया गया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी जूनागढ़ में फैमिली कोर्ट का ड्राइवर है। पूरी खबर पढ़ें...

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