फोन टैपिंग मामले में गहलोत के पूर्व-ओएसडी लोकेश शर्मा गिरफ्तार:कुछ देर बाद जमानत, बन सकते हैं सरकारी गवाह; केंद्रीय मंत्री ने दर्ज करवाया था केस

फोन टैपिंग केस में पूर्व सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा को दिल्ली पुलिस की प्रशांत विहार क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। 14 नवंबर को खुद लोकेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में फोन टै​पिंग केस में दायर गिरफ्तारी से राहत देने और केस राजस्थान ट्रांसफर करने की याचिका वापस ले ली थी। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक हट गई थी। अब सोमवार को क्राइम ब्रांच ने उन्हें अरेस्ट कर लिया है। हालांकि गिरफ्तारी के कुछ देर बाद ही लोकेश शर्मा की जमानत हो गई। सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय जुलाई 2020 में गहलोत सरकार पर बीजेपी ने फोन टैपिंग के आरोप लगाए थे। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मार्च 2021 में लोकेश शर्मा सहित पुलिस अफसरों पर फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस में केस दर्ज करवाया था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इस मामले में जांच कर रही है। सरकारी गवाह बन सकते हैं लोकेश शर्मा लोकेश शर्मा फोन टैपिंग केस में सरकारी गवाह बन सकते हैं। अगर वो सरकारी गवाह बनते हैं तो उन्हें आगे इस केस में राहत मिल जाएगी। इस केस में जिस तरह उन्हें आसानी से जमानत मिली है, उसे सरकारी गवाह बनने की संभावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है। फोन टैपिंग केस में दिल्ली क्राइम ब्रांच की जांच आगे बढ़ती है तो पूर्व सीएम अशोक गहलोत, तत्कालीन एसीएस होम, कई वरिष्ठ पुलिस अफसरों और सीएमओ में रहे अफसरों से भी पूछताछ हो सकती है। लोकेश शर्मा ने बयान में कहा था- पूर्व सीएम गहलोत से हो पूछताछ लोकेश शर्मा ने क्राइम ब्रांच में दिए बयानों में कहा था- फोन टै​पिंग में मेरी कोई भूमिका नहीं है। अशोक गहलोत ने ही मुझे पेन ड्राइव में ऑडियो क्लिप देते हुए कहा था कि इसे मीडिया में भेज दो। मेरी फोन टै​पिंग में कोई भूमिका नहीं है। अब इस मामले में जो कुछ बता सकते हैं, वह गहलोत ही बता सकते हैं। अब अशोक गहलोत से क्राइम ब्रांच पूछताछ करे। इसे लेकर लोकेश शर्मा ने अपना फोन, पेन ड्राइव और कुछ सबूत भी दिल्ली पुलिस को दिए थे। दिल्ली क्राइम ब्रांच से पूछताछ में लोकेश शर्मा ने दिल्ली क्राइम ब्रांच को दिए बयानों में ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया से मिलने की बात कही थी। बाद में लोकेश ने गहलोत के खिलाफ स्टैंड लेते हुए बयान बदल दिए। पायलट सहित विधायकों के फोन सर्विलांस पर थे : लोकेश लोकेश शर्मा ने 2020 के फोन टै​पिंग मामले में मीडिया के सामने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि 16 जुलाई 2020 को तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत होटल फेयरमोंट आए थे। उनके होटल से निकलने के एक घंटे बाद मेरे पास गहलोत के पीएसओ रहे रामनिवास का कॉल आया था। कहा था- सीएम ने आपको बुलाया है। मैं पिंक हाउस पहुंचा तो गहलोत जी मेरा इंतजार कर रहे थे। गहलोत ने मुझे एक प्रिंटेड कागज और एक पेन ड्राइव दी। उसमें तीन ऑडियो क्लिप थी, जिसमें विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात थी। लोकेश शर्मा ने कहा था-ऑडियो को वायरल करने के बाद भी, जब तक खबर नहीं आई। गहलोत ने मुझे दो बार वॉट्सऐप कॉल कर पूछा न्यूज में चला क्यों नहीं। जैसे ही खबर आई तो मुझे पता चला कि ऑडियो क्लिप में क्या है। मुझे सिर्फ डायरेक्शन दिए गए, जिसकी मैंने पालना की थी। लोकेश शर्मा ने कहा था- जैसे ही अशोक गहलोत को पता चला कि पायलट कुछ विधायकों के साथ आलाकमान से मिलने जा रहे हैं, उन्होंने सारा षड्यंत्र रचा था। जो लोग उनके (सचिन पायलट) साथ गए थे, उनके फोन सर्विलांस पर थे। सभी को ट्रैक किया जा रहा था। इसमें पायलट भी शामिल थे। सभी का मूवमेंट पता किया जा रहा था। पायलट खेमे की बगावत के वक्त फोन टै​पिंग विवाद उठा था जुलाई 2020 में सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय लोकेश शर्मा ने मीडिया को कुछ ऑडियो क्लिप भेजे थे। इसमें सरकार गिराने की साजिश रचने के आरोप थे। उन क्लिप में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत की दिवंगत कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा और तत्कालीन मंत्री विश्वेंद्र सिंह की बातचीत का दावा किया गया था, जिसमें सरकार गिराने की साजिश का आरोप था। इस ऑडियो क्लिप के सामने आने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर फोन टै​पिंग के आरोप लगाए थे। बीजेपी ने सरकार से ऑडियो के सोर्स के बारे में पूछा था। यह मामला विधानसभा और सांसद में भी उठा था। सरकार ने विधानसभा में दिए जवाब में भी यह बात मानी थी कि लोकेश शर्मा ने ऑडियो सोशल मीडिया से लेकर वायरल किया था। इसके बाद मार्च 2021 में गजेंद्र शेखावत ने केस दर्ज करवाया था। पढ़िए, लोकेश शर्मा और गहलोत के बीच बातचीत का ऑडियो, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि पूरा मामला इसी से संबधित था...

Nov 25, 2024 - 16:45
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फोन टैपिंग मामले में गहलोत के पूर्व-ओएसडी लोकेश शर्मा गिरफ्तार:कुछ देर बाद जमानत, बन सकते हैं सरकारी गवाह; केंद्रीय मंत्री ने दर्ज करवाया था केस
फोन टैपिंग केस में पूर्व सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा को दिल्ली पुलिस की प्रशांत विहार क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। 14 नवंबर को खुद लोकेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में फोन टै​पिंग केस में दायर गिरफ्तारी से राहत देने और केस राजस्थान ट्रांसफर करने की याचिका वापस ले ली थी। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक हट गई थी। अब सोमवार को क्राइम ब्रांच ने उन्हें अरेस्ट कर लिया है। हालांकि गिरफ्तारी के कुछ देर बाद ही लोकेश शर्मा की जमानत हो गई। सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय जुलाई 2020 में गहलोत सरकार पर बीजेपी ने फोन टैपिंग के आरोप लगाए थे। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मार्च 2021 में लोकेश शर्मा सहित पुलिस अफसरों पर फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस में केस दर्ज करवाया था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इस मामले में जांच कर रही है। सरकारी गवाह बन सकते हैं लोकेश शर्मा लोकेश शर्मा फोन टैपिंग केस में सरकारी गवाह बन सकते हैं। अगर वो सरकारी गवाह बनते हैं तो उन्हें आगे इस केस में राहत मिल जाएगी। इस केस में जिस तरह उन्हें आसानी से जमानत मिली है, उसे सरकारी गवाह बनने की संभावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है। फोन टैपिंग केस में दिल्ली क्राइम ब्रांच की जांच आगे बढ़ती है तो पूर्व सीएम अशोक गहलोत, तत्कालीन एसीएस होम, कई वरिष्ठ पुलिस अफसरों और सीएमओ में रहे अफसरों से भी पूछताछ हो सकती है। लोकेश शर्मा ने बयान में कहा था- पूर्व सीएम गहलोत से हो पूछताछ लोकेश शर्मा ने क्राइम ब्रांच में दिए बयानों में कहा था- फोन टै​पिंग में मेरी कोई भूमिका नहीं है। अशोक गहलोत ने ही मुझे पेन ड्राइव में ऑडियो क्लिप देते हुए कहा था कि इसे मीडिया में भेज दो। मेरी फोन टै​पिंग में कोई भूमिका नहीं है। अब इस मामले में जो कुछ बता सकते हैं, वह गहलोत ही बता सकते हैं। अब अशोक गहलोत से क्राइम ब्रांच पूछताछ करे। इसे लेकर लोकेश शर्मा ने अपना फोन, पेन ड्राइव और कुछ सबूत भी दिल्ली पुलिस को दिए थे। दिल्ली क्राइम ब्रांच से पूछताछ में लोकेश शर्मा ने दिल्ली क्राइम ब्रांच को दिए बयानों में ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया से मिलने की बात कही थी। बाद में लोकेश ने गहलोत के खिलाफ स्टैंड लेते हुए बयान बदल दिए। पायलट सहित विधायकों के फोन सर्विलांस पर थे : लोकेश लोकेश शर्मा ने 2020 के फोन टै​पिंग मामले में मीडिया के सामने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि 16 जुलाई 2020 को तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत होटल फेयरमोंट आए थे। उनके होटल से निकलने के एक घंटे बाद मेरे पास गहलोत के पीएसओ रहे रामनिवास का कॉल आया था। कहा था- सीएम ने आपको बुलाया है। मैं पिंक हाउस पहुंचा तो गहलोत जी मेरा इंतजार कर रहे थे। गहलोत ने मुझे एक प्रिंटेड कागज और एक पेन ड्राइव दी। उसमें तीन ऑडियो क्लिप थी, जिसमें विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात थी। लोकेश शर्मा ने कहा था-ऑडियो को वायरल करने के बाद भी, जब तक खबर नहीं आई। गहलोत ने मुझे दो बार वॉट्सऐप कॉल कर पूछा न्यूज में चला क्यों नहीं। जैसे ही खबर आई तो मुझे पता चला कि ऑडियो क्लिप में क्या है। मुझे सिर्फ डायरेक्शन दिए गए, जिसकी मैंने पालना की थी। लोकेश शर्मा ने कहा था- जैसे ही अशोक गहलोत को पता चला कि पायलट कुछ विधायकों के साथ आलाकमान से मिलने जा रहे हैं, उन्होंने सारा षड्यंत्र रचा था। जो लोग उनके (सचिन पायलट) साथ गए थे, उनके फोन सर्विलांस पर थे। सभी को ट्रैक किया जा रहा था। इसमें पायलट भी शामिल थे। सभी का मूवमेंट पता किया जा रहा था। पायलट खेमे की बगावत के वक्त फोन टै​पिंग विवाद उठा था जुलाई 2020 में सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय लोकेश शर्मा ने मीडिया को कुछ ऑडियो क्लिप भेजे थे। इसमें सरकार गिराने की साजिश रचने के आरोप थे। उन क्लिप में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत की दिवंगत कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा और तत्कालीन मंत्री विश्वेंद्र सिंह की बातचीत का दावा किया गया था, जिसमें सरकार गिराने की साजिश का आरोप था। इस ऑडियो क्लिप के सामने आने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर फोन टै​पिंग के आरोप लगाए थे। बीजेपी ने सरकार से ऑडियो के सोर्स के बारे में पूछा था। यह मामला विधानसभा और सांसद में भी उठा था। सरकार ने विधानसभा में दिए जवाब में भी यह बात मानी थी कि लोकेश शर्मा ने ऑडियो सोशल मीडिया से लेकर वायरल किया था। इसके बाद मार्च 2021 में गजेंद्र शेखावत ने केस दर्ज करवाया था। पढ़िए, लोकेश शर्मा और गहलोत के बीच बातचीत का ऑडियो, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि पूरा मामला इसी से संबधित था...

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